एनआईए किसानों की बजाए अर्नब गोस्वामी को भेजे नोटिस – सुनील जाखड़
चंडीगढ़ 19 जनवरी
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा किसानों को नोटिस भेजे जाने की सख्त निंदा करते हुए कहा है कि यह नोटिस तो अर्नव गोस्वामी को भेजे जाने चाहिए हैं।
सुनील जाखड़ ने आज यहां से जारी बयान में कहा कि इस समय अगर एनआईए द्वारा किसी की जांच करवाई जानी चाहिए तो वह है अर्नब गोस्वामी जिसने ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट की उल्लंघना कर के देश की सुरक्षा से जुड़ी गुप्त सूचनाएं अन्य लोगों के साथ सांझा की है ।
उन्होंने किसान नेताओं से भी अपील की कि वे केंद्र सरकार से बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठाएं क्योंकि उनके बच्चे ही सुरक्षा सेनाओं में तैनात रहकर देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं जिनके बारे में अरनव गोस्वामी गुप्त सूचनाएं लीक कर रहा था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अर्णब गोस्वामी को ऐसी गुप्त सूचनाएं प्रधानमंत्री कार्यालय अथवा रक्षा मंत्रालय से ही किसी ने लीक की होगी । उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों की पहचान करके उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि यह देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी कोई सूचना लीक होने के खतरे को टालने के लिए आवश्यक है कि इस कांड में शामिल लोगों के खिलाफ खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
जाखड़ ने कहा कि बालाकोट स्ट्राइक से पहले गोस्वामी द्वारा अपने दोस्त से साझा की गई सूचना अगर पाकिस्तान को मिल जाती तो इससे पूरा ऑपरेशन फेल हो सकता था और हमारे जवानों की जान को बड़ा खतरा हो सकता था।
उन्होंने मोदी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष कर रहे किसानों को एनआईए के नोटिस भेजने की बजाय अर्नब गोस्वामी करके तुरंत बुलाया जाए ।उन्होंने कहा कि अर्णब गोस्वामी की एक चैट के बिना भी उसने और पता नहीं कितनी सूचनाएं लीक की होंगी। उन्होंने कहा कि अर्नब गोस्वामी दोहरी भूमिका भी निभा रहा हो सकता है क्योंकि पुलवामा हमले के तुरंत बाद सबसे पहले जानकारी होना शक पैदा करता है कि उसे कैसे पता था कि पाकिस्तान क्या करने वाला है ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार अर्णब गोस्वामी के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से अंदोलन कर रहे किसानों पर अपनी भड़ास निकाल रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की यह कार्रवाई बताती है कि भाजपा सरकार किस कदर नैतिक तौर पर दिवालिया हो चुकी है।