अब रजिस्ट्री होते ही उसी दिन चढ़ाना होगा इंतकाल, इंतकाल चढ़ाने के लिए लोगों को औसतन 1500 से 2000 रुपए देनी पड़ती है रिश्वत
रजिस्ट्रियों से संबंधित दस्तावेज तहसील में पटवारी के पास भेजे जाते हैं। पटवारी देखकर इंतकाल ऑनलाइन चढ़ाता है। इस कारण इंतकाल चढ़ाने में बहुत समय लगता है। जमीनों की रजिस्ट्री होने के बाद जब तक लोग पटवारी से मिलने नहीं आते, तब तक उनकी जमीन का इंतकाल नहीं चढ़ता। इस वजह से लोगों को सही काम कराने के लिए रिश्वत देनी पड़ रही थी। पंजाब के एक जिले में अब इस सिस्टम को बदलने की कवायद शुरू की गई है।प्रॉपर्टी के इंतकाल या फिर फर्द लेने के लिए अब आपको तहसीलकर्मियों को रिश्वत नहीं देनी पड़ेगी। राजस्व कार्यालयों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार ने रजिस्ट्री के ऑनलाइन प्रोसेस में एक ऐसा अलग से स्लॉट शुरू किया है कि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होते ही इसका अलर्ट पटवारी की लॉगइन आईडी पर स्वत: ही पहुंच जाएगा। अलर्ट मिलते ही पटवारी को उसी दिन सरकारी दस्तावेजाें में इंतकाल चढ़ाना होगा।यदि इंतकाल चढ़ाने में देरी होती है तो तहसीलदार सहित इसमें शामिल सभी राजस्व कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।