हिमाचल प्रदेश

पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता में पंचायत प्रतिनिधियों की अहम भूमिका -सुमित खिमटा

मिशन लाईफ के तहत उपायुक्त की अध्यक्षता में नाहन में बैठक आयोजित

नाहन 23 मई। उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने सिरमौर जिला के सभी 259 पंचायतों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि सभी मिलकर पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता में अपना सक्रिय योगदान प्रदान करें। उन्हांेने कहा कि बेहतर जीवन यापन के लिए हमें पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है।
उपायुक्त मंगलवार को नाहन में ‘‘मिशन लाईफ स्टाईल फार एनवायरमेंट’’ (लाईफ) के तहत पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मिशन लाईफ अभियान का मुख्य उददेश्य ऐसी जीवन शैली को अपनाना है जिससे पर्यावरण का नुकसान न हो और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोग जागरूक बनें।  उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले में मिशन लाईफ के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण के लिए विविध प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें विविध समुदायों व संस्थानों के जरिए सात विषय जैसे ऊर्जा, जल, भोजन की बर्बादी को कम करना, प्लास्टिक कचरे को कम करना, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना, ई-कचरे को कम करने समेत सतत खाद्य प्रणाली को अपनाना शामिल है। उन्होंने बताया कि कचरे को पुनः उपयोग में लाने के लिए उचित प्रंबंधन में कपड़े, किताबों आदि के संग्रह करने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर कार्यरत महिला मंडल, स्वयं सहायता समूह और युवा मंडल पर्यावरण संरक्षण में अच्छी भूमिका निभा सकते हैं। पंचायत स्तर पर जल संरक्षण के लिए जहां कच्चे तालाबांे का निर्माण कारगर उपाय है वहीं परम्परागत जल स्रोतों की साफ सफाई से यहां उपलब्ध जल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार हो सकता है।
उपायुक्त ने कहा कि सभी स्कूलों में कार्यरत इको क्लब पर्यावरण संरक्षण की दिशा मंें अच्छा कार्य कर रहे हैं और विभाग के अधिकारियों और स्कूल के प्रभारियों को इस दिशा में और बेहतर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यार्थी पर्यावरण मित्र के रूप में कार्य करें तो बेहतर होगा।
सुमित खिमटा ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है और हमें कपड़े और जूट बैग के प्रचलन को बढ़ावा देना चाहिए। उन्हांेंने कहा कि पंचायत स्तर पर स्वयं सहायता समूह और महिला मंडल जूट बैग बनाने का कार्य बेहतर ढंग से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर एकत्रित होने वाले प्लास्टिक का सही निस्तांतरण किया जाना चाहिए ताकि पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापारियों द्वारा वाहनों में सब्जी आदि सामान लाकर प्लास्टिक के कैरी बैग में बेचने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों को इस प्रकार प्रतिबन्धित प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल करने वाले व्यापारियों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए और पंचायत एक्ट के अनुसार उन्हें दंडित करना चाहिए तभी हम प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोक पायंेगे। उन्हांेने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर भी इस पर कार्रवाई की जाएगी।
सुमित खिमटा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के लिए सोशल मीडिया तथा अन्य मीडिया माध्यमों में जागरूकता अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है तभी हम पर्यावरण संरक्षित रख पायेंगे।
पर्यावण नियत्रंण बोर्ड के अधिकारी इंजिनियर पवन शर्मा ने बैठक का संचालन किया और मिशन लाईफ तथा पर्यावरण सम्बन्धी विभिन्न विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।
जिला परिषद अध्यक्ष सीमा कन्याल, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण परियोजना अधिकारी अभिषेक मित्तल, नाहन नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय तोमर, उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा गुरजीवन शर्मा, उप निदेशक उच्च शिक्ष कर्म चंद, विभिन्न् खंडों के खंड विकास अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि व अन्य सम्बन्धित अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

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