चंडीगढ़

वर्दी की दादागिरी: पुलिस वाले ने गिरवी रखा एक्टिवा, पैसे देने के बावजूद भी नहीं दे रहा एक्टिवा..तीन शिकायतें देने के बाद भी पुलिस मुख्यालय में दर-दर भटक रहा शिकायकर्ता

हवलदार ने कहा वह एक्टिवा का नट तक नहीं देगा, एक्टिवा तो दूर की बात: शिकायतकर्ता

 

-पीड़ित महिला ने कहा पुलिस में होने का गलत फायदा उठा रहा है हवलदार रणदीप राणा

 

चंडीगढ़, 13 जनवरी: शहर की एक महिला के पति द्वारा पुलिस वाले के पास गिरवी रखे एक्टिवा के ब्याज समेत पूरे रुपए देने के बाद भी उसे एक्टिवा नहीं दिया जा रहा । पीड़ित ने पुलिसकर्मी पर ‘वर्दी की दादागिरी’ बताते हुए पुलिस में होने का नाजायज फायदा उठाने का आरोप लगाया है। प}ी की तरफ से पति ने तीन बार पुलिस मुख्यालय में लिखित शिकायत दी है, लेकिन आश्वासन के लिए अलावा उन्हें और कुछ नहीं मिलता। न तो उन्हें एक्टिवा मिल रहा उल्टा पुलिसकर्मी उन्हें शिकायत देने पर झूठे केस में फंसाने का धमकियां तक दे रहा है। हाईटैक पुलिस के आला अधिकारियों के पास तीन शिकायतें पहुंच चुकी है, लेकिन उन शिकायतों पर आज तक कुछ नहीं हुआ। इसे दादागिरी न कहें तो और क्या कहें।

क्या थी शिकायत: मलोया कालोनी निवासी अनु ने पिछले साल 21 नवंबर को एसएसपी ऑफिस में दी लिखित शिकायत में कहा कि एक्टिवा स्कूटर नंबर-सीएच-01बीटी-0758 मेरे नाम पर है। उनके पति नरेंद्र कुमार ने उनकी इजाजत के बिना उक्त एक्टिवा सैक्टर-11 थाने में तैनात सैक्टर-15 के बीट इंचार्ज हैड कांस्टेबल रणदीप राणा के पास गिरवी रख दी थी। 8 मई को जब एक्टिवा उनको घर नहीं दिखी तो अनु का अपने पति से झगड़ा हुआ। जिसके बाद नरेंद्र ने बताया कि उसे पैसों की सख्त जरुरत थी जिसके चलते उसने उक्त हैड कांस्टेबल के पास 25 हजार रुपयों में गिरवी रखी थी। साथ में नरेंद्र ने 4 प्रतिशत ब्याज देने का वादा भी उससे किया था। उन्होंने कहा कि रणदीप राणा ने एक्टिवा के चालान, एक्सीडेंट आदि की पूरी जिम्मेवारी भी ली थी। जुलाई में अनु ने पैसे इकट्ठे किए तो रणदीप ने एक्टिवा नहीं दिया जिसके चलते उनसे पैसे खर्च हो गए। शिकायत में यह भी कहा गया कि उन्होंने ब्याज पर 30 हजार रुपए लेकर अपने ससुर दीवान चंद को दिए। 11 नवंबर को उनके ससुर ने सैक्टर-41 में वेरका बूथ की पिछली साइड पर रणदीप राणा को 25 हजार के साथ ब्याज लगाकर पूरे 30 हजार रुपए दिए और रणदीप ने कहा कि एक्टिवा शाम को ले जाना। इसी तरह वह तरह तरह के बहाने लगाने लगा और फिर उसने आखिर में कहा कि एक्टिवा का 18 हजार का चालान हो गया, तो उनके ससुर ने कहा कि वह चालान स्लिप दे दें , वह खुद ही चालान छुड़वा लेंगे। इस बात पर भी वह नहीं माना। और तो और उसने अब नरेंद्र से कहा कि वह एक्टिवा का एक नट तक नहीं देगा, एक्टिवा देना तो दूर की बात। यह भी नरेंद्र ने कहा कि वह कहता है कि अगर शिकायत पुलिस को दी तो वह झूठे केस में फंसा देगा।

तीन बार दी शिकायत..कार्रवाई शून्य

नरेंद्र ने बताया कि 21 नवंबर को उन्होंने पहली शिकायत दी थी जबकि दूसरी शिकायत उन्होंने 9 दिसंबर-2022 को दी थी। उनकी शिकयत की इंक्वारी सैक्टर-11 थाना पुलिस को मार्क हुई थी। वहां पर एसएचओ ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह उनका एक्टिवा दिलवा देंगे, लेकिन रणदीप ने फिर से साफ तौर पर एक्टिवा देने से इंकार कर दिया। नरेंद्र ने कहा कि वह पुलिस में होने का गलत फायदा उठा रहा है। नरेंद्र ने 12 जनवरी को अब रणदीप के खिलाफ तीसरी शिकायत दी है।

रणदीप का पक्ष रखने के लिए किए फोन, नहीं उठाया

हैड कांस्टेबल रणदीप राणा का पक्ष रखने के लिए उन्हें कई बार फोन किए गए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

 

 

मैं, टैक्सी चलाता हूं और मेरे पिता एमसी कमिश्नर के ड्राइवर के पद से रिटायर्ड हुए हैं। मैंने तीन बार एसएसपी ऑफिस में शिकायत दी है, लेकिन फिर भी हैड कांस्टेबल एक्टिवा नहीं दे रहा। वह झूठे केस में फंसाने की धमकियां दे रहा है। आला अधिकारियों से बेनती करता हूं, कृप्या मामले की जांच के बाद मुङो मेरा एक्टिवा दिलवाया जाए।

-नरेंद्र, पीडित

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