पंजाब

केंद्र सरकार ने चीनी की निर्यात सब्सिडी घटाई, गन्ना काश्तकारों और चीनी मिलों को 2768 करोड़ रुपए का होगा घाटा

सहकारिता मंत्री रंधावा ने केंद्र सरकार को फैसला फिर से विचारने की की अपील
चीनी की निर्यात सब्सिडी 10.44 रुपए से घटा कर 6 रुपए प्रति किलो की
चंडीगढ़, 19 दिसम्बरः सहकारिता मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा किये जा रहे किसान विरोधी फैसलों की कड़ी में एक और फैसला करते हुये चीनी की निर्यात सब्सिडी की दर पिछले साल के मुकाबले 4.44 रुपए प्रति किलो घटा दी है। इस फैसले से गन्ना काश्तकारों और चीनी मिलों को 2768 करोड़ रुपए के करीब घाटा पड़ेगा। साल 2020-21 के लिए चीनी की निर्यात सब्सिडी की दर 6 रुपए प्रति किलो कर दी गई है जबकि पिछले साल 2019-20 में यह दर 10.44 रुपए प्रति किलो थी।
रंधावा की तरफ से देश के प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री और खाद्य मंत्री को चीनी की निर्यात सब्सिडी घटाने के किसान और चीनी मिल विरोधी फैसले को फिर से विचार करके पिछले साल की दर पर जारी करने के लिए तुरंत फैसला लेने के लिए अपील की है। उन्होंने कहा कि यह फैसला फिर से विचारा जाये जिससे गन्ना काश्तकारों और चीनी मिलें जो पहले से ही वित्तीय संकटों का सामना कर रहे हैं, को राहत मिल सके।
सहकारिता मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से साल 2019-20 के लिए 10.44 रुपए प्रति किलो के हिसाब से देश की चीनी मिलों को निर्यात सब्सिडी देने का फैसला किया गया था, जिससे देश भर की चीनी मिलों को लगभग 6268 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होनी है परन्तु अब भारत सरकार की तरफ से साल 2020-21 के लिए जारी निर्यात सब्सिडी की दर 6 रुपए प्रति किलो करने से सिर्फ 3500 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होने का अनुमान है। पहले से ही ही देश में चीनी के अधिक उत्पादन के कारण वित्तीय संकट से जूझ रहे चीनी उद्योग और गन्ना काश्तकारों को केंद्र सरकार की तरफ से 2768 करोड़ रुपए का झटका दिया गया है।
रंधावा ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से गन्ना काश्तकारों की अदायगियां बड़े स्तर पर प्रभावित होंगीं। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से साल 2019-20 के निर्यात सब्सिडी की राशि जारी करने में भी देरी की जा रही है जिससे देश भर के गन्ना काश्तकारों की बकाया राशि जारी करने में भी देरी हो रही है। पंजाब की सहकारी चीनी मिलों की करीब 60.31 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार की तरफ बकाया है जिसको अभी तक जारी नहीं किया गया है।

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