पंजाब

मुख्यमंत्री द्वारा रूपनगर जि़ले के सरकारी स्कूलों का औचक दौरा  

विद्यार्थियों की सुविधा के लिए सरकारी स्कूलों को बसें मुहैया करवाई जा रहीं  

कोई भी सरकारी स्कूल सुविधाओं से वंचित नहीं रहेगा
प्राईवेट स्कूलों से हट कर सरकारी स्कूलों में दाखि़ल हो रहे हैं विद्यार्थी
मौजूदा शैक्षिक सत्र के दौरान सरकारी स्कूलों के शानदार नतीजे आएंगे
नौजवानों को सिविल सेवाओं की परीक्षा की तैयारी करवाने के लिए अलग-अलग जिलों में प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना जल्दी होगी
रूपनगर, 13 दिसंबर:
राज्य के शैक्षिक क्षेत्र में किए जा रहे क्रांतिकारी बदलाव की ज़मीनी स्थिति का जायज़ा लेने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज जि़ले के अलग-अलग सरकारी स्कूलों का औचक दौरा किया।
मुख्यमंत्री ने रूपनगर जि़ले के स्कूल ऑफ ऐमिनेंस, सुक्खो माजरा और सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल, लुठेरी के सरकारी स्कूलों का दौरा करके स्कूलों में मौजूद सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्कूलों का औचक दौरा करके ख़ौफ़ पैदा करने नहीं आए, बल्कि कमियाँ दूर करने के लिए वह ख़ुद सरकारी स्कूलों में जा रहे हैं, जिससे बच्चों के लिए मानक शिक्षा सुनिश्चित बनाई जा सके।


दूर-दराज के इलाकों से पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए यातायात के साधनों की कमी पूरी करने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी सरकारी स्कूलों को बसें मुहैया करवा रही है, जिससे कोई भी विद्यार्थी साधन की कमी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि इससे पहले साधनों की कमी के कारण हमारे बच्चे ख़ासकर लड़कियाँ पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती थीं, परन्तु अब हरेक विद्यार्थी को सभी ज़रूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।
सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिल रही तालीम पर संतुष्टी ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब आज मैंने विद्यार्थियों के साथ बातचीत की तो मुझे इस बात की बहुत ख़ुशी हुई कि सभी बच्चे अपने भविष्य संबंधी बिल्कुल स्पष्ट हैं कि उन्होंने जीवन में कौन सा पेशा अपनाना है। मैं यकीन से कह सकता हूँ कि अब पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। बहुत से बच्चे प्राईवेट स्कूलों से हट कर सरकारी स्कूलों में दाखि़ला ले रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस बार सरकारी स्कूलों के शानदार नतीजे आऐंगे, जिससे मेरी सरकार के प्रयासों को हौसला मिलेगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सरकारी स्कूलों को समय के साथी बनाएगी और निश्चित रूप से पंजाब, देश भर में रोल मॉडल बनकर उभरेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा, ‘‘वह दिन अब दूर नहीं जब राज्य के सरकारी स्कूल, प्राईवेट स्कूलों की अपेक्षा बेहतर शिक्षा मुहैया करवाएंगे और माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने में गर्व महसूस किया करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऐसे स्कूलों ने वहां के शिक्षा क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है और आज वहां सरकारी स्कूल शानदार कारगुज़ारी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब हमारी सरकार ने राज्य की शिक्षा का स्तर विश्व के स्तर का बनाने का प्रण किया हुआ है और भविष्य में पंजाब का तालीम प्राप्त बच्चा दुनिया की चोटी की संस्थाओं में स्थान हासिल करेगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों के प्रबंधों की देख-रेख के लिए सरकार ने कैंपस मैनेजर भर्ती किए हैं, जिससे सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित बनाई जा सके।
स्कूल सिलेबस में उपयुक्त बदलाव करने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलेबस में सकारात्मक सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे महान गुरू साहिबान का जीवन और दर्शन एवं शहीदों के बेमिसाल बलिदान हमारे सिलेबस का विशेष हिस्सा हों, जिससे बच्चों को अपने गौरवमई इतिहास से मार्गदर्शन मिल सके। इसी तरह कौशल विकास के मौजूदा युग में सिलेबस में भी अपेक्षित बदलाव होना चाहिए, जिससे हमारे विद्यार्थी हुनरमंद शिक्षा हासिल कर सकें।
मुख्यमंत्री ने दुख के साथ कहा कि यह पंजाब की बदकिस्मति है कि पिछले समय में सरकारी स्कूल बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे थे, परन्तु सरकारों ने इन स्कूलों के सुधार के लिए कुछ नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में पिछली सरकारों ने शिक्षा जैसे क्षेत्रों को पूरी तरह अनदेखा किया, जिससे हमारे हज़ारों बच्चों को पढ़ाई के लिए आगे बढऩे के अवसर नसीब नहीं हुए। उन्होंने कहा कि बहुत सी लड़कियों को साधनों की कमी के कारण पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ी, जो पिछली सरकारों की नाकामी को सिद्ध करती हैं।
राज्य के सभी जिलों में स्थापित किए जा रहे 117 ‘स्कूल ऑफ ऐमिनेंस’ को होनहार विद्यार्थियों के रोशन भविष्य की संस्थाएं बताते हुए भगवंत मान ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में नया इंकलाब लेकर आने का उद्देश्य होनहार और काबिल विद्यार्थियों ख़ासकर सरकारी स्कूलों के बच्चों को अपने सपने साकार करने के लिए मार्गदर्शन और अवसर देना है, जिससे यह विद्यार्थी मुकाबले की परीक्षाओं में देश के बाकी बच्चों को पछाड़ कर अच्छे रैंक हासिल कर सकें। इन स्कूलों को विद्यार्थियों के छिपे हुए हुनर को तराशने और निखारने वाली संस्थाओं के रूप में विकसित किया जायेगा, जिससे विद्यार्थी अपने मनपसंद पेशे का चयन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को सिंगापुर में अध्यापन प्रशिक्षण के लिए भेजा, जिससे हमारे अध्यापक दुनिया की विकसित शिक्षा प्रणाली संबंधी अवगत हो सकें।
नौजवानों के सपने साकार करने के लिए सरकार द्वारा तैयार किए गए विशेष प्रोग्राम का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को मुकाबलों की परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए राज्य सरकार अलग- अलग जिलों में प्रशिक्षण केंद्र खोल रही है, जहाँ आई.ए.एस., आई.पी.एस. और अन्य पेशेवर परीक्षाएं पास करने के लिए तैयारी करवाई जायेगी।

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