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मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के साथ एकजुटता का प्रगटावा

पंजाब के जिलों में इन्टरनेट सेवाएं बंद करने की निंदा की
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों पर ड्रोन के द्वारा की गई गोलीबारी की निंदा की
किसानों और केंद्र के बीच अगले दौर की बातचीत रविवार होगी
चंडीगढ़, 15 फरवरी:
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज राज्य के किसानों के साथ एकजुटता का प्रगटावा करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में देश के अनाज उत्पादकों के साथ मज़बूती से खड़ी है।
केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंड़ा, पीयूष गोयल और नित्यानन्द समेत किसानों के साथ मीटिंग में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में घटी घटनाएँ दुर्भाग्यपूर्ण थीं और इनको टाला जा सकता था। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों पर हमला करने के लिए ड्रोन का प्रयोग असहनीय है और राज्य सरकार पहले ही इसका विरोध कर चुकी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनके निर्देशों के बाद पटियाला के डिप्टी कमिश्नर ने अम्बाला के डिप्टी कमिश्नर के समक्ष यह मुद्दा ज़ोरदार ढंग से उठाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के तीन जिलों में इन्टरनेट सेवाएं निरस्त कर दी गई हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन दिनों परीक्षाएंचल रही हैं और ऑनलाइन पढ़ाई की जा रही है, परन्तु इन्टरनेट सेवाओं को निरस्त करना अति-निंदनीय है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह नहीं चाहते कि राज्य का कोई भी नौजवान वॉटर केनन या आँसू गैस के गोले के आगे खड़ा हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब के किसानों द्वारा उठाई जा रही माँगों का पूरा समर्थन करती है। उन्होंने दोहराया कि पंजाब को भारत से अलग करने के लिए हरियाणा के साथ लगती राज्य की सरहदों पर कँटीली तारें लगाई गई हैं, जोकि जायज़ नहीं है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के किसानों के साथ इस तरह का सौतेली माँ वाला सलूक ग़ैर-वाजि़ब और अति-निंदनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी पक्ष उनको भाजपा की ‘बी’ टीम बताती है परन्तु वास्तव में ‘आप’ किसानों की ‘ए’ टीम है। हरियाणा द्वारा पंजाब किसान आंदोलन को स्पांसर करने के दोषों पर उन्होंने कहा कि किसानों के शांतमयी प्रदर्शन को रोकने के लिए राज्य में क्र्फयू नहीं लगाया जा सकता बल्कि किसानों की जायज़ माँगों का हल किया जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह कुर्सियों की ख़ातिर राजनीति में नहीं हैं और न ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की अफ़वाहों या धमकियों से हम डरते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किसानों के हिमायती हैं और मीटिंग में केवल इसलिए हिस्सा ले रहे हैं क्योंकि यह अनाज उत्पादकों की इच्छा थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह पूरी स्थिति पर निजी तौर पर नजऱ रख रहे हैं और राज्य के सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 54 किसान गंभीर रूप से जख़़्मी हो चुके हैं और राज्य सरकार उनको मुफ़्त इलाज उपलब्ध करवा रही है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों को बताया कि राज्य के मेहनती किसानों ने देश को अनाज उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाया है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसानों ने राज्य की उपजाऊ मिट्टी और पानी के रूप में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का भी शोषण किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कारण राज्य भर के ज़्यादातर ब्लॉकों में पानी का स्तर डार्क ज़ोन में पहुँच गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की फ़सल राज्य की फ़सल नहीं है, बल्कि राज्य इसकी पैदावार राष्ट्रीय अन्न भंडार को भरने के लिए करता है। उन्होंने कहा कि फ़सलीय विविधता के रास्ते में कई चुनौतियाँ हैं, जिसको हल किया जाना ज़रूरी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य को आरडीएफ के अंतर्गत रोके गए फंड जारी करती है तो राज्य सरकार कृषि विविधता को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को मुआवज़ा दे सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की फ़सल प्रबंधन का मुद्दा हो या कोई अन्य मुद्दा, सब किसानों की आर्थिकता के साथ जुड़े हुए हैं। हालाँकि उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसको हल करने की बजाय किसानों के असली मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल रही है जोकि ठीक नहीं है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार कृषि मसलों के प्रति उदासीन पहुँच अपना रही है जो देश के हित में नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ समाज विरोधी तत्व किसानों को भडक़ाने और जायदाद को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई किसानों को उकसाता है तो राज्य सरकार उसके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही करेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस सम्बन्धी सी.सी.टी.वी. की फुटेज चैक की जायेगी और यदि कोई किसान इस सम्बन्धी बयान देना चाहता है तो उसे भी दर्ज करके आगे की कार्यवाही की जायेगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले दौर की मीटिंग रविवार शाम को होगी। उन्होंने कहा कि अलग-अलग बिंदुओं पर सहमति बन गई है और अन्य अहम मुद्दों को जल्द ही हल कर लिया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह किसानों के साथ बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार को पहले ही लेकर आए हैं और बातचीत के द्वारा ही इस मसले का हल किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के रखवाले होने के नाते वह धरने स्रह्य कारण समाज के किसी भी वर्ग को परेशान नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी तरह की आपूर्ति निर्विघ्न रूप से सुनिश्चित बनाई जाएंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा है कि हरियाणा सरकार राज्य के किसानों के साथ धक्केशाही न करे जो शांतमयी ढंग से अपना धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

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