गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में यातायात नियमों का पढ़ाया पाठ
गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में यातायात नियमों का पढ़ाया पाठ
गुरुकुल इंटरनेशनल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कटोहर कलां में सड़क सुरक्षा माह पर एक जागरूकता शिविर लगाया गया।जिसमें ऊना जिले के परिवहन विभाग कार्यालय के अधिकारी आरटीओ अशोक कुमार ने शिरकत की।उन्होंने बच्चों को को रोड सेफ्टी के बारे में बताते हुए यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी दी ।कहा की अकसर देखा गया है की गोल्डन पीरियड में लोग घायल व्यक्ति की मदद के लिए आगे आने से कतराते है।जिसके पीछे उनका यह भय रहता है की पुलिस उनसे पूछताछ करेगी या अस्पताल में डॉक्टर उनसे खर्चा आदि मांगेगे। कहा की ऐसा कुछ नहीं है सड़क सुरक्षा नियमों के अनुसार घायल व्यक्ति की मदद करने वालों को पुलिस परेशान नहीं कर सकती और न ही अस्पताल में डॉक्टर या अन्य किसी द्वारा किसी खर्चे के भुगतान के लिए बाध्य किया जा सकता है।134 ए मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अंतर्गत साफ बताया गया है की घायल व्यक्ति की मदद करने वालों को कोई पुलिस या अन्य कोई बाध्य नहीं कर सकता। इसलिए एक नेक इंसान बने और हमेशा घायल व्यक्ति की मदद के लिए आगे आएं।बताया की सभी को इस चीज के प्रति जागरूक करने के लिए ही यह जागरूकता शिविर का आयोजन विभाग की तरफ से किया जा रहा है।उन्होंने बच्चों को 18 साल से पहले वाहन न चलाने की हिदायत दी। अशोक कुमार ने बताया की दोपहिया वाहनों को चलाते वक्त चालक और पीछे बैठे व्यक्ति को हेलमेट जरूर डालना है।बताया की
ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन समय की जरूरत है। कोई घर ऐसा नहीं रहा, जहां छोटा-बड़ा ड्राइविंग न करता हो। ऐसे में नियमों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। सड़कों पर बेमौत मरते लोगों को सिर्फ जागरुकता से ही बचाया जा सकता है।
देश में इतने लोग आतंकवाद में नहीं मरते, जितने सड़क हादसों में जान गवां चुके हैं।इसलिए सड़क सुरक्षा अभियान समय की सबसे बड़ी जरूरत है।वही मौके पर बच्चों को मार्गदर्शिका पुस्तकें बांटी गई।इस मौके पर स्कूल के प्रवंधक निदेशक राजेश गौतम प्रिंसिपल डायरेक्टर डीपी राय, प्रिंसिपल डॉ संतोष कुमारी , निदेशक ज्योति गौतम,निदेशक विजय गौतम, व स्कूल स्टाफ के साथ पंकज भारद्वाज मौजूद रहे ।वही आरटीओ अशोक कुमार ने बताया की गुरुकुल स्कूल में बच्चों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक किया गया है।वहीं स्कूल की बसों को भी चेक किया गया जो सभी सही पाई गई है।वही स्कूल बसों के चालको और परिचालकों को भी बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए है।