*हनी के वकील की दलील में है दम है कि उसे तब नामजद किया जब उसके अंकल मुख्यमंत्री थे: हाईकोर्ट*
*हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिससे मुख्यमंत्री की भूमिका साबित हो*
पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह हनी को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि हनी के वकील की इस दलील में दम है कि भूपिंदर सिंह हनी के खिलाफ ईडी ने पिछले साल 30 नवंबर को यह मामला दर्ज किया, जब हनी के अंकल पंजाब के मुख्यमंत्री थे।
हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी द्वारा 30 नवंबर 2021 को दर्ज ईसीआईआर पर गौर करने पर पता चलता है कि 7 मार्च 2018 में दर्ज एफआईआर के तहत भी यही मामला दर्ज किया गया था और इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिससे मुख्यमंत्री की भूमिका साबित हो इसीलिए पीसी एक्ट की कार्यवाही रोक दी गई।
हनी के वकील का यह आरोप है की मामला दर्ज करने के समय पर भी गौर किया जाना चाहिए क्योंकि उस समय आरोपी के मामा मुख्यमंत्री थे इसीलिए इस मामले को दर्ज करने के पीछे राजनैतिक कारण थे।
हाईकोर्ट ने कहा कि वैसे भी इस मामले जांच पूरी की जा चुकी है और केस के सभी दस्तावेज ईडी के पास है और इस केस का ट्रायल पूरा होने में समय लग सकता है, आरोपी की आयु अभी 36 साल है उसे हार्ट की बीमारी है ऐसे में जमानत दी जा सकती है। ऐसे में हाईकोर्ट ने हनी को अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करवाने और जब भी उसे बुलाया जाये जांच में और कोर्ट में पेश होने की शर्त पर जमानत दे दी है। इसके साथ ही ईडी को कहा कि वह चाहे तो हनी को दी गई इस जमानत को रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल कर सकती है।