पंजाब

आर.टी.आई. के जवाब ने केंद्र के झूठ का पर्दाफाश किया – कैप्टन अमरिन्दर सिंह

खेती कानूनों को कमेटी की मंज़ूरी होने संबंधी झूठे दावे करने पर अकाली दल और आप को आड़े हाथों लिया
आर.टी.आई. का जवाब सार्वजनिक होने के बाद भी इसी झूठ को आधार बनाकर राहुल गांधी पर हमला बोलने के लिए हरसिमरत की कड़ी आलोचना
चंडीगढ़, 20 जनवरी:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आर.टी.आई. के जवाब ने खेती सुधारों संबंधी उच्च-स्तरीय कमेटी द्वारा मंज़ूरी देने सम्बन्धी केंद्र सरकार के दावे का पर्दाफाश कर दिया है जिससे अब यह स्पष्ट हो चुका है कि अकाली और आम आदमी पार्टी द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली भारत सरकार के इशारों पर झूठा प्रचार किया जा रहा है जिससे दोनों पार्टियाँ मिलकर किसानों के हितों को नुक्सान पहुँचाने का काम कर रही हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक योजना आयोग की तरफ से सूचना के अधिकार ऐक्ट के अंतर्गत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा गया कि खेती ऑर्डीनैंस और जून,2020 में संसद में इन खेती कानूनों को नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल द्वारा मुख्यमंत्रियों पर आधारित कमेटी की रिपोर्ट का मुल्यांकन किये बिना ही लाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के इन दावों के उलट शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी, दोनों पार्टियाँ शर्मनाक ढंग से इसका प्रचार करती रहीं जिससे भारतीय जनता पार्टी के किसान विरोधी एजंडे को और आगे बढ़ाया जा सके। यह जि़क्रयोग्य है कि केंद्रीय राज्य खाद्य मंत्री दानवे राओसाहब दादाराओ ने लोकसभा में दावा किया था कि ज़रूरी वस्तुएँ (संशोधन) बिल को उच्च-स्तरीय कमेटी ने मंजूरी दी थी जिसको कैप्टन अमरिन्दर सिंह स्पष्ट तौर पर रद्द कर चुके हैं और अब आर.टी.आई. के जवाब में भी यह गलत सिद्ध हो चुका है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि खेती कानूनों पर विचार-विमर्श और फ़ैसला लेने की बजाय सत्य यह है कि जैसे कि आर.टी.आई. के जवाब में भी सिद्ध हो चुका है कि कमेटी की रिपोर्ट अभी तक नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल के सामने भी नहीं रखी गई। उन्होंने कहा कि एक बार रिपोर्ट सार्वजनिक होने जाने से सबको पता लग जायेगा कि कमेटी की मीटिंगों में किसने क्या कहा था। उन्होंने कहा कि पंजाब तो कमेटी की पहली मीटिंग का हिस्सा भी नहीं था जबकि दूसरी मीटिंग में मनप्रीत बादल ने भाग लिया जिसमें कुछ वित्तीय मामले ही विचारे गए और तीसरी मीटिंग में तो सचिव स्तर के अधिकारी ही शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने झूठ, फऱेब और भ्रामक मुहिम चलाने के लिए पंजाब की विरोधी पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये पार्टियाँ राज्य में लोकतंत्र के साथ चुनी हुई कांग्रेस सरकार के विरुद्ध लोगों को भडक़ाने के लिए अपने साझे एजंडे के साथ चल रही हैं। उन्होंने कहा कि आर.टी.आई. के जवाब ने इन पार्टियों के झूठ के पुलिन्दे का भेद खोलकर रख दिया है। उन्होंने भाजपा, अकाली दल और आप की तरफ से ऐसे संवेदनशील मामले पर बेशर्मी के साथ मुल्क को गुमराह किये जाने की सख़्त आलोचना करते हुए कहा कि इससे बड़े स्तर पर बेचैनी पैदा हुई और उनके राज्य और मुल्क में अमन-शान्ति भी भंग हो सकती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ से झूठे प्रचार के आधार पर राहुल गांधी को सवाल करने के लिए आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली नेता की बेशर्मी की हद देखो कि वह आर.टी.आई. के जवाब के बाद भी लगातार झूठ बोलती रही और मीडिया में बड़े स्तर पर प्रकाशित होता रहा। आर.टी.आई. बारे मीडिया रिपोर्टों से दो से अधिक दिनों बाद भी हरसिमरत ने मंगलवार को ढीढता दिखाते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर कमेटी का हिस्सा होने के नाते खेती कानूनों बारे सहमत होने का दोष लगाया।
हरसिमरत द्वारा पंजाब के लोगों से स्पष्ट शब्दों में माफी मांगने की माँग करते हुए मुख्यमंत्री ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर चुटकी लेते हुए कहा कि हरसिमरत की तरफ से किसानों के हितों के प्रति हमदर्दी जताने का नाटक किया जा रहा है जबकि इससे पहले उन्होंने आंदोलनकारी किसानों पर उनके कथित भले के लिए (जैसे कि हरसिमरत ने ट्वीट में कहा है) यह किसान विरोधी कानून थोपने के लिए भाजपा की हिमायत की थी। मुख्यमंत्री ने हरसिमरत और अकाली को पूछा, ‘‘आपने अपने सहयोगी को ये काले कानून किसानों पर थोपने से क्यों नहीं रोका? आप और आपकी पार्टी ने इन महीनों के दौरान इन कानूनों की पूरे दिल से हिमायत क्यों की।’’
शिरोमणि अकाली दल को किसानों के हितों का ‘नकली’ मसीहा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों ने जहाँ खेती कानूनों के मुद्दे पर हमेशा दोगला किरदार निभाया, वहीं राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी ने किसानों के हितों के लिए शुरू से ही लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा, ‘‘आपको किसानों की भावनाओं और उनके जीवन के साथ खेलने के लिए शर्म आनी चाहिए जिन किसानों के बगैर हम एक दिन भी जी नहीं सकते।’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार द्वारा सत्ता के भूखे बादलों और केजरीवाल जैसे लोगों को किसानों के हित कुचलने की आज्ञा नहीं दी जायेगी।

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