पंजाब

पंजाब में आने वाले लोगों के लिए आर.टी.-पी.सी.आर. नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी, बड़े जमावड़ों से लौटने वाले लोगों को पाँच दिन घर में एकांतवास होना पड़ेगा

 

कोविड मामलों में वृद्धि के मद्देनजऱ पंजाब द्वारा कड़े कदम, आर.टी.सी-पी.सी.आर. की दर घटाकर 450 रुपए और आर.ए.टी. टेस्टिंग 300 रुपए की

मुख्यमंत्री द्वारा हालात की समीक्षा, सिनेमा घरों/बार/जिम/कोचिंग सेंटर/स्पोर्ट कंप्लैक्स 20 से 30 अप्रैल तक बंद करने का ऐलान

विवाह और संस्कार सहित 20 से ज़्यादा व्यक्तियों के जलसे पर पाबंदी, अग्रिम अनुमति के साथ सिर्फ़ 10 से अधिक व्यक्तियों के जलसे की मंजूरी

रविवार के दिन रेस्टोरेंट बंद रहेंगे, अन्य दिनों में सिर्फ़ होम डिलीवरी/घर लेजाने की अनुमति

साप्ताहिक बाज़ार बंद रहेंगे, रविवार को मॉल /दुकानें /बाज़ार बंद रहेंगे

पंजाब में आने वाले लोगों के लिए आर.टी.-पी.सी.आर. नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी, बड़े जमावड़ों से लौटने वाले लोगों को पाँच दिन घर में एकांतवास होना पड़ेगा

चंडीगढ़, 19 अप्रैल:

पंजाब समेत पूरे देश में कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजऱ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को कड़ी पाबंदियाँ लगाने के हुक्म दिए जोकि कल से लागू होंगे। इन पाबंदियों में रात के कफ्र्य़ू का समय बढ़ाकर रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक किया गया है और सभी बार, सिनेमा हॉल, जिम, स्पा, कोचिंग सेंटर, स्पोर्ट कंप्लैक्स बंद रहेंगे और सोमवार से लेकर शनिवार तक रैस्टोरैंटों और होटलों को सिर्फ़ खाना घर लेजाने और होम डिलीवरी की इजाज़त दी गई है।

निजी लैबों द्वारा की जाती आर.टी.-पी.सी.आर और रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग (आर.ए.टी) की कीमतें घटाकर क्रमवार 450 रुपए और 300 रुपए कर दी गई है और घर से सैंपल लेने के लिए अतिरिक्त कीमत वसूली जायेगी। यह कदम टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं।

पूरे राज्य में विवाहों /संस्कार समेत 20 से ज़्यादा व्यक्तियों के जमावड़ों पर पाबंदी लगा दी गई है और 10 से अधिक व्यक्तियों के सभी जमावड़ों, सिर्फ़ संस्कार को छोडक़र, के लिए जि़ला प्रशासन की अग्रिम मंज़ूरी ज़रूरी कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि ये नयी पाबंदियाँ, जिनमें सभी मॉल, दुकानों और बाज़ारों को रविवार के दिन बंद करना शामिल है, पहले वाली पाबंदियों सहित 30 अप्रैल तक लागू रहेंगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को ये पाबंदियाँ सख़्ती के साथ लागू करने और ज़रूरत पडऩे पर सिविल सोसायटी संगठनों की मदद लेने के भी हुक्म दिए। समूचे साप्ताहिक बाज़ार भी बंद रखने के हुक्म दिए गए हैं।

राज्य में कोविड की स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय वर्चुअल मीटिंग को संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी हुक्म दिए कि उड़ानों के द्वारा पंजाब में आने वाले सभी व्यक्तियों के पास आर.टी. -पी.सी.आर. की नेगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए जोकि 72 घंटों से अधिक पुरानी न हो नहीं तो उनकी हवाई अड्डे पर ही आर.ए.टी. जांच की जायेगी। उन्होंने यह भी हुक्म दिए कि वे व्यक्ती जो कहीं भी बड़े जमावड़ों में शामिल हुए है (धार्मिक /राजनैतिक /सामाजिक), उनको घर वापसी पर प्रोटोकॉल के अनुसार पाँच दिनों के लिए घर में एकांतवास में रहना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट विभाग को निर्देश दिए कि बसों /टैक्सीयों और ऑटो में लोगों की संख्या की क्षमता 50 प्रतिशत रखी जाये।

राज्य में आने वाले यात्रियों की जांच सम्बन्धी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों पर रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग (आर.ए.टी.) जांच बूथ स्थापित किये जाएँ और सभी यात्रियों की जांच की जाये। सभी योग्य व्यक्तियों का टीकाकरण भी किया जाये।

मुख्यमंत्री ने यह भी हुक्म दिए कि पटवारियों की भर्ती परीक्षा स्थगित की जाये और मैडीकल शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि एम.बी.बी.एस. /बी.डी.एस. /बी.ए.एम.एस. के पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष और पहले वर्ष के नर्सिंग के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन परीक्षा करवाई जाये।

मुख्यमंत्री ने समूचे धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक नेताओं को अपनी अपील फिर से दोहराई कि वह बड़े जमावड़ों से बचें और लोगों को टीकाकरण करवाने के अलावा कोविड से सुरक्षित रहने के लिए सभी ज़रूरी प्रोटोकॉल ख़ास तौर पर मास्क पहनने और जमावड़ों में न जाने संबंधी प्रेरित करें।

गार्डियनज़ आफ गवर्नेंस और समूह पूर्व फौजियों को स्कूलों में कोविड सुरक्षा प्रोटोकालों की पालना यकीनी बनाने के लिए अग्रणी भूमिका निभाने की अपील भी की गई है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब की फौजी छावनियों के अस्पतालों ने राज्य सरकार को यह यकीन दिलाया है कि कोविड मामलों में वृद्धि पर नकेल डालने के लिए राज्य सरकार की हर संभव मदद की जायेगी जबकि निजी अस्पतालों को कोविड के मरीजों के लिए 75 प्रतिशत बिस्तरे आरक्षित रखने के आदेश भी दिए गए हैं।

निजी और सरकारी अस्पतालों में स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड से सम्बन्धित संवेदनशील स्तर की संभाल और मदद मुहैया करवा रहे सभी निजी अस्पतालों में कोविड के लिए एल -3 स्तर की सहूलतों में 75 प्रतिशत आरक्षण रखा जाये। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी चुनिंदा ओपरेशन 15 मई तक किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में न किया जाये और सभी ओ.पी.डी. मरीजों की जांच करणे के अलावा उनको टीकाकरण के लिए भी उत्साहित किया जाये।

राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की मौजुदगी संबंधी 24 घंटे जानकारी प्रदान करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 104 भी चालू रहेगा। आक्सीजन की जरूरत और उपलब्धता पर कड़ी निगरानी की जायेगी और इसको सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के लिए यकीनी बनाने हेतु एक कमेटी काम करेगी जिसमें प्रमुख सचिव उद्योग और वाणिज्य, डायरैक्टर उद्योग और पंजाब हैल्थ सिस्टमज कारपोरेशन के एम.डी. शामिल होंगे। जबकि निजी अस्पतालों को रैमडेसीवीर, टोसिलीजुमाब आदि जरूरी दवाएँ मुहैया करवाई जाएंगी जिसके लिए पंजाब हैल्थ सिस्टमज कारपोरेशन के एम.डी. नोडल अफसर होंगे। मैडीकल कालेजों में समूचे चुनिंदा ओपरेशन फिलहाल आगे टाल दिए गए हैं।

कंटेनमैंट/माईक्रो -कंटेनमैंट रणनीति बनाने की छूट डिप्टी कमिश्नरों को उनके जोनों या इलाकों में स्थिति अनुसार दे दी गई है।

मुख्यमंत्री ने ट्रेसिंग में विस्तार करने के लिए भी हुक्म दिए और किसी भी आपात स्थिति के मुकाबले के लिए जरूरत पडऩे पर सीधी भर्ती करने के निर्देश भी दिए। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने मीटिंग के मौके पर जानकारी दी कि आपात स्थिति से निपटने के लिए एस.डी.आर.एफ. में से डिप्टी कमिश्नरों को 1-1करोड़ रुपए दे दिए गए हैं।

मुख्य सचिव विनी महाजन ने कहा कि पुलिस मुलाजिमों को स्वास्थ्य विभाग की मदद के लिए तैनात किया जा रहा है और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों जिनमें अध्यापक भी शामिल हैं, को कोविड पॉजिटिव पाये गए व्यक्तियों के संपर्कों की तेजी से खोज करने के लिए लगाया जा रहा है।

स्वास्थ्य सचिव हुसन लाल ने इस मौके पर कहा कि राज्य की पॉजिटीविटी दर 7.8 प्रतिशत पर स्थिर थी परन्तु अप्रैल 15 को यह बढ़ कर 12.6 प्रतिशत तक पहुँच गई जिसमें मोहाली की दर सबसे अधिक 36.53 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि यह विस्तार कोविड के नये प्रकार के कारण हो रहा है और इसके साथ ही इसके पीछे पंजाब से बाहर से बड़े भीड़ों में हिस्सा लेकर वापस आ रहे लोग भी इसके पीछे बड़ा कारण हैं।

उन्होंने कहा कि टेस्टिंग और बढऩे से संख्या बढऩे की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यदि लुधियाना, एस.ए.एस. नगर (मोहाली), जालंधर, अमृतसर और पटियाला में आपात कदम न उठाये गए तो यह राज्य में 5 मई तक एक दिन में 6000 केस सामने आने का कारण बनेंगे।

कोविड के बारे माहिरों की टास्क फोर्स के प्रमुख डा. के.के. तलवार ने कहा कि कोविड मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए और बन्दिशों की जरूरत है क्योंकि स्थिति चिंताजनक हो रही है जैसे कि दिल्ली में घटा है और वायरस स्पष्ट तौर पर अपना प्रभाव बदल रहा है। उन्होंने कहा कि वायरस की यह किस्म और अधिक हमलावर लगती है चाहे कि अभी यह पता नहीं लगा कि क्या यह वायरस की दोगुना किस्म है या कुछ और।

डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने कहा कि समूची फोर्स को सख्त कदम उठाने के लिए सक्रिय किया जा रहा है जबकि आपात योजनाबंदी भी की जा रही है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके जिससे विभाग स्थिति पर पकड़ बनाई रखे। उन्होंने कहा कि कोविड की बन्दिशों के उल्लंघन को रोकने के लिए मॉलज़ और मैरिज पैलेसों के आसपास पुलिस नाके लगाऐ जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 600 कोविड निगरान लगाऐ गए हैं।

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