पंजाब

मंत्रीमंडल द्वारा ‘मिशन लाल लकीर’ को सभी गांवों में लागू करने को मंजूरी

मंत्रीमंडल द्वारा ‘मिशन लाल लकीर’ को सभी गांवों में लागू करने को मंजूरी

छोटे/सीमांत किसानों को लंबे समय से कब्जे अधीन जमीनें अलाट करने को भी दी मंजूरी

चंडीगढ़, 19 फरवरीः

गाँवों में बसते लोगों को जायदादों के मुद्रीकरन के अधिकार प्रदान करने और सरकारी विभागों/संस्थाओं और बैंकों के द्वारा मुहैया करवाए जाते अलग-अलग लाभों का फायदा लेने के लिए पंजाब कैबिनेट ने आज राज्य भर के सभी गाँवों में मिशन लाल लकीर को लागू करन को मंजूरी दे दी है।

लाल लकीर में आती ऐसी जायदादों के लिए अधिकारों का कोई रिकार्ड उपलब्ध न होने के कारण इनका मौजूदा समय जायदाद के असली मूल्य के अनुसार मुद्रीकरण नहीं किया जा सकता और न ही गहने रखा जा सकता है। लाल लकीर के अंदर ऐसे परिवार हैं जिनके पास लाल लकीर के क्षेत्रों के इलावा अन्य जायदाद नहीं है और जब जायदाद के मुद्रीकरण या असली मूल्य की बात आती है तो यह उनके लिए नुकसान की बात है

मिशन लाल लकीर के अंतर्गत स्वामित्व के स्कीम अधीन भारत सरकार के सहयोग से राज्य के गाँवों में लाल लकीर की जायदादों का रिकार्ड तैयार किया जायेगा। इससे लाल लकीर में आती जमीनों, घरों, निवास स्थानों और अन्य सभी इलाकों की मैपिंग की जा सकेगी।

स्मामित्व स्कीम ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के द्वारा चलाई जा रही थी परन्तु मुख्यमंत्री के आदेशों पर अब यह राजस्व और पुनर्वास विभाग को तबदील की जायेगी।

मिशन लाल लकीर के लागू करने से यह गाँव वासियों के जीवन स्तर में सुधार और उनके स्वैमान को बढ़ाने में अहम साबित होगा। इन जायदादों सम्बन्धी उठने वाले अधिकारों के मुद्दों से अब मुकदमों के द्वारा निपटा जायेगा जो विशेष तौर पर इन्हें लाल लकीर की जायदादों के लिए तैयार किये जा रहे हैं। लाल लकीर के अंदर वाले शामलाट जमीनें जैसे छप्पड़, सांझे सभा वाले स्थानों और यहाँ तक कि रास्ते और गलियां जिन पर इन सम्पतियों के लिए रिकार्ड उपलब्ध न हों/रिकार्ड न रखने के कारण नाजायज अधिकार किये जा रहे हैं, को मिशन के अधीन अब सुरक्षित किया जायेगा द्य

अनाधिकार छोटे/सीमांत किसानों को लंबे समय से उनके कब्जे अधीन जमीनें अलाट की जाएंगीः

एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में मंत्रीमंडल ने एक निर्धारित कीमत पर जमीन की बिक्री के द्वारा एक तर्कसंगत मापदंड के आधार पर अनाधिकृत छोटे और दर्मियाने किसानों को कब्जे वाली जमीन की अलाटमैंट करने के लिए/द पंजाब (भूमि रहित, सीमांत और छोटे किसानों की भलाई और व्यवस्था करना) अलाटमैंट आफ स्टेट गवर्नमैंट लैंड रूल्ज, 2021’ को भी मंजूरी दे दी है। यह पिछले लम्बे समय से जमीन पर कब्जे वाले व्यक्तियों के लिए निष्पक्ष कार्यवाही और सरकार को सरकारी जमीनों के अनाधिकृत कब्जे के सम्बन्ध में बनता राजस्व मिलने को यकीनी बनाऐगा और लम्बे समय से लटक रही अनावश्यक मुकद्देबाजी का भी निपटारा होगा यह नये नियम एक्ट के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों की पहुँच और प्रक्रिया के लिए एक सभ्य प्रणाली प्रदान करेंगे। एक्ट के अधीन योग्य व्यक्ति अलाटमैंट कमिशनर को आवेदन देगा जोकि पटवारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अलाटमैंट पत्र जारी करेगा। अलाटमैंट पत्र कुल अलाटमैंट कीमत के 25 प्रतिशत की अदायगी के बाद जारी किया जायेगा और बाकी 75 प्रतिशत भुगतान एकमुशत या छह बराबर किस्तों में अदा करना होगा। अलाटमैंट मूल्य के 25 प्रतिशत की समय पर अदायगी न होने की सूरत में अलाटमैंट पत्र जारी नहीं किया जायेगा और अलाटमैंट रद्द कर दी जायेगी। अलाटमैंट पत्र के अनुसार किस्तों की अदायगी में डिफाल्ट होने की स्थिति में आखिरी भुगतान के तीन महीनों के अंदर -अंदर देरी के साथ अदायगी पर 6 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने की आज्ञा दी जायेगी। सारी रकम की अदायगी के बाद इंतकाल किसान के नाम पर कर दिया जायेगा।

जिक्रयोग है कि राज्य राजस्व आयोग की सिफारिशों के अनुसार भूमि रहित, दर्मियाने और छोटे किसानों को भलाई और अन्य विवादों के हल के लिए कानूनी ढांचे के तौर पर उचित मापदण्डों पर निश्चित कीमत पर जमीन अलाट करने के लिए, एक अन्य एक्ट-‘पंजाब (भूमि रहित, दर्मियाने और छोटे और सीमांत किसानों की भलाई और बंदोबस्त) अलाटमैंट आफ स्टेट गवर्नमैंट लैंड एक्ट, 2021 सरकार को नाजायज कब्जों वाली सरकारी जमीनों से मुआवजा देने के साथ-साथ लम्बित पड़े मुकदमों का निपटारा करने के लिए पास किया गया था जिससे दोनों के बीच सही संतुलन बनाया जा सके।

उद्योग और वाणिज्य विभाग की रिपोर्ट को मंजूरीः

एक अन्य फैसले के अंतर्गत पंजाब मंत्रीमंडल ने साल 2017-18 के लिए उद्योग और वाणिज्य विभाग की प्रशासनिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी है।

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