संयुक्त किसान मोर्चा भारत के घटक जिसमें पंजाब के 30 किसान संगठन है , उनकी आज 3 घंटे हंगामी बैठक हुई । जिसकी प्रधानगी जगमोहन सिंह प्रदेश महासचिव भारतीय किसान यूनियन डकौंदा ने की । इस बैठक में घोषणा की गई कि जब तक मोदी सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेगी, तब तक किसानो का आंदोलन जारी रहेगा ।
सभी सदस्यों ने एक स्वर में यह बात रखी कि यह धरने प्रदर्शन किसी एक राज्य धर्म जाति वर्ग भाषा से संबंधित नहीं है । यह लड़ाई देशभर के सभी लगभग 476 किसान संगठनों की संयुक्त लड़ाई है , जो के सभी मिलकर मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं । जिसका समर्थन देशभर के मजदूर यूनियन , छात्र , युवा , महिला , बुद्धिजीवी , कर्मचारी व सभी वर्ग कर रहे हैं ।
इन सभी संगठनों का एकमत से कहना है कि जब तक केंद्र की मोदी सरकार 3 किसान और जनविरोधी काले कानून रद्द नहीं करती और प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल 2020 . पर्यावरण पर किसान विरोधी अध्यादेश रद्द नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा । पंजाब के किसान संगठनों के नेताओं के अलावा हरियाणा, मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, तेलगाना आदि किसान संगठनों ने मंच को संबोधित करते हुए व्यवहारिक रुप से बताया कि यह आंदोलन देश भर की आम जनता का है।