हरियाणा

केन्द्र सरकार में ग्रुप डी में नौकरी लगवाने का झांसा देने के मामले में ढुलमुल जांच करने पर एसएचओ सस्पेंड

मुख्यमंत्री ने गुरूग्राम में कष्ट निवारण समिति की अध्यक्षता करते हुए दिए आदेश

पुलिस आयुक्त कार्यालय में नियुक्त डीडीए पर भी गलत राय देने के लिए होगी कार्यवाही

क्वालिटी एश्योरेंस अथोरिटी विकास कार्यों की गुणवता करेगी सुनिश्चित-सीएम

चण्डीगढ़, 11 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज केन्द्र सरकार में ग्रुप-डी की नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी से पैसे ऐंठने के मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए मामले की जांच कर रहे तत्कालीन एसएचओ को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने इस मामले में पुलिस को गलत राय देने के लिए डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी पर भी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। पुलिस आयुक्त कार्यालय के डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी ने भ्रष्टाचार के मामले को रूपयो के लेन देन का दीवानी मामला बताया था।

मुख्यमंत्री रविवार को गुरूग्राम के स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् हॉल में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में उनके सामने 19 शिकायतें अथवा समस्याएं रखी गई थी जिनमें से सभी पक्षकारों को सुनने के बाद उन्होंने 16 शिकायतों का मौके पर ही निपटारा किया। बैठक में रखे गए एजेंडे के बाद मुख्यमंत्री ने जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति के मनोनीत सदस्यों की भी जनहित संबंधी शिकायतें सुनी और मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को उनका समाधान करने के निर्देश दिए।

बैठक में केन्द्र सरकार में ग्रुप डी की नौकरी लगवाने का झांसा देकर पैसे ऐंठने के मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में ऐसी व्यवस्था कायम की है जिसमें कोई भी व्यक्ति पैसे देकर नौकरी नहीं प्राप्त कर सकता। लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है। इस मामले में आरोपित व्यक्ति की पहले भी धोखाधड़ी की हिस्ट्री है, इसलिए उसके खिलाफ पुलिस कार्यवाही करेगी। यह शिकायत सोहना निवासी ने की थी जिसमें उसने आरोपित व्यक्ति को साढ़े 3 लाख रुपये देने का आरोप लगाया था। सोहना पुलिस ने जांच के दौरान इसे आपसी पैसे के लेन देन का मामला यह कहते हुए बताया था कि परिवादी और आरोपी के बीच पैसों के लेन देन का कोई सबूत या लिखत पढ़त नहीं है। पुलिस आयुक्त गुरूग्राम में नियुक्त डीडीए ने इसे प्रथम दृष्टया दोनो पक्षों के बीच में दीवानी मामला होने की राय दी थी।

गुरूग्राम नगर निगम चलाएगा ‘मार्किंग फॉर पार्किंग’ अभियान

अपनी दुकान के सामने रेहड़ी या फड़ी लगवाने वाले दुकानदारों पर होगी कार्यवाही

एक अन्य मामले का निपटारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सैक्टर-23 की मार्किट में दुकानों के सामने रेहड़ी या फड़ी लगाने संबंधी अतिक्रमण को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने फिलहाल हटवा दिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में दुकानों के सामने रेहड़ी या फड़ी लगी मिली तो संबंधित दुकानदार की जिम्मेदारी तय करते हुए उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इसी सैक्टर में वाहनों की पार्किंग उपयुक्त स्थानों पर नही किए जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूग्राम नगर निगम ‘मार्किंग फार पार्किंग’ की नई पहल चलाएगा जिसके तहत वाहनों के लिए पार्किंग की जगह निर्धारित की जाएगी और उसके अलावा अन्य स्थान पर वाहन खड़े मिले तो जुर्माना होगा। नगर निगम गुरूग्राम ने वाहनों की पार्किंग के लिए 15 हजार बॉक्स (मार्किंग) बनाने के लिए स्थानों की पहचान कर ली है।

प्रदूषण फैलाने वाली 2 ईकाइयां की गई बंद

बैठक में प्रदूषण के संबंधित दो शिकायत रखी गई थी जिसमें राजेन्द्रा पार्क के एफ और जी ब्लॉक में रबर जलने की बदबू से लोगों का सांस लेना दूभर हो गया था और उससे आंखो में जलन भी हो रही थी। इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री को बंद कर दिया गया है पंरतु शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उन्हें धमकी मिल रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सादे कपड़ों में वहां पर पुलिस तैनात करें और धमकी देने आने वाले व्यक्तियों को पकड़कर उनके खिलाफ कार्यवाही करें। इसी प्रकार के आदेश सैक्टर-10 के पास स्थित अमर कॉलोनी में चलाई जा रही अनाधिकृत रबर कंपनी के खिलाफ दिए गए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार इस कंपनी को भी बंद कर दिया गया है।

क्वालिटी एश्योरेंस अथोरिटी का जल्द होगा गठन, पब्लिक को भी पोर्टल पर शिकायत करने का मिलेगा विकल्प

सभी 6 मंडलों में बनाई गई विजिलेंस ब्यूरों की ईकाई

बैठक में निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से संबंधित शिकायत रखी गई थी जिसका निपटारा करते हुए मुख्यमंत्री ने मंडल स्तर पर गठित की गई विजिलेंस के एसपी को यह मामला सौंपते हुए इसकी चौकिंग करके एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के आदेश दिए और कहा कि उसके बाद उसी हिसाब से आगे की कार्यवाही होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि विकास कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने क्वालिटी एश्योरेंस अथोरिटी बना दी है। यह अथोरिटी विकास कार्यों की गुणवत्ता नियमित रूप से चौक करेगी। पब्लिक को भी एक पोर्टल पर शिकायत भेजने का ऑप्शन दिया जाएगा जिसमें पब्लिक का कोई भी व्यक्ति विकास कार्य की गुणवत्ता को लेकर भ्रष्टाचार के बारे मे भी शिकायत भेज सकेगा। उसके बाद उस शिकायत की जांच मंडल स्तर पर गठित विजिलेंस की टीम करेगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6 मंडलो पर विजिलेंस ब्यूरो की ईकाई गठित की गई हैं। संदर्भित शिकायत में सैक्टर-10 में एल्पाइन कॉन्वेंट स्कूल से ओम चौंक तक बनाए गए बरसाती नाला तथा सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे।

सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटवाने के निर्देश

शहर के सैक्टर-45 में अतिक्रमण हटाने का मामला भी मुख्यमंत्री के सामने रखा गया, जिसमें संपदा अधिकारी संजीव सिंगला ने बताया कि द रॉयल रेजीडेंसी नामक रिहायशी सोसायटी के आस पास से अतिक्रमण हटा दिया गया है और उस स्थान पर पार्क विकसित करने के लिए एस्टीमेट बनाया गया है।  इस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोर्ट के स्टे वाली जगह को छोड़कर पूरे क्षेत्र से अतिक्रमण हटवाएं। इस मामले में शिकायतकर्ताओं ने बताया कि सोसायटी के सामने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के बागवानी विंग द्वारा पार्क बनाने की स्कीम बनी थी लेकिन वह लागू नही हुई और अब वहां पर झुग्गी झोपड़ियां डाल दी गई जिनकी वजह से आपराधिक घटनाएं बढ़ गई हैं।

सैक्टर-29 के महाराणा प्रताप लेजरवैली पार्क के दिन बहुरेंगे, ह्यूंडई कंपनी सीएसआर के तहत करेगी जीर्णाेद्धार 

बैठक में गुरूग्राम के सैक्टर- 29 स्थित महाराणा प्रताप लेजरवैली पार्क में खराब पड़े म्यूजिकल फाउंटेन तथा स्वच्छता का मामला पुनः रखा गया था। इस मामले में गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के एडिश्नल सीईओ सुभाष यादव ने बताया कि पार्क की सफाई नियमित रूप से हो रही है और म्युजिकल फांउटेन को ठीक करवाने के लिए एस्टीमेट आदि तैयार किया गया था लेकिन इस बीच 23 अगस्त को पार्क के रख रखाव, सफाई तथा म्युजिकल फाउंटेन आदि के लिए ह्यूडई कंपनी से एमओयू हुआ है। अब यह कंपनी सीएसआर के तहत इस पार्क का जीर्णाेद्धार करेगी और उसके बाद 2 साल तक इसका रख रखाव भी करेगी। जीर्णाेद्धार का कार्य अगले वर्ष 31 मार्च तक पूरा होगा।

ये रहे उपस्थित

बैठक में  गुरूग्राम के विधायक सुधीर सिंगला, बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता भी उपस्थित थे।

 

मानेसर क्षेत्र में अधिग्रहित की गई 1810 एकड़ भूमि के मामले में सरकार विशेष पॉलिसी बनाने को तैयार, लेकिन ग्रामीणों की सहमति जरूरी – मुख्यमंत्री

किसी भी क्षेत्र में अवैध खनन की गतिविधियों को नहीं किया जाएगा बर्दास्त

मुख्यमंत्री गुरूग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से कर रहे थे बात

चण्डीगढ़, 11 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज कहा कि सरकार को लगता है कि गुरुग्राम में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) मानेसर के विस्तार के लिए अधिग्रहित की गई 1810 एकड़ जमीन के भूमालिकों को आज के समयानुसार और अधिक लाभ मिलना चाहिए। उसके लिए सरकार स्पेशल पॉलिसी बनाने को तैयार है लेकिन नई पॉलिसी ग्रामीणों की सहमति से ही बनेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि यह केस लंबे समय से कोर्ट में था और अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। अब केवल इतना ही भेद रह गया है कि वर्ष 2010 में अधिग्रहण के समय रेट बहुत कम थे जिस पर सरकार को भी लगता है कि किसानों को वर्तमान समय के हिसाब से और अधिक लाभ मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री रविवार को गुरूग्राम जिला के सिविल लाइन्स स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् भवन में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे।

मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा अवैध खनन संबंधी पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में शिकायतें निरंतर मिल रही हैं जिस पर संबधित विभाग द्वारा तुरंत एक्शन लिया जा रहा है। पिछले दिनों मिली एक शिकायत के आधार पर उसी दिन रात को एक जगह 05 गाड़ियों (डंपर) व क्रेन्स को इम्पाउंड किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार खनन कार्यों पर प्रतिबंध है इसलिए कहीं भी खनन नही होने दिया जाएगा।

पत्रकारों द्वारा भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट की मौत की जांच सीबीआई से कराने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विषय गोआ सरकार का है। हरियाणा सरकार भी चाहती है कि इस केस की सीबीआई जांच हो। इसके लिए हरियाणा सरकार के गृह विभाग व मुख्यमंत्री ने स्वयं भी गोआ सरकार को पत्र लिखा है। गोआ पुलिस अभी इस पूरे मामले की जांच कर रही है जिस पर उन्होंने कहा है कि एक बार हमारी जांच पूरी हो जाए, उसके बाद भी यदि सोनाली फौगाट का परिवार जांच से संतुष्ट नही होता है तो मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है।

अध्यापकों के ऑनलाइन ट्रांसफर के संबंध में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापकों और विद्यार्थियों के अनुपात को सही करने के लिए रेशनलाइजेशन किया गया है। उन्होंने बताया कि न्यायालय का फैसला आया था कि पहले टीजीटी और पीजीटी के तबादले किए जाएं, उसके बाद गैस्ट टीचर्स के तबादले हों। अब टीजीटी और पीजीटी के तबादले हो चुके हैं और 8 हजार गैस्ट टीचर्स के भी तबादले आज शाम या कल तक हो जाएंगे जिसके बाद विद्यालयों में अध्यापकों की कमी नही रहेगी।

 

इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट्स मुख्यमंत्री के ‘राडार’ पर

-क्वालिटी एश्योरेंस कमेटी ‘हथोड़ा’ बनकर करेगी ‘भ्रष्टाचार की पीठ’ पर प्रहार

-करनाल के बाद गुरुग्राम में दोहराया अपना इरादा

चंडीगढ़, 11 सितम्बर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सरकारी प्रोजेक्ट्स में धांधली करने व  भ्रष्टाचार फैलाकर जनता के पैसों पर मौज करने वालों के प्रति अपने तेवर और अधिक कड़े कर लिए हैं। उन्होंने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ संभावित भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए अपना पूरा फोकस प्रोडक्ट की क्वालिटी पर कर दिया है।

उन्होंने आज गुरुग्राम में जिला स्तरीय कष्ट निवारण समिति की बैठक में आए भ्रष्टाचार के मामले पर सुनवाई करते हुये जिस प्रकार तल्ख़ टिप्पणी करते हुए घोषणा की है कि राज्य में इंजीनियरिंग के कामों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही क्वालिटी एश्योरेंस कमेटी का गठन किया जायेगा। इससे साफ़ जाहिर होता है कि वे प्रोजेक्ट्स के निर्माण में गड़बड़ी करने वालों को बक्शने के मूड में कतई नहीं हैं।

ज्ञात रहे कि आज से ठीक एक सप्ताह पहले 4 सितम्बर को मुख्यमंत्री ने करनाल में  शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, सड़क, परिवहन व ढांचागत विकास की करीब 2000 करोड़ रूपये की लागत की 174 परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास अवसर पर भी अपने सम्बोधन में कहा था कि प्रदेश में इंजीनियरिंग के कामों में गुणवत्ता सुनिश्चित क्वालिटी कंट्रोल अथॉरिटी बनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज फिर इंजीनियरिंग कामों की जांच -पड़ताल के लिए क्वालिटी एश्योरेंस कमेटी का गठन करने की बात कहकर जता दिया है कि भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं है। यह मुख्यमंत्री की ईमानदार सोच तथा पारदर्शिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

हालांकि सिस्टम में वर्षों से गहरे तक पैंठ जमा चुके भ्रष्टाचार को पूरी तरह से समाप्त करना इतना आसान नहीं है, परन्तु  मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पिछले 8 वर्षों में कई ऐसे काम किए हैं जिनसे भ्रष्टाचार की चूलें काफी हद तक हिल गई हैं। विभिन्न योजनाओं और एनओसी को ऑनलाइन करने से राज्य के लोगों को  काफी राहत मिली है , प्रदेश सरकार में विश्वास बढ़ा है।

सरकारी कर्मचारियों के तबादलों में चाहे ट्रांसफर माफिया हो  या फिर  इंजीनियरिंग निर्माण के काम में कांट्रेक्ट्रर या डीलिंग-कर्मचारी के साथ मिलीभगत, इनका पिछली सरकारों में काफी सांठ-गांठ होने के आरोप लगते रहे हैं। जहाँ तक मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में बनी वर्तमान सरकार की बात है , वर्ष 2014 के बाद उक्त ‘कुख्यात धंधों’ पर काफी हद तक लगाम लग गई है।

इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल से भी बढ़ेगी पारदर्शिता

मनोहर सरकार ने इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल बनाया है जिससे सरकारी प्रोजेक्टस के आवंटन में पारदर्शी बढ़ेगी। अब निर्माण कार्य के टेंडर ऑनलाइन होंगे। इसके माध्यम से कांट्रेक्टर्स अपनी कोटेशन भर सकेंगे और उन्हें अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। यह एक ऐसा तंत्र विकसित किया गया है जिसमें जनता प्रोजेक्ट्स की क्वालिटी, भ्रष्टाचार, मिक्सिंग या सब-स्टैंडर्ड की शिकायत एक पोर्टल पर दे सकती है। उस शिकायत की प्रारंभिक जांच की जाएगी और यदि कोई दोषी पाया जाता है तो सरकारी नियमों के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी, आवश्यकता पड़ी तो उस प्रोजेक्ट को दोबारा बनाया जाएगा।

हरियाणा में पेपरलेस और पारदर्शी व्यवस्था के विजन को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 24 मई 2021 को इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल https://works.haryana.gov.in को लॉन्च किया था।  इसका उद्देश्य प्रदेश सरकार के तीन प्राथमिक इंजीनियरिंग विभाग लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इंजीनियरिंग कार्यों में काम करने के इच्छुक ठेकेदारों को राज्य सरकार के साथ ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की सुविधा प्रदान करना है।

मुख्यमंत्री की सोच है कि देश के विकास में इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्वपूर्ण योगदान है जितना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, राज्य की आर्थिक स्थिति उतनी ही मजबूत होगी, उद्योग आएंगे, निवेशक आकर्षित होंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

क्या है क्वालिटी एश्योरेंस ?

क्वालिटी एश्योरेंस किसी कंपनी द्वारा निर्मित उत्पादों में गलतियों और दोषों  को रोकने और ग्राहकों को उत्पादों या सेवाओं को वितरित करते समय समस्याओं से बचाने का एक तरीका है. यह गुणवत्ता प्रबंधन के भाग के रूप में परिभाषित करता है जो विश्वास प्रदान करने पर केंद्रित है कि इससे गुणवत्ता की आवश्यकताएं पूरी होंगी।

 

हरियाणा में बना है शिक्षा का माहौल

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से शिक्षा क्षेत्र में हुआ है आमूलचूल सुधार

प्रदेश में अंत्योदय परिवारों के बच्चों को भी मिल रहा शिक्षा का अधिकार

राज्य सरकार का सुपर – 100 कार्यक्रम गरीब बच्चों के लिए साबित हो रहा वरदान

‘ई-अधिगम’ योजना से शिक्षा के क्षेत्र में हुआ क्रांति का सूत्रपात

चंडीगढ़, 11 सितंबर – भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा देश का एक छोटा राज्य होने के बावजूद यहाँ से यूपीएससी, जेईई और एनईईटी पास करने वाले छात्रों की निरंतर बढ़ती संख्या से पता चलता है कि हरियाणा में युवाओं में शिक्षा के माध्यम से सपने पूरे करने का रूझान बढ़ा है। यह सब मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में राज्य सरकार की दूरदर्शिता, नीतियों और उनके मार्गदर्शन से ही संभव हो पाया है।

आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को भी शिक्षा का समान अधिकार मिले और वे अपने जीवन में कामयाब बने, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा सुपर-100 कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मेधावी विद्यार्थियों का करियर बनाने के लिए यह एक अनूठा प्रयास है। इसके तहत आईआईटी व नीट की फ्री कोचिंग दी जाती है।

मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किया गया सुपर- 100 कार्यक्रम न केवल होनहार छात्रों को अपने सपनों को प्राप्त करने में मदद कर रहा है बल्कि उनके जैसे योग्य छात्रों में आशा की एक किरण भी जगी है कि वे भी अब अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

सुपर-100 कार्यक्रम

सुपर-100 कार्यक्रम वर्ष 2018 में शुरू किया गया था, जिसके तहत रेवाड़ी और पंचकुला में केंद्र स्थापित किए गए थे। आईआईटी  जैसे प्रमुख संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए सरकारी स्कूलों के वंचित मेधावी छात्रों को इन केंद्रों में कोचिंग दी जाती है। सरकारी स्कूल के छात्र जो कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करते हैं, उन्हें लिखित परीक्षा और विशेष स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरने के बाद जेईई और नीट परीक्षा के लिए विशेष कोचिंग दी जाती है। छात्रों के छात्रावास, भोजन और स्टेशनरी का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

हरियाणा में बना है शिक्षा का माहौल

        एक समय पर हरियाणा में बच्चों का शिक्षा की और रुझान कम था और पर्ची – खर्ची के माध्यम से सरकारी नौकरियों में खेल चलता था। लेकिन वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा का एक माहौल तैयार करने का बेड़ा उठाया, ताकि बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुझान पैदा हो। पिछले लगभग 8 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी भर्ती प्रणाली के परिणामस्वरूप शिक्षा के प्रति छात्रों की रुचि काफी बढ़ी है और सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति भी उनका विश्वास बढ़ा है।

आज छात्रों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है, बल्कि उन्हें विशेष कोचिंग भी दी जा रही है ताकि वे देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में प्रवेश ले सकें। सरकार ने शिक्षा स्तर में सुधार की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं, जिसके तहत बेटियों की शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया गया है।

‘ई-अधिगम’ योजना से विद्यार्थियों को तकनीक से जोड़ा

आज के तकनीकी युग में शिक्षा क्षेत्र में भी नये नये उपयोग किए जा रहे हैं और हाल के वर्षों में ऑनलाइन शिक्षा का प्रचलन काफी बड़ा है। छात्रों की इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हाल ही में ‘ई-अधिगम’ योजना का शुभारंभ किया।

इस योजना के माध्यम से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित कर शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात किया गया है। इसके तहत 5 लाख बच्चों को टैबलेट मुहैया करवाए गए। विद्यार्थी टैबलेट, फ्री इंटरनेट और पर्सनलाइज्ड अडेप्टिव लर्निंग (पीएएल) की सहायता से न केवल अपनी बोर्ड परीक्षा को अच्छे अंकों से पास करेगा बल्कि नीट, जेईई व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकेंगे। पढ़ाई के अतिरिक्त और भी कौशल है जो इस टैबलेट से प्राप्त होंगे।

 

30 सितम्बर तक चलाया जा रहा है विशेष पोषण माह

इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं आयोजित

चण्डीगढ़, 11 सितम्बर – हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 30 सितम्बर तक विशेष पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष पोषण माह के तहत विभिन्न क्रियाकलापों के माध्यम से अभिभावकों को सही पोषण के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इतना ही नहीं पोषण जागरूकता के साथ-साथ पौधारोपण, साफ-सफाई जैसी विशेष गतिविधियां की जा रही है।

विभाग के प्रवक्ता ने आज इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 12 सितंबर को आयुष विभाग द्वारा योगा कैम्प लगाए जाएंगे, 13 सितंबर को पोषण मेला आयोजित होगा, 14 सितंबर को खेलो और पढ़ो एक्टिविटी की जाएगी। इसी प्रकार, 15 सितंबर को गर्भवती महिलाओं का स्पेशल हैल्थ चैकअप किया जाएगा। 16 सितंबर को आयुष कैम्पों का आयोजन होगा, 17 सितंबर को माता और स्वस्थ बच्चा के तहत घर-घर जाकर समय पर स्तनपान के बारे में बताया जाएगा, 18 सितंबर को पोषण वॉक, 19 सितंबर को निजी स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को पोष्टिक थाली के बारे में बताया जाएगा, 21 को पोषण के 5 सूत्रों के बारे में जानकारी दी जाएगी, 22 को स्लम ऐरिया में हैल्थ कैम्प लगाए जाएंगे, 23 को हरा-भरा हरियाणा अभियान, पौधारोपण व रेलियां निकाली जाएंगी, 24 को कमजोर बच्चों का माप तोल लिया जाएगा, 25 को प्रभात फेरियां निकाली जाएगी, 26 को वर्कशॉप का आयोजन करके जल बचाव के तरीकों के बारे में बताया जाएगा, 27 को मां की रसोई कार्यक्रम के माध्यम से पोष्टिक भोजन के बारे में जागरूक किया जाएगा, 28 घुमंतू लोगों के लिए स्पेशल हैल्थ चैकअप आयोजित किए जाएंगे, 29 को न्यू बोर्न बेबी की माताओं को पोषण के बारे में जागरूक किया जाएगा तथा 30 सितम्बर को पोषण माह के समापन अवसर पर पूरे माह की समीक्षा की जाएगी।

 

एचएयू का दो दिवसीय कृषि मेला (खरीफ) कल से

चंडीगढ़, 11 सितम्बर – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार में  13  सितम्बर से शुरू हो रहे दो दिवसीय कृषि मेला (खरीफ) की तैयारियों की कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज ने समीक्षा की।  उन्होंने बताया कि इस बार कृषि मेला का मुख्य विषय कृषि में जल संरक्षण होगा।

विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि कृषि मेला में प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया जाएगा। मेले के दौरान आने वाले किसानों की खेतीबाड़ी संबंधी सभी समस्याओं के समाधान के लिए किसान गोष्ठियों का आयोजन होगा जिनमें विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक किसानों की कृषि व पशुपालन संबंधी समस्याओं का हल बताएंगे। इसके साथ वे फसलों, बीजों, किस्मों व अन्य सभी उपयोगी जानकारियां मुहैया करवाएंगे। आगंतुक किसानों को विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म पर वैज्ञानिकों द्वारा उगाई गई खरीफ फसलें व उनमें प्रयोग की गई प्रौद्योगिकी की जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा मेले में कृषि संबंधी व कृषि औद्योगिकी प्रदर्शनी भी लगाई जाएंगी जिससे किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों व तकनीकों की जानकारी मिल सकेगी। इस प्रदर्शनी में ‘स्वालंबी भारत – आत्मनिर्भर किसान’ पैवेलियन होगा जिसमें हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण लेकर अपना व्यवसाय शुरू करने वाले किसान अपने उत्पाद प्रदर्शित करेंगे।

उन्होंने यह भी बताय कि गेंहू की डब्ल्यू. एच.-1270, 1105, 711, 1124, 1142 व 1184, गेहूं की ही एच.डी.-2967, 3086 व 3226, गेहूं की डी.बी.डब्ल्यू. 222 व 303 किस्मों, सरसों की आर.एच.-725,30 व 749 किस्मों, जौ की बी. एच.-393, चने की एच.सी.-1, 5 व 7 किस्मों का आधार (फाउंडेशन) व प्रमाणित (सर्टिफाइड) बीज उपलब्ध होगा। बीज की खरीद के लिए किसानों को अपने साथ आधार कार्ड अवश्य लेकर आना होगा।

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