राष्ट्रीय

सरकार ने गाड़ी कीलें, वहां किसानों ने रोप दिए फूलों के पौधे

सरकार ने जहां-जहां कील लगवाईं थीं किसानों ने वहीं पर फूलों के पौधे लगाने का निर्णय लिया है।इसके लिए दो डंपर मिटटी भी गाजीपुर बॉर्डर पर मंगवा ली गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के नेता राकेश टिकैत कीलों वाली जगह पर फूलों के पौधे रोपने का काम कर रहे हैं।  किसानों ने सड़क के एक हिस्से में फूलों के पौधे लगाते हुए कहा कि वे पुलिस द्वारा इलाके में लगायी गयी कीलों के जवाब में ऐसा किया है।

दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करते हुए प्रदर्शन स्थल के आसपास कंटीले तार लगा दिए गए और सड़कों पर कीलें लगा दी गयी। सीमेंट के बड़े बड़े अवरोधक से भी रास्ता अवरूद्ध कर दिया गया।सांकेतिक तौर पर किसानों ने बैरिकेडिंग के पास गेंदे के पौधे लगाए। यहां राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस हमारी राह में कांटें बो रही है और हमने फूल बोने का निर्णय लिया है। ऐसे में किसान दिल्ली से डाबर तिराहे की ओर जाने वाली सड़क के मोड़ पर पुष्प वाटिका विकसित कर रहे हैं। जिससे सड़क के किनारे पड़ी गंदगी को हटाकर यहां हरा-भरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि फूलों की वाटिका दिल्ली पुलिस के कांटों की याद दिलाती रहेगी और फूल के पौधे वातावरण को सुगंधित करेंगे। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि हो सकता है इन फूलों की सुगंध से ही कुछ अच्छा होने की शुरुआत हो जाए।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘पुलिस ने किसानों के लिए लोहे की कीलें लगायी थी लेकिन हमने उनके लिए फूलों के पौधे लगाने का फैसला किया।’’

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