पंजाब

मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीण नौजवानों के लिए मिनी बस परमिट नीति का ऐलान, अप्लाई करने के लिए कोई समय -सीमा नहीं होगी

‘घर घर रोजग़ार और कारोबार’ मिशन के अंतर्गत 3000 मिनी बस परमिटों के वितरण हेतु वर्चुअल तौर पर शुरुआत, और 8000 परमिट इसी साल दिए जाएंगे
केंद्रीकृत प्रिंटिंग और ड्राइविंग लाइसेंस घर-घर भेजने सहित आधुनिक तकनीक वाली तीन संस्थाओं का नींव पत्थर रखा
चंडीगढ़, 24 फरवरी:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज यहाँ ‘समय सीमा रहित मिनी बस परमिट पॉलिसी’ का ऐलान किया जिसके अंतर्गत ग्रामीण नौजवानों के लिए ऐसे परमिटों के लिए अप्लाई करने के लिए कोई समय-सीमा नहीं है। इस मौके पर उनके द्वारा ड्राइविंग लोसेंसों की घर-घर डिलिवरी समेत राज्य परिवहन विभाग के हाई-टेक इंस्टिट्यूट का नींव पत्थर भी रखा गया।
मुख्यमंत्री ने ‘घर-घर रोजग़ार और कारोबार’ मिशन को और आगे लेजाते हुए ग्रामीण नौजवानों के लिए 3000 मिनी बस परमिटों के वितरण की वर्चुअल शुरुआत की और संकेतक रूप में पाँच लाभार्थीयों को परमिट दिए। उन्होंने कहा कि चाहे आज 3000 पर्मिट सौंपे जा रहे हैं जबकि इस साल के बाकी समय में 8000 और परमिट जारी होंगे जिससे साल के अंत तक 11000 परमिट बाँटे जाएंगे और इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजग़ार के मौके पैदा होंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ट्रांसपोर्ट विभाग को सभी बस परमिटों के आवेदनों की प्राप्ति और अगली प्रक्रिया के लिए अगले तीन महीनों में उपयोगकर्ता-अनुकूल ऑनलाइन सुविधा सृजन करने की हिदायत की जिससे इस प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके।
पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान बिना किसी प्रचार और कानूनी प्रक्रिया का पालन किये कुछ चुनिंदा व्यक्तियों को ग़ैर-कानूनी परमिट जारी करने के लिए उन पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नई पहलकदमियां सुविधाजनक ग्रामीण संपर्क और निर्विघ्न और तत्काल ढंग से नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने में बेहद सहायक साबित होंगी।
यह जि़क्र करते हुए कि उनकी सरकार ने योग्य व्यक्तियों को इस योजना का लाभ देने को यकीनी बनाने के लिए ग़ैर-कानूनी ढंग से जारी किये गए बस परमिट रद्द करने का वादा किया था, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से अपनाई गई पारदर्शी प्रणाली के अंतर्गत पहली बार अखबारों में मिनी बस परमिटों के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया। लोगों को बिना किसी परेशानी के ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए उत्साहित किया गया और लगभग 12,384 आवेदन प्राप्त हुए।
ट्रांसपोर्ट मंत्री रजि़या सुल्ताना और विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुए कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि उन्होंने ग्रामीण नौजवानों के लिए रोजग़ार के मौके पैदा करने, महिलाओं और बच्चों के लिए यात्रा को और ज्यादा सुरक्षित बनाने, यात्रियों और पैदल चलने वालों के लिए वाहनों की सुरक्षित यातायात यकीनी बनाने, वाहनों के प्रदूषण को घटाने और सरकारी सेवाओं की घर-घर पहुँच जैसे उद्देश्यों की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। तकनीक में तेज़ी से होते बदलाव, जहाँ परिवहन अब मंगल पर पहुँच गया है, के साथ नयी पहलकदमियों की ज़रूरत महसूस हुई है। उन्होंने कहा कि 15.50 करोड़ रुपए की लागत से व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग (जी.पी.एस.) डिवाइस प्रोजैक्ट महिलाओं और बच्चों के लिए यात्रा को और ज्यादा सुरक्षित बनाएगा। उन्होंने बताया कि पनबस की 100 प्रतिशत बसों और पी.आर.टी.सी. की 50 प्रतिशत बसों में पहले ही ऐसे उपकरण लगाए जा चुके हैं और अगले छह महीनों के अंदर सभी पी.आर.टी.सी. बसों में यह उपकरण लगा दिए जाएंगे। रजि़या सुल्ताना ने कहा कि प्राईवेट बसों में भी जल्द ही जी.पी.एस. सिस्टम लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने वाहनों की ट्रेकिंग के लिए राज्य स्तर पर अत्याधुनिक कमांड कंट्रोल सैंटर और 4 रीजनल सेंटरों बारे बात करते हुए कहा कि यह प्रोजैक्ट किसी भी महिला /बच्चे द्वारा पैनिक बटन अलर्ट, एच.एस.आर.पी. फिटमेंट के बिना ओवर स्पीडिंग वाले वाहनों के ऑनलाइन चालान, वैध बीमा और प्रदूषण सर्टिफिकेट न होने आदि के प्रबंधन की सुविधा प्रदान करेंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ‘घर घर रोजगार और कारोबार’ मिशन के अंतर्गत 22.50 करोड़ रुपए की लागत के साथ ‘ड्रायविंग और ट्रैफिक अनुसंधान संस्था (आई.डी.टी.आर.) कपूरथला का नींव पत्थर भी रखा। ग्रामीण नौजवानों को गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण देने के लिए इसका प्रशिक्षण सामथ्र्य सालाना 20,000 ड्राईवरों को प्रशिक्षण देने का होगा जिससे नौजवान के लिए देश और विदेशों में कुशल ड्राईवरों के तौर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे और अन्य प्रशिक्षण संस्थाओं के ड्राईवरों और इंस्ट्रक्टरों के लिए कुआलीफायी ट्रेनर बेस तैयार तैयार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह इंस्टीट्यूट की योजना उनकी सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान बनाई गई थी और वह खुशी महसूस कर रहे हैं कि यह अब साकार हो गई है।
इस इंस्टीट्यूट को टाटा मोटर्ज के द्वारा संचालित किया जायेगा जिसमें उम्मीदवारों के ड्रायविंग कौशल का मूल्यांकन करने के लिए कैमरा आधारित नवीनतम ड्रायविंग सिस्टम (आई.डी.टी.एस.) होगा। 75 व्यक्तियों के लिए रिहायश की व्यवस्था के साथ इंस्टीट्यूट में गति/स्थिर प्लेटफार्मों के साथ ड्रायविंग सिमूलेटर भी होंगे।
मुख्यमंत्री ने 17.16 करोड़ रुपए की लागत के साथ वाहन निरीक्षण और प्रमाणीकरन केंद्र, कपूरथला का नींव पत्थर भी रखा जिसका उद्देश्य यात्रियों और पैदल चलने वालों की सुरक्षा के इलावा वाहनों के प्रदूषण को घटाना है। सालाना 72,000 वाहनों के निरीक्षण के सामथ्र्य वाला यह केंद्र ड्रायविंग से पहले वाहनों की सडक़ पर चलने की योग्यता की परख करेगा। उन्होंने इस केंद्र की अन्य प्रमुख विशेषताओं के बारे भी बताया जिसमें वाहन के निरीक्षण के लिए आनलाइन अपायंटमैंट, मौजूदा समय स्वै-चालित सैंसर आधारित टेस्टिंग उपकरणों के द्वारा की जा रही विजुअल इंस्पैकशन की तबदीली, बिना किसी मानवीय दखल के इंसपैकशन रिपोर्ट मुकम्मल होने के बाद आटोमैटिक इन्स्पेक्शन रिपोर्ट शामिल है।
उन्होंने बताया कि पंजाब में प्रति लाख आबादी के पीछे सडक़ हादसों के मापदण्डों में गिरावट आई है जोकि साल 2016 में राष्ट्रीय औसत 36.9 के मुकाबले 23.9 थी और 2018 में कम होकर राष्ट्रीय औसत 34.9 के मुकाबले 21.6 रह गई। इसी तरह पंजाब में प्रति लाख आबादी के पीछे सडक़ हादसों में मरने वालों की संख्या साल 2016 में राष्ट्रीय औसत 17.4 के मुकाबले 11.6 से कम होकर 2018 में राष्ट्रीय औसत 16 के मुकाबले 11.3 रह गई।
ड्राइविंग लायसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आर.सी.) घर घर पहुँचाने की सुविधा का उद्घाटन करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब घर -घर सरकारी सेवाएं पहुँचाने को यकीनी बनाने के लिए इस विलक्षण प्रणाली को लागू करने वाला पहला राज्य है। उन्होंन बताया कि चण्डीगढ़ में सैंटरेलाईजड कार्ड परसोनाईजेशन सैंटर (सी.सी.पी.सी.) की स्थापना की गई है जहाँ सभी स्मार्ट कार्ड आधारित ड्रायविंग लायसेंस और आर.सीज़ केंद्रीय तौर पर प्रिंट किये जाएंगे।
इससे पहले अपने स्वागती भाषण में प्रमुख सचिव परिवहन के सिवा प्रसाद ने कहा कि दस्तावेजों की घर-घर डिलीवरी भ्रष्टाचार और नाजायज दलालों और एजेंटों पर नकेल डालने में महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि अब नागरिकों को दस्तावेज लेने के लिए परिवहन दफ्तरों में जाने की जरूरत नहीं होगी जिससे क्षेत्रीय परिवहन अथारिटीज़ (आरटीएज) और एसडीएम दफ्तरों में काम का बोझ घटेगा।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने आज की पहलकदमियों को पार्टी के वायदों को पूरा किये जाना करार दिया और हर तरह की मुश्किलों के बावजूद कैप्टन अमरिन्दर सरकार के द्वारा दिखाई शानदार कारगुजारी की सराहना की। परिवहन एक बड़ा कारोबार और राज्य के लिए आमदनी का बड़ा स्रोत है जोकि अमृतसर से लंदन और लंदन से मुम्बयी तक फैला है, परन्तु पिछले दशक के दौरान बादलों ने इस पर कब्जा कर लिया था जिसने लोगों के विश्वास के संरक्षक होने के बावजूद इस कारोबार को एकाधिकार बनाया। उन्होंने इस सिलसिले को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया।
इस मौके पर अन्यों के अलावा फतेहगढ़ साहिब से संसद मैंबर डा. अमर सिंह, पंजाब यूथ कांग्रेस के बरिन्दर सिंह ढिल्लों, उद्योग और वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा और खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले के मंत्री भारत भूषण आशु मौजूद थे।

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