हिमाचल प्रदेश

हिमाचली युवाओं के लिए सुनहरा मौका: सरकार ने हिम स्टार्ट अप योजना के अन्तर्गत 10 करोड़ रुपये का उद्यम कोष स्थापित किया

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के नए उद्यमियों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए हिम स्टार्ट अप योजना के अन्तर्गत 10 करोड़ रुपये का उद्यम कोष (वेंचर फण्ड) स्थापित किया है। आईआईटी मण्डी द्वारा आयोजित हिमालय स्टार्ट अप टैªक के चैथे संस्करण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने आज नई दिल्ली से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह बात कही। उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप इण्डिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना है, जिसने उद्यमियों के सपनों को पंख लगाए हंै और यह कार्यक्रम देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मण्डी पिछले चार वर्षों से इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है और देशभर में 100 से ज्यादा स्टार्ट अप आईआईटी मण्डी द्वारा क्रियान्वित किए जाने वाले केटालिस्ट इन्क्यूबेशन प्रोग्राम से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए गर्व का विषय है कि देशभर में यह प्रतिष्ठित संस्थान उद्यमिता और स्टार्ट अप सूचकांक में सातवें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में किए गए प्रयासों से राज्य को भी राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना आरम्भ की गई है और इस कार्यक्रम के तहत नवोमेष विचारों वाले युवाओं को एक वर्ष के लिए 25 हजार रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, विचारों के कार्यान्वयन और मार्किटिंग के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को राष्ट्रीय स्तर पर स्टार्ट अप को पेटेंट फाईल करने के लिए दो लाख रुपये और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट फाईल करने के लिए 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम स्वरोजगार उद्यम के लिए प्रयासरत प्रतिभाशाली युवाओं को बढ़ावा दे रहा है। इस योजना में राज्य के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे आईआईटी मंडी, एनआईटी हमीरपुर, विभिन्न सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में, विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता लाने के लिए इन्क्यूबेशन केन्द्र स्थापित करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से तीन वर्षों के लिए 30 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है और 818 प्राप्त आवेदनों में से इन्क्यूबेशन केंद्रों ने 132 स्टार्ट अप में से 54 को पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि 78 स्टार्ट अप इन्क्यूबेशन में हैं जबकि 30 स्टार्ट अप तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने तकनीकी के विकास तथा पहले से स्थापित तकनीक को सुदृढ़ करने पर बल दिया, क्योंकि तकनीक विकास और वृद्धि की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि तकनीकी उन्नति के कारण ही कोरोना महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के मध्य गतिविधियों को वर्चुअल मोड द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम अपने जीवन में डिजिटल इण्डिया के परिणाम देख रहे हैं। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार बड़े पैमाने में उद्यमता को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री का 10 करोड़ रुपये के उद्यम कोष (वेंचर फण्ड) स्थापित करने तथा युवाओं के लिए स्वरोजगार सृजित करने के लिए आरम्भ की गई विभिन्न अभिनव योजनाएं के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य में उद्यमियों को दिए जा रहे विभिन्न प्रोत्साहन की विस्तृत जानकारी दी। आईआईटी मण्डी के निदेशक ए.के. चर्तुवेदी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

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