9 महीनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रही हाईकोर्ट, कई बड़े मामले लटके

पंजाब के हजारों करोड़ के ड्रग रैकेट और हरियाणा के डेरा हिंसा का मामला लटका
कोरोना कोवीड-19 के केहर के चलते हाईकोर्ट में पिछले 9 महीनों से बंद है और सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही इस दौरान हाईकोर्ट में सुनवाईयां हुई हैं और इसके कारण ही कई बड़े ही महत्वपूर्ण केसों की मार्च के बाद सुनवाइयां हो ही नहीं पाई हैं। इनमे दो बड़े मामले पंजाब और हरियाणा से जुड़े हैं।
पंजाब के सबसे बड़े हजारों करोड़ के ड्रग रैकेट के मामले की आखिरी सुनवाई 28 फरवरी को हुई थी, उस दिन हाईकोर्ट ने कहा था अब इस मामले को और लटकाया नहीं जाएगा और अगली सुनवाई पर मजीठिया मामले में ई.डी. और एस.टी.एफ. दोनों की सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में ओपन की जाएंगी। इसके अलावा एन.डी.पी.एस. केस में फंसे मोगा के तत्कालीन एस.एस.पी. राजजीत हुंदल मामले की जांच रिपोर्ट भी ओपन करने के हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे। लेकिन उसके बाद कोरोना ने पूरी दुनिया में अपना केहर बरपा दिया और इन मामलों की सुनवाई स्थगित होती ही चली गई, इस केस की सुनवाई हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच कर रही है।
दूसरा बड़ा मामला डेरा मुखी गुरमीत सिंह राम-रहीम से जुड़ा है। पंचकूला की सी.बी.आई. अदालत द्वारा 25 अगस्त 2017 को डेरा मुखी को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद हुए दंगों के मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की फुल बेंच कर रही है। इस मामले में भी हाई कोर्ट ने कहा था कि इस मामले को अब और लटकाया नहीं जाएगा और इस पर जल्द फैसला किया जाएगा कि इन दंगों का दोषी कौन है और किसके इशारे पर यह दंगे हुए, जिसमे करोड़ों की सावर्जनिक और नई संपत्ति का नुकसान हुआ था। लेकिन कोरोना के कारण मार्कघ महीने के बाद से इस केस की सुनवाई नहीं हो पाई है और सुनवाई स्थगित होती जा रही है।