हरियाणा

कोई भी तिरंगा लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता: मुख्यमंत्री

करनाल डिपो धारक मामले का मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लिया कड़ा संज्ञान

चंडीगढ़, 11 अगस्त – करनाल में डिपो धारक द्वारा राशन कार्ड धारकों को ज़बरदस्ती तिरंगा बेचने के मामले का मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री ने सख्त और स्पष्ट आदेश दिए हैं कि कोई भी तिरंगा लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अगर कोई भी व्यक्ति तिरंगा नहीं लेता है तो उसकी किसी सेवा को नहीं रोका जा सकता। उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान के लिए स्वेच्छा से कोई भी तिरंगा ले सकता है। मुख्यमंत्री ने इस अभियान को लेकर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था इस मुहिम में मदद करना चाहे तो स्थानीय उपायुक्त के माध्यम से संपर्क कर सकती है।

करनाल जिले के हेमदा गॉंव में बिना तिरंगा लिए राशन नहीं देने के मामले में जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नियंत्रक द्वारा डिपो धारक के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर ली गयी है। डिपो धारक की राशन की मासिक सप्लाई तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दी गई है। डिपोधारक दिनेश कुमार राशनकार्ड धारकों को जबरदस्ती झंडे दे रहा था और विभाग और सरकार को बदनाम कर रहा था।

प्रदेश सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पीडीएस सेंटर पर मिलने वाले तिरंगे केवल जनता की सुविधा के लिए हैं ताकि जिन्हें झंडा लेना हैं उन्हें गॉंव में ही यह मिल जाए और उन्हें कहीं दूर ना जाना पड़े। झंडा लेने के लिए किसी को विवश नहीं किया जा सकता।

राज्य के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नियंत्रक ने इस बारे में सख़्त निर्देश जारी किए गए हैं। आज जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी डिपो धारक द्वारा उपभोक्ताओं पर दबाव डालकर जबरदस्ती झंडा बेचा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त इस मामले में कोई लापरवाही सामने आती है तो  इसके लिए संबंधित अधिकारी/कर्मचारी भी जिम्मेवार होंगे और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

 

हरियाणा में स्थापित हुई एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल

चंडीगढ़, 11 अगस्त- बढती डिजिटल दुनिया के साथ-साथ एटीएम ठगी के बढते मामलों के मद्देनजर हरियाणा पुलिस की स्टेट क्राइम ब्रांच द्वारा प्रदेश के सभी 22 जिलों में 22 एटीएम फ्रॉड  इन्वेस्टिगेशन  सेल (एएफआईसी) की शुरुआत की गई है।

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज इस संबंध में बताया कि गत माह 01.07.2022 को शुरू की गई एएफआईसी को स्टेट क्राइम ब्रांच द्वारा प्रदेश के अलग अलग जिलों से 132 अनट्रेस मुकदमे इंवेस्टीगेशन के लिए सौंपे गए हैं।

जैसा कि विदित है कि आज के युग में एटीएम आम इंसान की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आम आदमी अपनी रोजाना की लेन देन एटीएम से ही करता है। वर्तमान दौर में अपराधियों ने इसी महत्वपूर्ण हिस्से पर सेंध लगाने का काम किया है। हालांकि इस मोडस ऑपरेंडी के अपराधों से समन्वित व प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पुलिस द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी कई बार ऐसे फाइनेंसियल फ्रॉड के मामलों में जिला पुलिस द्वारा अनट्रेस रिपोर्ट दे दी जाती है और आरोपी बच निकलते है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, ओ.पी.सिंह, आईपीएस राज्य अपराध शाखा ने इस समस्या को सुलझाने और दोबारा से अनट्रेस मुकदमों पर काम करने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। इसी अवधारणा के तहत हरियाणा में राज्य अपराध शाखा के अंतर्गत एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल की शुरुवात की गयी है जिसमें जिलों के अनट्रेस मुकदमों को सुलझाने का बीड़ा उठाया गया है।

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की एक मुकदमे में शिकायतकर्ता रविंद्र निवासी भिवानी ने दिसंबर 2021 में दी गयी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि वह रूपए निकलवाने भिवानी के रोहतक गेट स्थित एटीएम पर गया था। घर आकर खाता चेक पर उसने पाया की उसके खाते से करीबन 55000 रूपए एटीएम द्वारा निकाले गए है। उसी आधार पर शिकायतकर्ता द्वारा अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ लोकल थाने में शिकायत दर्ज करवाई गयी और इस अपराध को जिला पुलिस द्वारा अनट्रेस घोषित कर दिया गया था। उक्त अभियोग की जांच दोबारा से करने के लिए राज्य अपराध शाखा, एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल भिवानी के एएसआई प्रदीप को सौंपी गई। जांच करने पर पाया की शिकायतकर्ता का एटीएम बदल कर अलग अलग जगहों पर एटीएम मशीन और पेट्रोल पंप पर कार्ड स्वाइप कर 55000 रुपए निकाले गए हैं। एएसआई प्रदीप ने फाइल पर मौजूद तथ्यों के आधार पर जांच शुरू की।  दौरान जांच सीसीटीवी खंगालने के बाद आरोपी की पहचान की गयी।  आरोपी अन्य मुकदमे में पहले ही सुनारिया रोहतक जेल में सजायाफ्ता है। अदालत से प्रोडक्शन वारंट जारी कर और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपी सुनील निवासी रैनकपूरा रोहतक को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी सुनील ने कई अपराध में संलिप्त होना स्वीकार किया और अन्य साथियों की जानकारी दी।

इसी आधार पर एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल, भिवानी एक अन्य मुकदमे में एटीएम फ्रॉड करने में माहिर अपराधी राहुल उर्फ चैड़ा निवासी रैनकपूरा, रोहतक को अन्य मुकदमे में गिरफ्तार किया। आरोपी राहुल उर्फ चैड़ा एटीएम बदलकर व एटीएम क्लोन तैयार कर फ्रॉड करने के अपराधों में माहिर है। जांच में पता चला की आरोपी पर हरियाणा के कई जिलों के अलावा पंजाब का भी एक मुकदमा दर्ज है और उन्हीं मुकदमों में आरोपी पहले से रोहतक में जेल में है। आरोपी को अदालत में पेश कर तीन दिन की रिमांड हासिल किया गया जहाँ जांच में उसने कुल 3 लाख 84 हजार के फ्रॉड करने की बाद कबूल की और करीब 64,500 की बरामदगी की गयी है। इनके अलावा दोनों आरोपियों ने एक साथी के बारे में जानकारी दी है जिसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है। अक्सर अनुसंधान में सबूतों के अभाव में आरोपी बच जाते है लेकिन एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल की स्थापना इन अपराधों के ध्यान में रखते हुए की गयी है ताकि आम जनता की मेहनत की कमाई को बचाया जा सके। वर्तमान में स्टेट क्राइम ब्रांच के अंतर्गत काम करने वाली सेल सभी अनट्रेस मुकदमों का बारीकी से अध्ययन कर रही है ताकि इन मुकदमों को सुलझा कर अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया जा सके और आमजन में पुलिस की कार्रवाई एंव निष्ठा के प्रति विश्वास और गहरा हो सके।

 

सरकार ने 100 से 1000 किलो वाट के उपभोक्ताओं के लिए किया एनर्जी ऑडिट अनिवार्य

एनर्जी ऑडिट करवाने से होगी बिजली की बचत

चण्डीगढ, 11 अगस्त – हरियाणा सरकार ने 100 किलो वाट से 1000 किलो वाट के उपभोक्ताओं के लिए एनर्जी ऑडिट करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे सरकारी भवन जिनका बिजली का कनेक्टेड लोड 100 किलोवाट से ज्यादा है और उनका एनर्जी ऑडिट करवाते हैं तो उन्हें विभाग की ओर से शत प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा अर्थात सरकारी भवनों का एनर्जी ऑडिट बिल्कुल निशुल्क होगा।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग हरियाणा द्वारा विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं द्वारा एनर्जी ऑडिट करवाने के लिए अभियान चलाया गया है। उन्होंने बताया कि बिल्डिंग का एनर्जी ऑडिट करवाने से हमे यह जानकारी प्राप्त हो जाती है कि हमें ऐसे क्या उपाय करने चाहिए जिससे कि हम बिजली की ज्यादा से ज्यादा बचत कर सकें। एनर्जी ऑडिट करवाने से यह भी जानकारी मिलती है कि हमारी बिजली कहां पर आवश्यकता से ज्यादा खर्च हो रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी बिल्डिंगों के अलावा अन्य कोई उपभोक्ता जिनका बिजली का कनेक्टेड लोड 100 किलोवाट से ज्यादा है और वे अपनी बिल्डिंग का एनर्जी ऑडिट करवाना चाहते हैं तो उन्हे सरकार की ओर से 50 प्रतिशत और अधिकतम 50000 रुपए तक का अनुदान दिया जाऐगा। उन सभी बिल्डिंग उपभोक्ताओं जिनका कनेक्टेड लोड 100 किलो वाट से 1000 किलोवाट है उनसे अनुरोध है कि वे अपने-अपने भवनों का एनर्जी ऑडिट करवाने के लिए जिला स्तर पर लघु सचिवालय स्थित अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालयों के कार्यक्रम अधिकारी अक्षय ऊर्जा विभाग से सम्पर्क स्थापित करें ताकि उनकी बिल्डिंगों का एनर्जी ऑडिट करवाया जा सके।

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