मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का पहली बार चंबा पहुंचने पर आज भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेले की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मेले एवं त्यौहार हिमाचल प्रदेश की धरोहर और संस्कृति के प्रतीक भी हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमें अतीत से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं और परम्पराओं को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्राकृृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एक दल प्रदेश भेजा था जो अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही दिल्ली जा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के सम्बंध में भेंट करेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण प्रदेश में लगभग 8000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने दृढ़ता के साथ इस आपदा का सामना किया। राज्य सरकार ने 48 घंटे के भीतर प्रभावित क्षेत्रों में बिजली व पानी की अस्थाई आपूर्ति सुनिश्चित की। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रहकर स्वयं राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की है। अब प्रदेश में स्थिति बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि खराब मौसम के कारण वह जिला चंबा के होली नहीं जा पाए, लेकिन जल्द ही वह होली के दौरे पर आयेंगे। उन्होंने कहा कि उपायुक्त चंबा को होली क्षेत्र के सभी प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं और सभी प्रभावितों तक राहत पहुंचाना सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण को सामने रखकर मुआवजा राशि में दस गुणा तक की वृद्धि की है।
इससे पूर्व, एनपीएस कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया और पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए उनका धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज होने के बावजूद राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रदान की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कर्मचारियों को सम्मान से जीवन-यापन का हक देना चाहती है। कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रतिज्ञा पत्र में ओपीएस बहाली की गारंटी दी थी, जिसे पूरा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास एनपीएस के दस हजार करोड़ रुपये लम्बित हैं और केंद्र से इसे वापस दिलवाने में विपक्ष को राज्य सरकार की मदद करनी चाहिए।