चंडीगढ़

आपराधिक केसों में सालों से फरार चार भगौड़े चढ़े पीओ सेल के हत्थे

-सभी आरोपियों को पुलिस ने किया कोर्ट में पेश, चारों को न्यायिक हिरासत में भेजा

चंडीगढ़, 8 अगस्त : सालों से आपराधिक केसों में फरार चार भगौड़ों को पीओ सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। जहां अदालत ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इन सभी को गिरफ्तार करने के लिए एसएसपी कंवरदीप कौर की सुपरविजन में इंस्पैक्टर हरिओम शर्मा ने दो टीमें  बनाई, जिसमें एएसआई करणजीत सिंह, हैड कांस्टेबल शरणजीत सिंह, हैड कांस्टेबल अशोक कुमार, कांस्टेबल हरदीप सिंह, कांस्टेबल अमित अंटिल, कांस्टेबल कुलविन्द्र सिंह व कांस्टेबल दीपक नेन को शामिल किया गया। पुलिस टीमों ने आरोपियों के बारे में अहम जानकारी जुटाते हुए चारों को धर दबोचा (
पहला केस: पीओ सेल की टीम ने लुधियाना निवासी विक्की को लुधियाना से गिरफ्तार किया। उस पर 1 सितंबर-2017 को पुलिस स्टेशन-11 में आईपीसी की धारा 325 के तहत केस दर्ज किया गया था। कोर्ट में पेशी पर न जाने के चलते अदालत ने उसे 26 जुलाई-2022 को भगौड़ा करार कर दिया था।
दूसरा केस: विकास नगर, नया गांव निवासी रंधीर व खुड्डा अलीशेर निवासी गणोश उर्फ गिरीश को पीओ सेल की टीम ने पीजीआई के बाहर टैक्सी स्टैंड से काबू किया। उस पर 11 अप्रैल 2020 को सैक्टर-26 थाने में आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया था। कोर्ट में पेशी पर न जाने के चलते उसे 20 मार्च-2023 को भगौड़ा करार कर दिया गया था।
तीसरा केस: धनास निवासी भरत लाल को सैक्टर-43 से गिरफ्तार किया गया। उस पर सारंगपुर थाने में 3 मार्च-2017 को चोरी व 3 फरवरी 2018 को झगड़े का केस दर्ज हुआ था। चोरी के केस में कोर्ट ने 22 नवंबर-2018 व झगड़े केस केस में उसे 7 दिसंबर-2021  को भगौड़ा करार कर दिया था।

ऑस्ट्रेलिया का स्टडी वीजा लगवाने के नाम पर युवती से ठगे 8.80 लाख रुपए

चंडीगढ़, 8 अगस्त: सैक्टर-17-डी में बी.बी काउंसिल कंपनी के रविंदर सिंह, मनप्रीत सिंह बराड़, पुष्पिंदर कौर, ज्योति मेहरा व अन्य ने ऑस्ट्रेलिया का स्टडी वीजा लगवाने के नाम पर लुधियाना की एक युवती से 8.80 लाख रुपए ठग लिए। आरोपियों न तो वीजा लगवाया और न ही युवती के रुपए लौटाए। जिसके चलते युवती ने पुलिस को शिकायत दी। शिकायत के आधार पर सैक्टर-17 थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
शिकायतकर्ता तान्या ने पुलिस को बताया कि उन्होंने वर्ष 2021 में 12वीं पास कर आईलेट्स की तैयारी शुरु  कर दी थी। इसके बाद वह विज्ञापन के जरिए आरोपी फर्म के संपर्क में आई थी। जिसमें बच्चों को विदेश भेजने की बात कही गई थी। शिकायत के मुताबिक आरोपियों ने विदेश भेजने के नाम पर उनका फंड ट्रेक क्रिएट करने समेत फाइल प्रोसिंसग के रु प में लगभग 4 लाख रुपए शुरू  में ले लिए थे। शिकायतककर्ता की शुरु आत में रविंदर सिंह से फोन पर बात हुई थी। उसे कहा गया कि अपने दस्तावेज लेकर सैक्टर-17 दफ्तर पहुंच जाए। शिकायतकर्ता को वादा किया गया कि तीन महीने में ऑस्ट्रेलिया का वीज लगवा देंगे। प्रोसेसिंग फीस के रुपयों में में 35 हजार और की मांग की गई। शिकायतकर्ता को इंश्योरेंस, एंबेसी फीस, सेमेस्टर फीस, मेटिरियल फीस आदि भरने की बात कही। भारी रकम हासिल करने के बाद पीड़िता को कहा गया कि उसके केस में कुछ दिक्कत आ रही है और दोबारा सीईओ मंगवाना पड़ेगा। इसके लिए 1.50 लाख रु पये अलग से देने पड़ेंगे। शिकायतकर्ता से भारी रकम हासिल करने के बाद भी उनका वीजा नहीं लग पाया और न ही कंपनी ने रकम वापस की। ऐसे में शिकायत देने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु  कर दी है। तान्य ने बताया कि यह सभी आरोपी लोन भी लोगों को देते थे जिसके चलते ही लोगों ने उनकी तरह इन पर भरोसा, लेकिन इन लोगों को उसके समेत कई लोगों को इसी तरह से भरोसा तोड़ते हुए सभी से लाखों रुपए ठगे।

मलोया में 10  साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, 17 साल 4 माह का नाबालिग धरा

चंडीगढ़, 8 अगस्त : मलोया में सोमवार को 10 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म की घिनौनी घटना को अंजाम देने वाले 17 साल 4 महीने के एक नाबालिग को मलोया थाने की पुलिस ने दबोच लिया है। पुलिस ने उसे जुवेनाइल जस्टिस समक्ष पेश किया। जहां से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया है।
सोमवार को एक अज्ञात शख्स 10 साल की बच्ची को  मलोया स्थित झाड़ियों में ले गया था। जहां उसने उसके साथ दुष्कर्म कर वहां से फरार हो गया था। जब बच्ची चिल्लाते हुए आई तो किसी राहगीर ने देखा। जिसके चलते आसपास के लोग इकट्ठे हो गए थे और मामले की सूचना पुलिस को दी गयी थी। बच्ची को सैक्टर-16 के अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। वहीं मलोया थाना पुलिस ने पॉक्सो का केस दर्ज कर एसएचओ-मलोया जसपाल सिंह ने आरोपी पकड़ने के लिए एक टीम बनाई। पुलिस टीम ने आरोपी के बारे में जानकारी हासिल कर उसे कुछ घंटों बाद मलोया से दबोच लिया। पुलिस के अनुसार आरोपी बच्ची के घर के आसपास ही रहता था। वह कोई काम नहीं करता और  7वीं पास है। वहीं पीड़ित बच्ची अभी अस्पताल में ही भर्ती है, लेकिन पुलिस का कहना है कि वह खतरे से बाहर है। फिलहाल पुलिस ने मामले की आगामी जांच शुरू कर दी है।

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