हिमाचल प्रदेश

2010 और 2015 में किसी वर्ग के लिए आरक्षित रह चुके पद को इस बार उस वर्ग विशेष के लिए नहीं किया गया है आरक्षित

 ऊना, 15 दिसंबर : उपायुक्त ऊना, राघव शर्मा ने कहा है कि जिला ऊना में पंचायत प्रधान, पंचायत समिति अध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य पदों के लिए आरक्षण रोस्टर पूरी पारदर्शिता तथा नियमों के मुताबिक जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण रोस्टर पंचायती राज विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा 24 सितंबर 2020 एवं 07 दिसंबर 2020 को जारी गाइडलाइन्स एवं हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (चुनाव)नियमवाली 1994 के अनुसार बनाया गया है और पारदर्शिता के लिए विभाग की गाइडलाइन्स की प्रति जिला ऊना की आधिकारिक वेबसाइट www.hpuna.nic.in पर उपलब्ध है। डीसी ने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला आरक्षण के लिए 2011 की जनगणना के आंकड़ों और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा वर्ष 1993-94 में किए गए सर्वे के आंकड़ों का उपयोग किया गया है। जनगणना 2011 के आंकड़े https://censusindia.gov.in/2011census/population_enumeration.html पर उपलब्ध हैं और हिमाचल प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के आंकड़े भी पारदर्शिता के लिए जिला ऊना की वेबसाइट पर डाल दिए गए हैं।डीसी ने बताया कि 2010 और 2015 में किसी वर्ग के लिए आरक्षित रह चुके पद को इस बार उस वर्ग विशेष के लिए आरक्षित नहीं किया गया है। यदि किसी वर्ग का आरक्षण तय करते समय किसी सीट पर उसी वर्ग के लिए आरक्षण रिपीट होने की स्थिति आती है, तो वर्ष 2010 में उस वर्ग के लिए आरक्षित पदों को पहले चयनित किया जाएगा और उनके खत्म होने के बाद ही 2015 में उस वर्ग के लिए आरक्षित पद को चयनित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2010 और 2015 में निर्धारित आरक्षण रोस्टर भी जिला ऊना की वेबसाइट पर उपलब्ध है।राघव शर्मा ने कहा कि प्रधान पद के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कितनी सीटें आरक्षित की जाएं, यह संबंधित विकास खंड में अनुसूचित जाति, जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या प्रतिशतता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। उदहारण के यदि किसी विकास खंड में 100 पंचायतें हैं और उस विकास खंड में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 20 प्रतिशत है, तो उस विकास खंड में 20 प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए जाएंगे।जिला दंडाधिकारी ने कहा कि पंचायत समिति अध्यक्ष और जिला परिषद सदस्य के पदों के आरक्षण के लिए नियमानुसार जिला स्तर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग की ग्रामीण जनसंख्या देखी गई है। यदि किसी वर्ग की जनसंख्या 5 प्रतिशत से कम है, तो उस वर्ग के लिए कोई भी पद आरक्षित नहीं होगा। अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत जिला ऊना के सभी विकास खण्डों में 5 प्रतिशत से कम है, इसलिए अनुसूचित जनजाति के लिए जिला ऊना में कोई प्रधान पद आरक्षित नहीं होगा। इसी प्रकार जिला स्तर पर भी अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत 5 प्रतिशत से कम है, इसलिए अनुसूचित जनजाति के लिए जिला ऊना में कोई पंचायत समिति अध्यक्ष या जिला परिषद सदस्य पद आरक्षित नहीं हुआ है।उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 15 प्रतिशत से अधिक नहीं किया जाएगा, चाहे ओबीसी की जनसंख्या 15 प्रतिशत से अधिक हो।डीसी ने कहा कि कुल पदों में से 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसमें अनुसूचित जाति महिला, अनुसूचित जनजाति महिला और अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित पद सम्मिलित हैं। नियमों के हिसाब से आरक्षण करते समय सबसे पहले अनुसूचित जाति के लिए पद आरक्षित किए गए हैं। वर्ष 2010 और 2015 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रह चुके पदों को छोड़कर अन्य सीटों को अनुसूचित जाति की प्रतिशतता के घटते क्रम के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों में से 50 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित की गई हैं, जिसमें अनुसूचित जाति महिलाओं की प्रतिशतता को आधार माना गया है। उसके बाद बचे पदों में से 2010 और 2015 में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रह चुके पदों को छोड़कर बाकी सीटों में से अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या की प्रतिशतता के घटते क्रम के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए पद आरक्षित किए गए हैं और उनमें से भी 50 प्रतिशत सीट अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए महिलाओं की जनसंख्या की प्रतिशतता के आधार पर आरक्षित की गई हैं। उपायुक्त ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला जनसंख्या के आंकड़े अलग से उपलब्ध न होने के कारण विभागीय गाइडलाइन्स के अनुसार महिलाओं की जनसंख्या की प्रतिशतता का उपयोग किया गया है। इसके बाद बचे पदों में से वर्ष 2010 और 2015 में सामान्य महिला के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर बाकी सीटों में से कुल महिला जनसंख्या की प्रतिशतता के घटते क्रम के आधार पर महिला के लिए सीट आरक्षित की गई है। उसके बाद बची हुई सीट अनारक्षित छोड़ी गई हैं।उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल मुख्य बिंदु हैं और विस्तृत प्रक्रिया के लिए विभागीय गाइडलाइन्स को देखा जा सकता है। कोई भी इच्छुक व्यक्ति नियमों और आंकड़ों के आधार पर स्वयं अपने स्तर पर निर्धारित आरक्षण रोस्टर को जांच सकता है।

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