अकाली दल ने भाजपा को दिखाया आईना,पार्टी सिद्धांत राजनीति से उपर : अकाली दल
सुखबीर बादल का बड़ा मास्टर स्ट्रोक, बंदी सिंहों की रिहाई व राज्यों को अधिक शक्तियों का आहवाहन
अकाली दल एनएसए जैसे कठोर काले कानूनों के दुरूपयोग के खिलाफ .
भारत सरकार से बंदी सिंहों की रिहाई व खालसा पंथ के धार्मिक मामलों और संस्थानों में सरेआम हस्तक्षेप को रोकने का भी आहवाहन
शिरोमणी अकाली दल की कोर कमेटी ने लोकसभा चुनाव के मुददों पर चर्चा की
चंडीगढ़/22मार्च: शिरोमणी अकाली दल की कोर कमेटी ने आज सर्वसम्मति से उन मुददों, नीतियों और सिद्धांतों को सामने रखा, जिनके आधार पर पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में जनादेश मांगने के लिए पंजाब के लोगों के पास जाएगी।
पार्टी सिद्धांतों को राजनीति से उपर रखना जारी रखेगी और यह खालसा पंथ, सभी अल्पसंखकों के साथ साथ सभी पंजाबियों के हितों के चैंपियन के रूप में अपनी ऐतिहासिक भूमिका से कभी नही हटेगी तथा साथ ही हम सरबत का भला के दृष्टिकोण के आधार पर राज्य में शांति और सदभाव के माहौल को बनाए रखने के लिए अपनी पूरी उर्जा के साथ काम करना जारी रखेगी। शिरोमणी अकाली दल सिखों और सभी पंजाबियों की एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में राज्यों को अधिक शक्तियों और असली स्वायतता के लिए अपनी लडाई जारी रखेगी। पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में कोर कमेटी की एक विशेष मीटिंग में पारित प्रस्ताव में कहा गया,‘‘ हमने कभी भी इन हितों पर समझौता नही किया है और न ही भविष्य में इन पर कभी समझौता किया जाएगा।’’
प्रस्ताव में भारत सरकार से बंदी सिंहों की रिहाई के लिए अपनी स्पष्ट प्रतिबद्धता का सम्मान करने का आग्रह किया गया है, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। प्रस्ताव में कहा गया है ,‘‘ ये प्रतिबद्धताएं पांच साल पहले श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की गरिमामय मौजूदगी में की गई थी।’’
प्रस्ताव में आगे कहा गया कि अकाली दल किसानों और खेतिहर मजदूरों के हितों की वकालत करता रहेगा और उनसे किए गए सभी वादे पूरे किए जाने चाहिए। कोर कमेटी ने कहा,‘‘ अकाली दल किसानों का सबसे बड़ा प्रतिनिधि लोकतांत्रिक संगठन है और उनके हितों की लड़ाई में सबसे आगे रहा है।’’
प्रस्ताव में खालसा पंथ के धार्मिक मामलों और संस्थानों में सरेआम हस्तक्षेप को रोकने का भी आहवाहन किया गया। इसमें कहा ,‘‘ हम हरियाणा के लिए एक अलग गुरुद्वारा कमेटी की स्थापना करके एसजीपीसी को तोड़ने की साजिश की कड़ी निंदा करते हैं। हम डीएसजीएमसी, तख्त श्री हजूर साहिब, नांदेड़ साहिब और तख्त श्री पटना साहिब का नियंत्रण छीनने के प्रयासों की भी कड़ी आलोचना करते हैं।
प्रस्ताव में नई दिल्ली में श्री गुरु रविदास मंदिर को तोड़ने और उसके निर्माण के लिए भूमि आंवटित करने की मांग की गई। इसमें कहा,‘‘ इससे लगातार इंकार करना महान आत्मा और दुनिया भर के उनके लाखों अनुनायियों के खिलाफ भेदभाव और अन्याय करना है।’’
कोर कमेटी ने अन्य देशों के साथ व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए जमीन मार्ग को अटारी और फिरोजपुर सीमाओं को खोलने का भी आहवाहन किया, क्योंकि पंजाब की जमीन बंद है और इस संबंध में बड़े पैमाने पर बाधाओं का सामना करना है।
शिरोमणी अकाली दल मानवाधिकारों के लिए खड़ा है और एनएसए जैसे कठोर काले कानूनों के दुरूपयोग के खिलाफ है। ‘‘ इमरजेंसी के दौरान भी हमने ऐसे कानूनों का विरोध किया था। ‘‘ सरदार परकाश सिंह बादल जैसे अधिकांश देशभक्त नेताओं पर भी लगातार कांग्रेस शासकों द्वारा एनएसए जैसे कानून लागू किए गए थे।’’ इसने बाबा साहिब भीम राव अंबेडकर द्वारा बनाए गए भारत के संविधान की आत्मा को कमजोर करने के प्रयास का भी कड़ा विरोध किया।