हिमाचल प्रदेश

हिमाचल को राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला बनाने का लक्ष्य : गोविंद ठाकुर

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कार्यशाला का आयोजन, ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर एवं सतपाल सिंह सत्ती भी रहे उपस्थित
ऊना, 1 अक्तूबर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित कार्यशाला में  विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियो के साथ परामर्श एवं संवाद करते हुए शिक्षा मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि नई शिक्षा नीति बच्चों को सर्व सुलभ बनाकर भारत को ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगी। इस कार्यशाला का आयोजन स्टार्स परियोजना के तहत किया गया है।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विषय में सभी हितधारकों को पूर्ण जानकारी प्रदान कर उनके सुझाव आमन्त्रित करने के लिए इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। यह प्रदेश की ऐसी छठी कार्यशाला है। इससे पूर्व प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू, मण्डी, सोलन एवं बिलासपुर जिलों में ऐसी कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ऐसी प्रथम शिक्षा नीति है जिसे देशभर में परामर्श की सघन प्रक्रिया के उपरान्त तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 6 लाख से अधिक सुझावों को इस नीति में स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत 5वीं कक्षा तक मातृ भाषा पढ़ाने पर बल दिया जाएगा।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का लक्ष्य प्रत्येक बच्चे को शिक्षा के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से समग्र रूप से लाभान्वित करने और सभी हितधारकों के सुझावों के क्रियान्वयन के लिए ही कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में आयोजित होने वाली कार्यशालाओं में प्रस्तुत सुझावों को राज्य स्तर पर साझा कर कार्य योजना तैयार की जाएगी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्यशाला में अध्यापकों के साथ-साथ अभिभावक, शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संगठन, निर्वाचित प्रतिनिधि एवं छात्रों को आमन्त्रित किया गया है।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि यह हम सभी के लिए प्रसन्नता का विषय है कि विश्व बैंक के सहयोग से केन्द्र सरकार ने हिमाचल सहित देश के 06 राज्यों के लिए स्टार्स  परियोजना स्वीकृत की है। यह परियोजना विद्यालयों में मूल्यांकन प्रणाली में सुधार करने तथा सभी को समान शिक्षा सुनिश्चित बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सरकारी विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल बनाने की दिशा में कार्यरत हैं।
शिक्षा मंत्री ने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि शिक्षण प्रणाली एवं समान शिक्षा की दिशा में समरूपता लाने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सन्दर्भ में खुलकर अपने सुझाव प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति बेरोजगारी कम करने में सहायक सिद्ध होगी। ऐसा प्रयास किया जाएगा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बनें।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, मत्स्य व पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि नई शिक्षा नीति बच्चों को मानसिक तनाव से बाहर निकालने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुणवत्ता युक्त होगी और आदर्श समाज का निर्माण करेगी। नई शिक्षा नीति युवा वर्ग के लिए आजिविका कमाने में भी सक्षम बनेंगे। नई शिक्षा नीति में प्रत्येक विषय में कम पाठयक्रम पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय नीति में मातृभाषा तथा अन्य भाषाओं का विकल्प होगा, श्रवणबाधित छात्रों के लिए भी विशेष सामग्री होगी। उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कई भाषाएं, कलां, संगीत, संगीत, इतिहास, शारीरिक शिक्षा, विज्ञान, गणित व अन्य बहुविषयक पर आधारित होगी तथा नैतिक शिक्षा पर भी जोर दिया जाएगा।
इस अवसर पर छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत पुनः ज्ञान की शक्ति बनकर उभरेगा और इस दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 परिणाम मूलक सिद्ध होगी।
इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष नीलम कुमारी, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा वीरेंद्र शर्मा, उपायुक्त ऊना राघव शर्मा, एसडीएम डॉ निधि पटेल, अध्यक्ष शिक्षा बोर्ड सुरेश सोनी, जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य दवेंद्र चैहान सहित जिला के अध्यापक एवं अधिकारी, शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, निर्वाचित प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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