पंजाब

छात्र अगर फीस नहीं दे पाया तो स्कूल नहीं काट सकते छात्र का नाम, 2019-20 के सत्र के अनुसार भी पिछले सत्र की स्कूल लेंगे फीस

स्कूल फीस मामले में पंजाब और हरियाणा में भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश होंगे लागु: हाईकोर्ट

 

छात्र अगर फीस नहीं दे पाया तो स्कूल नहीं काट सकते छात्र का नाम, 2019-20 के सत्र के अनुसार भी पिछले सत्र की स्कूल लेंगे फीस

 

निजी स्कूलों की स्कूल फीस के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सभी अपीलों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 8 फरवरी को जारी अंतरिम आदेशों को पंजाब और हरियाणा के स्कूलों में लागु किए जाने के आदेश दे दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को राजस्थान के मामले में जो अंतरिम आदेश दिए हैं, उन्ही आदेशों को अब पंजाब और हरियाणा के निजी स्कूलों पर भी लागु किए जाने के आदेश दे दिए हैं। उन आदेशों के तहत कोई भी स्कूल फीस नहीं भरने पर किसी भी छात्र का नाम नहीं काट सकता है, फिर चाहे उस छात्र ने ऑनलाइन या फिजिकल क्लास लगाई हो या नहीं या उसने फीस भरी हो या नहीं।  निजी स्कूलों ने 2019-20 के सत्र में जो फीस वसूली थी, वही फीस ने 2020-21 के सत्र में ले सकते हैं, उसमे बढ़ोतरी नहीं की जा सकती है। जो छात्र पिछले सत्र में फीस नहीं भर पाए थे, वह छात्र 5 मार्च से 5 अगस्त तक छह महीनों की किश्त में यह फीस भर सकते हैं। अगर किसी छात्र के अभिभावकों को फीस भरने में परेशानी है तो वह स्कूल को इस बारे में जानकारी दे सकते हैं, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों को आदेश दिए हैं कि अगर उनके पास ऐसी को अर्जी आती है तो वह सहानुभूति के अनुसार उस अर्जी पर निर्णय लें।

सुप्रीम कोर्ट ने यह तय कर दिया है कि यह सभी आदेश अंतरिम हैं और इन पर अंतिम निर्णय इन सभी अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले से तय किया जाएगा।

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