पंजाब

केजरीवाल सबसे बड़ा पाखंडी, उसकी कथनी और करनी में कोसों का अंतर – धर्मसोत

क्या केजरीवाल दिल्ली में इन कानूनों को लागू करने वाला पहला शख़्स नहीं था – वन मंत्री
कैप्टन अमरिन्दर सिंह को खेती कानूनों के विरुद्ध डटने वाला पहला मुख्यमंत्री बताया
चंडीगढ़, 20 जनवरी:
काले खेती कानूनों के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर बरसते हुए कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि लोग केजरीवाल को अच्छी तरह जानते हैं, वह जो भी कहते हैं वह सिफऱ् झूठ का पुलिंदा ही होता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का असली चेहरा अब उजागर हो गया है।
केजरीवाल पर काले खेती कानूनों के प्रति दोहरे मापदंड अपनाने का दोष लगाते हुए साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि न तो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और न ही उनके मंत्री किसी सहयोगी और पार्टी नेता को इंफोर्समैंट डायरैक्टोरेट का कोई डर है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या केजरीवाल वह पहला व्यक्ति नहीं था जिसने इन कानूनों को दिल्ली में लागू किया था? धर्मसोत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को यह भी याद दिलाया कि राष्ट्रीय राजधानी में किये गए इस काम के विपरीत कैप्टन अमरिन्दर सिंह पूरे भारत में ऐसे पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होंने पंजाब में किसान विरोधी कानूनों के विरुद्ध कानून पास किये थे।
मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह की पृष्ठभूमि नज़र डालते तो पता चलता कि वह किसी चिंता या पद खो जाने के डर की परवाह किये बिना पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के हकों और हितों की रक्षा के लिए हमेशा सबसे आगे रहे हैं। दूसरी तरफ़ एसवाईएल मुद्दे पर केजरीवाल का दोहरा चेहरा सामने आया है। धर्मसोत ने कहा कि केजरीवाल के लिए पंजाब सिफऱ् राजनैतिक खेल है परन्तु दूसरी तरफ़ यह कैप्टन और हम सभी के लिए मातृ भूमि है और पंजाब के हितों की रक्षा के लिए हम पूरी जान लगाने को तैयार हैं।
केजरीवाल की मनघडं़त बातों पर सवाल उठाते हुए मंत्री ने कहा कि केजरीवाल पंजाब की सत्ता संभालने का सपना कैसे देख सकता है क्योंकि उसने पहले ही अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल और उसके रिश्तेदार बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी माँगी थी, जिनको लोगों ने बुरी तरह नकार दिया था। राजनैतिक तौर पर धर्मसोत ने कहा कि हर पंजाबी इस तथ्य से पूरी तरह अवगत है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा उठाए गए साहसी कदमों के कारणही उनको पंजाब के पानी का रक्षक कहा जाता है। धर्मसोत ने कहा कि अपने पिछले शासन के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब के हितों के लिए अपनी ही पार्टी के खि़लाफ़ स्टैंड ले लिया था और ऐसा जोखिम सिफऱ् कैप्टन अमरिन्दर सिंह ही ले सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि किसानों का शांतमयी विरोध प्रदर्शन सिफऱ् कैप्टन अमरिन्दर सिंह के राज में ही यकीनी बनाया गया नहीं तो केजरीवाल और सुखबीर सिंह बादल जैसे राजनैतिक लोग यदि सत्ता में होते तो यह संघर्ष कभी का तारतार कर दिया होता।
धर्मसोत ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर किसानों के दर्द को समझते हैं और उनके दिल में किसानों के लिए गहरी हमदर्दी है जबकि ‘आप ’ और शिरोमणि अकाली दल के नेता इन मुद्दों से राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश् कर रहे हैं और उनको किसानों के मसलों और चिंताओं की कोई परवाह नहीं है।
पराली जलाने बारे बोलते हुए श्री धर्मसोत ने कहा कि मैं यह समझने में असफल रहा हूँ कि पराली जलाने से प्रदूशण सिफऱ् दिल्ली ही क्यों पहुँचता है और चण्डीगढ़ या करनाल में क्यों नहीं? इसका कारण यह है कि यहाँ प्रदूशण सिफऱ् उनकी फ़ैक्ट्रीयों और कारों से आता है। परन्तु केजरीवाल अपनी असफलताएं छिपाने के लिए पंजाब के गरीब किसानों पर दोष मढ़ रहे हैं।
केजरीवाल की आलोचना करते हुए मंत्री ने कहा कि आज किसानों का सबसे बड़ा दुश्मन केजरीवाल है। आप पहले किसी को ज़हर देने के बाद ज़हर की काट देकर ख़ुद को महान कहलवाने का दावा नहीं कर सकते। सत्य तो यह है कि केजरीवाल ने इन खेती कानूनों को दिल्ली में लागू किया है और अब यह इसको छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। वह पंजाब में अपनी राजनैतिक लालसाओं को पूरा करने के लिए ही किसान समर्थकीय होने का ढोंग कर रहे हैं।
मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए धर्मसोत ने कहा कि मोदी एन.आई.ए. नोटिस भेजकर किसानों पर दबाव बनाना चाहते हैं, परन्तु पंजाब के किसान किसी से नहीं डरते। उनकी माँगें सच्ची हैं और वह पिछले कई सालों से देश का पेट भर रहे हैं। इन किसान विरोधी कानूनों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।
आज पंजाब में कांग्रेस के अलावा अन्य किसी भी पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं है और पंजाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह के अलावा कोई अन्य नेता नहीं है जो राज्य का योग्य नेतृत्व कर सकता है। अहमद शाह अब्दाली के बाद, अगर किसी ने पंजाब को लूटा है, तो वह है बादल परिवार है और दूसरी तरफ़ आम आदमी पार्टी है जिसके नेता कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। इसलिए पंजाब के लोग उन पर यकीन नहीं करते। मंत्री ने कहा कि आने वाले म्यूंसीपल चुनाव वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव का संकेत बनेंगा और कांग्रेस एक बड़ी जीत प्राप्त करेगी।
काले खेती कानूनों के प्रति बादलों के स्टैंड पर बोलते हुए श्री धर्मसोत ने कहा कि मैं पंजाब के लोगों को याद करवाना चाहता हूँ कि जब ये ऑर्डीनैंस लागू किये गए थे उस समय सुखबीर सिंह बादल, हरसिमरत कौर बादल और यहाँ तक कि प्रकाश सिंह बादल ने इन कानूनों की प्रशंसा की थी और अब ये लोग किसानों के विद्रोह और गुस्से के कारण इस मुद्दे पर पलटी मारने के लिए मजबूर हैं।

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