हिमाचल प्रदेश
चंबा: स्थानीय निवासियों के बीच उपजे विवाद के दृष्टिगत उपमंडल सलूणी में 4 से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठे होने प्रतिबंध
ज़िला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने धारा 144 के तहत जारी किए आदेश
बैठक, जुलूस, रैली, धरना- प्रदर्शन पर रोक
आदेश की उल्लंघना में होगी कार्रवाई
चंबा, 15 जून
ज़िला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1993 की धारा 144 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपमंडल सलूणी में चार से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठे होने , किसी भी प्रकार की बैठक, जुलूस, रैली, धरने- प्रदर्शन के आयोजन को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए हैं ।
यह आदेश तुरंत प्रभाव से आगामी 7 दिनों तक प्रभावी रहेंगे और प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान इस आदेश को आगे भी बढ़ाया जा सकता है ।
जारी आदेश में कहा गया है कि संघणी, किहार तथा सलूणी में स्थानीय निवासियों के बीच उपजे विवाद के दृष्टिगत कानून व्यवस्था की स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा ये आदेश जारी किए गए हैं ।
आगे आदेश में कहा गया है लोगों द्वारा प्रदर्शन और जुलूस आयोजित करने से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न होने की आशंका तथा जान- माल की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी संप्रदाय के प्रति अपमानजनक और भेदभावपूर्ण टिप्पणी नहीं कर सकता है ।
इसके साथ किसी भी मीडिया के माध्यम से व्यक्ति विशेष द्वारा अभद्र टिप्पणी नहीं करने को कहा गया है जो सांप्रदायिक तनाव का कारण बनता हो।
आदेश के उल्लंघन की अवस्था में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा ।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के प्रावधान आगामी 60 दिनों तक लागू
ज़िला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने जारी किए आदेश
नियोक्ता को पुलिस थाना में प्रवासी श्रमिकों का विवरण उपलब्ध करवाना होगा अनिवार्य
उल्लंघन की अवस्था में होगी कार्यवाही
चंबा, 15 जुन
ज़िला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के प्रावधानों को ज़िला में आगामी 60 दिनों तक लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
ज़िला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बाहरी कामगारों, किरायेदारों ,घरेलू श्रमिक की बढ़ रही संख्या को लेकर पुलिस अधीक्षक द्वारा सूचित किए जाने पर एहतियातन असामाजिक तत्वों और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों की पहचान के लिए आगामी 60 दिनों तक धारा 144 के अंतर्गत विभिन्न प्रावधानों को लागू किया गया है ।
आदेश में यह भी कहा गया है कि विद्युत परियोजनाओं के तहत ठेकेदारों या कंपनियों में लगे प्रवासी मजदूरों की पूर्ववृत्त पहचान और बाहरी राज्यों से आने वाले कपड़े, शाल इत्यादि बेचने और बर्तनों की साफ सफाई से सम्बधित कार्यों में लगे लोगों की पूर्ववृत्त पहचान आवश्यक है ।
जारी आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि नियोक्ता, ठेकेदार , व्यापारी को प्रवासी मजदूरों को सेवा में संलग्न करने से पहले संबंधित पुलिस थाना में उनकी पूर्ववृत्त की पहचान और सत्यापन के लिए एक पासपोर्ट आकार की फोटो के साथ विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा ।
इसके अलावा स्वरोजगार की अवस्था में भी प्रवासी व्यक्तियों को संबंधित पुलिस थाना को सूचित करना होगा ।
जारी आदेश के अनुसार ज़िला के सभी एसडीएम से ऐसे व्यक्तियों की निगरानी और नियमित रूप से समीक्षा करने को कहा गया है ।
आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी धार्मिक संस्थानों, पूजा स्थलों , परिसरों में ऐसे व्यक्तियों को बिना संबंधित थाना में पंजीकरण के बिना ठहरने की अनुमति नहीं होगी । इसके अलावा उन्हें ठहरने वाले सभी व्यक्तियों का रिकॉर्ड रखना भी अनिवार्य होगा
आदेश के उल्लंघन की अवस्था में भारतीय दंड संहिता के तहत धारा 188 के तहत कार्यवाही का प्रावधान रखा गया है ।