हरसिमरत बादल ने तुच्छ शोहरत के लिए किसान संघर्ष का अपमान करने के लिए केजरीवाल की निंदा की

केजरीवाल को किसानों के प्रति सहानुभूति दिखाने तथा जिस कानून को सबसे पहले नोटिफाई किया था उसकी प्रतियां फाड़कर उन्हे मूर्ख न बनाने को कहा
चंडीगढ़/17दिसंबर: पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की निंदा करते हुए कहा कि उन्होने देश में सबसे पहले खेती कानूनों को नोटिफाई करने वाले सबसे पहले थे इसीलिए वे इनकी प्रतियां फाड़कर संघर्ष करने वाले किसानों को मुर्ख बना रहे हैं तथा अपमान कर रहे हैं।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को ‘ड्रामेबाज’ के रूप में जाना जाता है लेकिन इस बार उन्हाने विधानसभा में उन्ही कानूनों को फाड़कर जिसे उन्होने 23 नवंबर को नोटिफाई किया था छल कर रहे हैं।
क्ेजरीवाल को किसानों पर दया करने की कहते हुए सरदारनी बादल ने कहा कि यह अजीब बात है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को अचानक पता चला कि किसान कड़कती सर्दी में बाहर बैठें हैं तथा बीस से अधिक का निधन हो गया है। ‘ दिल्ली के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के निर्देश पर खेती कानूनों को नोटिफाई करने के बाद अब मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। हालांकि ये नाटक मदद नही करेंगे। किसान जानते हैं कि केजरीवाल तथा आप ने कभी उनके संघर्ष का समर्थन नही किया है तथा केजरीवाल हमेशा ही केंद्र सरकार की धुन पर नाचता रहा है।
बठिंडा की सांसद ने कहा कि यह पहला अवसर नही है जब केजरीवाल ने किसानों को मुर्ख बनाने की कोशिश की हो। ‘ इससे पहले भी दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पहले नफरत वाले खेती कानूनों को चुपके से नोटिफाई कर दिया था तथा जब यह तथ्य सामने आया तो उन्होने सिंघू सीमा के पास कुछ शौचालयों का हास्यास्पद निरीक्षण के लिए जाकर किसानों की सहानुभूति जीतने की कोशिश की थी। खेती कानूनों की प्रतियां फाड़ने की यह बात पंजाब में आप के डूबते जहाज को बचाने की कोशिश है । इस तरह की तुच्छ राजनीति से रणनीति में मदद नही मिलेगी। पंजाबियों ने आप को अच्छी तरह से देखा है तथा वह हर बार पार्टी पर भरोसा नही करेंगे।