CM भगवंत मान की हिमाचल सरकार को दो टूक : एक दुआनी नहीं देंगे, वाटर सेस लगाना गैर कानूनी : जल स्रोत मंत्री

कांग्रेस की गैर हाजरी में हिमाचल सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पंजाब विधान सभा में पारित
हिमाचल सरकार की ओर से बिजली उत्पादन के लिए पानी की गैर उपयोगी इस्तेमाल करने पर वाटर सेस लगाने के लिए जारी ऑर्डिनेंस के खिलाफ पंजाब विधान सभा में निंदा प्रस्ताव पारित हो गया। इस प्रस्ताव के समय कांग्रेस गैर हाजर रही, जबकि यह पंजाब के साथ जुड़ा मामला था। जबकि अकाली दल, भाजपा और बसपा ने हिमाचल सरकार के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जब एस वाई एल की बात आती हैं तो कांग्रेस वाले कहते है हम से सलाह ले लेना। अब जब हिमाचल सरकार ने वॉटर सेस लगा दिया है। तो कांग्रेस वाले सदन की करवाई का बायकॉट करके चले गए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा आज हिमाचल सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव आना था इस लिए वह सदन का बायकॉट करके चले गए हैं।
जल स्रोत मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने हिमाचल सरकार की ओर से वॉटर सेस लगाने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया।
मंत्री ने साफ़ कर दिया कि यह इंटर स्टेट वाटर डिस्प्यूट एक्ट 1956 का उलघन हैं। उन्होंने ने कहा कि नया सेस लगाने से पंजाब पर 500 करोड़ का वित्तीय बोझ पड़ेगा।
मंत्री मीत हेयर ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश सरकार को एक पंजी नहीं देंगे। आप कैसे रुकोगे पानी। मंत्री ने कहा कि हमने एक पैसा नहीं देंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा सेस लगाने का फैसला किया है जिस हम निंदा करते हैं। मान ने कहा कि हरियाणा को पानी मिलना चाहिए। लेकिन यमना से पानी मिलना चाहिए। मान ने कहा कि बेतुका फैसला है। हम राजस्थान को पानी देते है एक बकरी भी पानी नहीं पी सकती। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हम उनकी तरह भागते नही है। यह कोई भारत जोड़ों नहीं है, यह भारत तोड़ो है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश को एक दूबानी नहीं देंगे। पंजाब बड़ा भाई है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपना पानी बचाने की कोशिश कर रहे है। इस से केंद्र वाले तो खुश होंगे। पहले हरियाणा से लड़ रहे है और अब हिमाचल से लड़ रहे है।