पंजाब

मुख्यमंत्री द्वारा निर्माण कामगारों की लड़कियों के लिए शगुन स्कीम 31000 रुपए से बढ़ाकर 51000 रुपए करने का ऐलान

कोविड पॉजि़टिव आने वाले कामगार/पारिवारिक सदस्यों को 1500 रुपए की सहायता देने की मंज़ूरी, कल्याण स्कीमों का लाभ लेने के लिए नियमों में दी ढील
चंडीगढ़, 23 जनवरी:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब में निर्माण कामगारों की लड़कियों के विवाह के अवसर पर दी जाने वाली शगुन की राशि पहली अप्रैल 2021 से 31000 रुपए से बढ़ाकर 51000 रुपए करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही कोविड टैस्ट पॉजि़टिव पाए जाते इन कामगार या इनके पारिवारिक सदस्यों को 1500 रुपए की वित्तीय सहायता देने की भी मंज़ूरी दे दी।
यह फ़ैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता मेें भवन एवं अन्य निर्माण कामगारों (बी.ओ.सी.डब्ल्यू.) कल्याण बोर्ड की शुक्रवार शाम को वीडियो कॉन्फ्ऱेंस के द्वारा हुई मीटिंग में लिया गया।
इसके अलावा शगुन का फ़ायदा हासिल करने के लिए प्रक्रिया आसान करते हुए मुख्यमंत्री ने मौजूदा शर्त में किसी भी धार्मिक संस्था गुरुद्वारा, मंदिर और चर्च की तरफ से जारी किये गए विवाह सर्टिफिकेट को इस मंतव्य हेतु स्वीकार करने की मंजूरी दे दी। 50 प्रतिशत राशि एडवांस में हासिल की जा सकती है जबकि बाकी राशि सुधारे हुए नियमों के अंतर्गत सम्बन्धित अथॉरिटी की तरफ से जारी विवाह सर्टिफिकेट को जमा करवाने के बाद जारी की जायेगी। भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड बेटियां इस स्कीम के अंतर्गत योग्य हैं।
एक अन्य बड़े फ़ैसले में मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि निर्माण गतिविधियों के दौरान काम करते हुए हादसे में कामगार की मौत होने की सूरत में 2 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जायेगा, चाहे वह निर्माण बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड हो या नहीं बशर्ते वह निर्माण कामगार के तौर पर रजिस्टर्ड होने के योग्य हो।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने विभिन्न कल्याण स्कीमों के अंतर्गत लाभ लेने के लिए आवेदन जमा करवाने की समय सीमा बढ़ाने का फ़ैसला किया। मौजूदा समय में यह सीमा छह महीने की थी जिसको बढ़ाकर एक साल करने का फ़ैसला किया गया है क्योंकि कई कामगार कोविड-19 महामारी के कारण आवदेन नहीं दे सके। इसके अलावा स्क्रीनिंग कमेटी की तरफ से पैंशन आवेदन रद्द करने की सूरत में निर्माण कामगार को सचिव बोर्ड के पास अपील करने का समय भी 90 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया। बालड़ी (लडक़ी) जन्म उपहार योजना के अंतर्गत बोर्ड ने आवेदन जमा करवाने की समय सीमा बढ़ाने का फ़ैसला किया। लाभार्थीयों की लडक़ी के जन्म की तारीख़ से छह महीनों से बढ़ाकर एक साल करने का फ़ैसला किया गया।
अलग-अलग स्कीमों के लाभ लेने सम्बन्धी नियमों में एक और ढील के अंतर्गत कामगार मज़दूर अब चार सरकारी दस्तावेज़ों आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड में से कोई 2 दस्तावेज़ जमा कर सकते हैं। बहुत से कामगार जन्म प्रमाणपत्र की कमी के कारण पहले लाभ प्राप्त नहीं कर सकते थे जोकि इस संशोधन से पहले एक मात्र योग्य सबूत माना जाता था।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में बोर्ड ने फार्मास्यूटीकल/पैरा मैडीकल की पढ़ाई में डिग्री/पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री कोर्स करने वाले लडक़ों का सालाना वज़ीफ़ा 25,000 से बढ़ाकर 35000 रुपए और लड़कियों का वज़ीफ़ा 30,000 से बढ़ाकर 40,000 रुपए करने का ऐलान किया। इसी तरह फार्मास्यूटीकल /पैरा मैडीकल की पढ़ाई में डिग्री /पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री कोर्स करने वाले लडक़ों के होस्टल का वज़ीफ़ा 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपए और लड़कियों का वज़ीफ़ा 45,000 से बढ़ाकर 55,000 रुपए कर दिया गया है। मैडीकल और इंजीनियरिंग में पढ़ते विद्यार्थी लडक़ों के सालाना वज़ीफ़ा में विस्तार 40,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए और लड़कियों का वज़ीफ़ा 50,000 से 60,000 रुपए जबकि होस्टल वज़ीफ़ा क्रमवार 70,000 और 80,000 कर दिया है। होनहार बच्चों को उत्साहित करने के लिए बोर्ड ने अब परिणामों की घोषणा से छह महीने की बजाय एक साल के अंदर-अंदर दावा लेने को मंज़ूरी दे दी है। इसी तरह जि़ला, राज्य या राष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों की तरफ से पुरुस्कार प्राप्त करने वालों के लिए भी यह संशोधन लागू होगा।
इसके अलावा बोर्ड ने अब निर्माण कामगारों को एक साल की मियाद के अंदर अपनी सदस्यता का नवीनीकरण करने की आज्ञा दे दी है जिससे वह एक साल के ग्रेस पीरियड के दौरान विभिन्न कल्याण योजनाओं अधीन आवेदन दे सकें और वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकें। दिव्यांगों की मौत के मामले में बीमा और अन्य लाभों के साथ साथ एल.टी.सी. लाभ, चिकित्सा सहायता की प्रति पूर्ति, अंतिम संस्कार के लिए वित्तीय सहायता, मानसिक तौर पर अपाहिज /दिव्यांग बच्चों के लिए सहायता, प्रसूती के दौरान अपेक्षित सहायता आदि में ढील देने का ऐलान किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!