पंजाब सरकार दलित विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है: लेख राज शर्मा
दलित संघर्ष मौर्चा पंजाब और नैशनल शैडयूल्ड कास्ट्स अलायन्स की तरफ़ से धरना सांकेतिक भूख हड़ताल जारी
चंडीगढ़ : 09/01/2020 ( ) दलित संघर्ष मौर्चा पंजाब और नैशनल शैडयूल्ड कास्ट्स अलायन्स की तरफ़ से जारी धरना,प्रदर्शन और सांकेतिक भूख हड़ताल आज भी जारी रही। इस धरने को उस समय और अधिक बल मिला जब पंजाब एवं हरियाणा बार कॉउंसिल के पूर्व चेयरमैन और वर्तमान सदस्य एडवोकेट लेख राज शर्मा ने विशेष तोर पे शिरकत की। लेख राज शर्मा ने धरने को समर्थन देते हुए कहा कि यह धरना वी आज़ादी की लड़ाई की तरह ही हैं जिस में पंजाब भर से विभिन संस्थाओं के लोग निस्वार्थ भाव से विद्यार्थियों और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए डटे हुए हैं। पंजाब सरकार को इनकी माँगों पर तुरन्त कारवाई करते हुए एक्शन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम से पीड़ित बच्चों के केस फ़्री लड़े जाएंगे और अन्य किसी भी तरह की कानूनी सहायता भी फ्री दी जाएगी। इस बारे में और जानकारी देते हुए नैशनल शेड्यूल कास्ट्स अलायन्स से परमजीत सिंह कैंथ और दलित संघर्ष मौर्चा के प्रतिनिधि एडवोकेट मोहित भारद्वाज, रांझा बख्शी संजीव कुमार और दलिप सिंह ने सांझा बयान जारी करते हुए बताया कि जब तक पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले के मुख्य आरोपी पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत की बर्खास्तगी नहीं हो जाती और लाखों बच्चों के सर्टिफिकेट/डिग्रीयां जारी नहीं हो जाती ये धरना चलता रहेगा।
केन्द्र द्वारा भेजी करोड़ों रुपए की राशि के घोटाले के चलते पंजाब में लाखों विधायर्थियो के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है। इस लिए पैसा नहीं मिलने के कारण पंजाब के प्राइवेट कॉलेज और विश्वविद्यालयो ने इन् विद्यार्थियों के सर्टिफिकेट/डिग्रीयां जारी नहीं की है। अब यह विद्यार्थि ना तो आगे पढ़ाई जारी रख सकते है और न ही कहीं नौकरी हासिल कर पा रहे है। यह धरना पिछ्ली 28 दिसंबर से चंडीगढ़ की सेक्टर 25 रैली ग्राउंड में चल रहा है जिसमे दलित समाज से जुडी हुई पंजाब की सैंकड़ो सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने समर्थन दिया हुआ है। आज इस धरने में फिरोज़पुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट जस्दीप सिंह कंबोज, एडवोकेट रिषि पाल जोशी, गुरजीत सिंह पातड़ा, सरदार किरपाल सिंह, राजकुमार भगत, शक्ति कल्याण, जसबीर मेहता, विजय बग्गा, सहित भारी संख्या में विभिन्न संस्थायों के प्रतिनिधि शामिल थे।