चंडीगढ़

चोरी, झगड़े व एक्सीडेंट केस में पीओ सेल की टीम ने 4 भगौड़े दबोचे

-तकनीकी एवं निगरानी सेल ने भगौड़ों को पकड़ने में निभाया अहम रोल

चंडीगढ़, 1 मई: चोरी, झगड़े व एक्सीडेंट के केस में फरार 4 भगौड़ों को पीओ एवं सम्मन सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सैक्टर-25 निवासी विनीत उर्फ बिन्नी, गांव बड़माजरा, मोहाली निवासी जतिन्द्र कुमार, गांव फैदां निवासी अनिल व मोहाली के गांव चौलटा कलां निवासी नरिन्द्र सिंह के रूप में हुई है। फिलहाल पुलिस मामलों की जांच कर रही है।
एसएसपी यूटी कंवरदीप कौर व एसपी सिटी मृदुल की सुपरविजन में पीओ सेल के इंचार्ज इंस्पैक्टर हरिओम शर्मा ने पुलिस टीमें बनाई। जिसमें एएसआई हरमीत सिंह, एएसआई दिनेश कुमार, हैड कांस्टेबल अशोक कुमार,हैड कांस्टेब शरणजीत सिंह, सीनियर कांस्टेबल जतिन्द्र कुमार, कांस्टेबल उमेश कुमार व कांस्टेबल रंजीत सिंह को शामिल किया गया। पुलिस की एक टीम ने सैक्टर-25 निवासी विनीत उर्फ बिन्नी को गिरफ्तार किया। विनीत पर सैक्टर-31 थाने में तोड़फोड व झगड़े के तहत 7 फरवरी 2019 को केस दर्ज हुआ था। कोर्ट में पेश न होने के चलते आरोपी को कोर्ट ने 1 अप्रैल 2023 को भगौड़ा करार दिया था। जिसके बाद पीओ सेल ने एक माह बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। दूसरी  गिरफ्तारी हुई गांव बड़माजरा, मोहाली निवासी जतिन्द्र कुमार की। उस पर 29 मार्च 2018 को सैक्टर-31 थाने में चोरी का केस दर्ज हुआ था जिसमें उसने इंडस्ट्रियल एरिया के एक प्लॉट से 88 हजार 828 रुपए चुराए थे। कोर्ट मेंप ेश न होने के चलते उसे 15 दिसंबर-2022 को भगौड़ा करार कर दिया गया था। पुलिस ने तीसरी गिरफ्तारी की गांव फैदां निवासी अनिल की। उस पर इंडस्ट्रियल एरिया थाने में 19 मार्च-2017 को गैर इरात्तदन हत्या के तहत केस दर्ज हुआ था। जिसमें वह इनोवा कार में सवार था और सैक्टर-29 स्थित साईं मंदिर के पास सड़क पार कर रही एक महिला को उसने टक्कर मार दी थी। हादसे में महिला की मौत हो गई थी और पुलिस ने अनिल को गिरफ्तार कर लिया था। जमानत मिलने के बाद वह दोबारा कोर्ट में पेश नहीं हुआ। जिसके चलते कोर्ट ने 10 अप्रेल-2023 को उसे भगौड़ा करार कर दिया था। चौथी गिरफ्तारी चौलटा कलां, मोहाली निवासी नरिन्द्र सिंह की हुई। उस पर मलोया थाने में 20 मार्च-2019 को चोरी का केस दर्ज हुआ था। 5 जनवरी 2023 को कोर्ट ने उसे भगौड़ा करार कर दिया था। पुलिस का कहना है कि पुलिस के तकनीकी एवं निगरानी सेल की मदद से उक्त चारों भगौड़ों को गिरफ्तार किया गया।

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