विक्रमजीत साहनी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से की मुलाकात
विदेश मंत्री ने कनाडा से भारतीय छात्रों से डिपोर्ट करने के मुद्दे पर पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया, साहनी ने पीड़ित छात्रों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की
चंडीगढ़/ 19-03-2023:
पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने शनिवार को भारत सरकार के विदेश मंत्री श्री एस. जयशंकर से मुलाकात करके उन्हें एक ज्ञापन सौंपा और कनाडा से 700 भारतीय छात्रों के डिपोर्ट को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की। जिस पर एस जयशंकर ने मामले में पूर्ण सहयोग और समर्थन देने का आश्वासन दिया।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने साहनी को बताया कि ने अब तक लगभग 100 छात्रों ने टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया है। इनमें से अधिकांश छात्र टोरंटो और कुछ वैंकूवर में स्थित हैं। विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग और ओटावा में अपने समकक्षों के साथ भी इस मुद्दे को उठाया है व उनसे पूरे मामले की जांच करने और छात्रों को वापस नहीं भेजने का अनुरोध किया है, क्योंकि उन्होंने कनाडा जाने के लिए लाखों रुपये खर्च किए हैं। जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की है और जरूरी कार्य अनुभव प्राप्त किया है।
साहनी, जो विश्व पंजाबी संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने घोषणा की कि दोनों सरकारों के समक्ष मामला उठाने के अलावा, डब्ल्यूपीओ कनाडा में प्रमुख इमिग्रेशन वकीलों के माध्यम से इन छात्रों को उनके मामले लड़ने के लिए मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करेगा।
साहनी ने विदेश मंत्रालय में उत्तरी अमेरिका विभाग के मंत्री और अधिकारियों के संज्ञान में लाया कि इन छात्रों को विभिन्न कॉलेजों के फर्जी और जाली प्रवेश पत्रों पर कनाडा भेजा गया था। आने पर इन छात्रों को बताया गया कि उक्त कॉलेजों में प्रवेश रद्द कर दिया गया है, इसलिए उन्होंने अपने पैसे से अन्य कॉलेजों में प्रवेश लिया और अपनी पढ़ाई पूरी की। लेकिन यह हैरानीजनक है कि कनाडा के दूतावास ने इन छात्रों को वैध वीजा जारी किया और यहां तक कि उन्होंने कनाडा के हवाई अड्डों पर इमिग्रेशन क्लियरेंस भी पास कर ली। यह दिलचस्प है कि इतने बड़े पैमाने पर छात्र कनाडा कैसे पहुंच जाते हैं, अगर एक धोखेबाज और कुख्यात एजेंट द्वारा उन्हें प्रदान किए गए प्रवेश पत्र जाली थे।
साहनी ने आगे बताया कि इनमें से अधिकांश छात्रों ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट के तहत एक साल के लिए कनाडा में नौकरी की है। अब जब उन्होंने स्थायी निवास के लिए आवेदन किया, तो कनाडा सीमा सुरक्षा एजेंसी (CBSA) के विभाग ने इस मुद्दे को उठाया और इन छात्रों को डिपोर्ट करने की धमकी दे रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर इन छात्रों को डिपोर्ट किया जाता है, तो इससे अन्य संभावित भारतीय छात्रों को बहुत गलत संदेश जाएगा, जो कनाडा जाना चाहते हैं। वर्तमान में 2.5 लाख से अधिक भारतीय छात्र कनाडा के विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सद्बुद्धि आएगी और कनाडा सरकार तरस के आधार पर इस मामले पर विचार करेगी और इन छात्रों को डिपोर्ट नहीं करेगी।