हिमाचल प्रदेश
जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति नियंत्रक ने की कार्रवाई >>प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग करने पर 5 दुकानदारों के चालान

विभाग आगे भी करे निरंतर औचक निरीक्षण- उपायुक्त
चंबा, 16 जनवरी- प्रतिबंधित पॉलीथिन के उपयोग पर अंकुश लगाने के मकसद से जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति नियंत्रक अरविंद शर्मा की अगुवाई में आज विभाग की टीम ने चंबा शहर में विभिन्न दुकानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान विभागीय टीम ने 5 दुकानदारों को प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग करने के लिए 19 हजार रुपये का जुर्माना भी किया। उपायुक्त डीसी राणा ने जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति नियंत्रक द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर कहा कि विभाग आगे भी निरंतर इस तरह के औचक निरीक्षण अमल में लाकर प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई करे। उपायुक्त ने आम जनमानस का भी आह्वान करते हुए कहा कि वे पर्यावरण और प्रकृति के महत्व को समझते हुए प्रतिबंधित पॉलिथीन का उपयोग कदापि ना करें। पॉलीथिन का उपयोग करने से ना केवल हमारा पर्यावरण दूषित होता है बल्कि साफ- सफाई की व्यवस्था को बनाए रखने में भी पॉलिथीन सबसे बड़ी रुकावट रहती है।
चंबा जिला में भी खुलेगा नशा मुक्ति केंद्र- ओपी शर्मा
चंबा, 16 जनवरी- राज्य नशा निवारण बोर्ड के संयोजक एवं सलाहकार ओपी शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 6 जिलों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तत्वावधान में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाने हैं जिनमें चंबा जिला भी शामिल है। नशा मुक्ति केंद्र खोले जाने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा हिमाचल प्रदेश मेंटल हेल्थ आथॉरिटी द्वारा मंडी जिला के नेर चौक में भी एक अत्याधुनिक नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की जा रही है जिसका जल्द ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लोकार्पण करेंगे। ओपी शर्मा ने यह बात आज उपायुक्त डीसी राणा के साथ भेंट करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश भर में नशा निवारण बोर्ड की गतिविधियों को व्यावहारिक तौर पर अमलीजामा पहनाया जाएगा ताकि नशा निवारण बोर्ड अपेक्षा के अनुरूप अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सके। उन्होंने बताया कि उपायुक्त डीसी राणा के साथ संयुक्त वार्ता करने के बाद निर्णय लिया गया है कि चंबा जिला में भी अप्रैल महीने से जन जागरूकता अभियान को शुरू किया जाएगा। इस अभियान में शुरुआती तौर पर पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों, महिला मंडलों, युवक मंडलों और गैर सरकारी संगठनों को सक्रिय तौर पर शामिल किया जाना है।

ओपी शर्मा ने कहा कि नशे पर तब तक पूरी तरह से अंकुश नहीं लगाया जा सकता है जब तक समाज का सकारात्मक सहयोग प्राप्त ना हो। राज्य नशा निवारण बोर्ड एक ऐसी कार्य योजना तैयार कर रहा है जिसके माध्यम से एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा जो नशे के कारोबार करने वालों पर पूरी तरह से नकेल कसने में सक्षम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए अंतरराज्यीय समन्वय पर भी फोकस किया जाएगा। उन्होंने इस बात की जरूरत पर भी बल दिया कि इंटेलिजेंस नेटवर्क नशे के कारोबार पर प्रहार करने का सबसे बड़ा कारगर हथियार रहता है। इस दिशा में भी बोर्ड आवश्यक कदम उठाने की दिशा में काम करेगा। ओपी शर्मा ने कहा कि नेशनल ड्रग कंट्रोल फंड के तहत नशा निवारण की गतिविधियों को समुचित फंडिंग मिल सकती है। ऐसे में कुछ कारगर प्रपोजल भी तैयार करने की आवश्यक है। केंद्र की तर्ज पर राज्य में स्टेट ड्रग कंट्रोल फंड की स्थापना करने के प्रस्ताव को बोर्ड द्वारा पारित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की यह बड़ी प्राथमिकताओं में शामिल है कि हिमाचल प्रदेश को नशे से मुक्त बनाना है। ओपी शर्मा ने कहा कि विशेष तौर से युवा वर्ग और स्कूल -कॉलेज जाने वाले युवाओं में लगने वाली नशे की लत और इस काम में लगे असामाजिक तत्वों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्यवाही करना भी बोर्ड के लक्ष्यों में शामिल है। उपायुक्त डीसी राणा के साथ हुई इस संयुक्त वार्ता के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रमन शर्मा भी मौजूद रहे। रमन शर्मा ने विषेशकर चंबा जिला की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर लॉ एनफोर्समेंट मैकेनिज्म को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
18 जनवरी से जिले में शुरू होगा सड़क सुरक्षा माह
तुन्नूहट्टी बैरियर से होगा शुभारंभ
पूरे माह आयोजित होने वाले अभियान में होंगी विभिन्न गतिविधियां
प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम की देखरेख में विभिन्न विभागों के समन्वय से चलेगा अभियान
चंबा, 16 जनवरी- वाहन चालकों और आम जनमानस में सड़क सुरक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता पैदा करने के मकसद से पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया जा रहा है। चंबा जिला में भी 18 जनवरी से सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा संदेश पर आधारित इस अभियान का शुभारंभ होगा। अभियान के प्रबंधों को लेकर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के वीडियो कांफ्रेंस कक्ष में हुई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि चंबा जिला में तुन्नूहट्टी बैरियर से इस अभियान की शुरुआत होगी। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस बैठक के दौरान उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि जिले के प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम की देखरेख में विभिन्न विभागों के समन्वय से 5 से लेकर 10 विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया जाएगा। जिनमें सभी सुरक्षा मानकों को दर्शाने वाली बाइक और साइकिल रैली, चालकों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, सड़कों पर ब्लैक स्पॉटों का सुधार, चेतावनी बोर्ड की स्थापना, पुलिस द्वारा वाहन चालकों के औचक निरीक्षण करके उन्हें सुरक्षा और दूसरों की रक्षा को लेकर प्रति प्रेरित करने जैसी कई गतिविधियां शामिल रहेंगी।

उपायुक्त ने कहा कि चूंकि सड़क सुरक्षा का यह अभियान पूरे एक महीने तक आयोजित किया जाएगा, ऐसे में जिले में इस तरह की गतिविधियां अभियान के तहत चलाई जाएं जिसका सकारात्मक और समग्र संदेश समाज को मिल सके। उपायुक्त ने यह भी कहा कि सलूणी, तीसा और भरमौर जैसे वे क्षेत्र जहां अक्सर सड़क दुर्घटना की घटनाएं होती रही हैं, वहां विशेष फोकस करने की आवश्यकता है। दुर्घटनाओं के कारणों की समीक्षा करके वाहन चालकों को जागरूक किया जाए।
उपायुक्त ने ये भी कहा कि विशेषकर डलहौजी में सर्दी के दौरान सड़क पर फिसलन से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को लेकर भी चिन्हित जगह पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। उपायुक्त ने इस बात की जरूरत पर भी जोर दिया कि पुलिस तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाने वाले वाहन चालकों पर विशेष निगाह रखे। इसके अलावा वाहन में प्रेशर हॉरन इस्तेमाल करने वाले वाहन चालक के खिलाफ भी कार्यवाही की जाए। वाहन के पीछे लिखे गए ब्लो हॉरन शब्दों को मौके पर मिटा कर उसकी जगह नो हॉरन लिखा जाना भी इस अभियान का हिस्सा बनाया जाए ताकि उन्हें यह संदेश मिले कि हॉरन बजा कर दुर्घटना से नहीं बचा जा सकता बल्कि इसके लिए वाहन चलाते समय सुरक्षा के मानकों को हमेशा अपनाने की आवश्यकता होती है।किशोरावस्था वाले दुपहिया वाहन चालकों पर भी निरंतर निगरानी रखी जाए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जब सड़कों पर वाहनों की आवाजाही में कई गुना वृद्धि हुई है ऐसे में सड़क सुरक्षा के सभी नियमों को अपनी रोजमर्रा की आदतों के तौर पर शामिल करके ही अपनी और दूसरों के जीवन की सुरक्षा की जा सकती है। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रमन शर्मा के अलावा जिला के विभिन्न उपमंडलों के एसडीएम, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंताओं और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने हिस्सा लिया।
उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) किन्नौर हेमराज बैरवा ने आज पंचायती राज संस्थाओं के प्रथम चरण की चुनाव तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत खवांगी में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए राजकीय माध्यमिक पाठशाला खवांगी व राजकीय माध्यमिक पाठशाला खवांगी में बनाए गए मतदान बूथों का निरीक्षण किया।

इस दौरान उन्होंने चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों से मतदान के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं की भी जानकारी हासिल की। उन्होंने मतदान कार्यों में तैनात कर्मचारियों को निर्देश दिए की मतदान व मतगणना के दौरान कोविड-19 के नियमों का कढ़ाई से पालन सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने कहा कि मतदान करने से पूर्व मतदाताओं की थर्मल स्कैनिंग अवश्य की जाए और हाथों को सेनेटाईज करने के उपरान्त ही मतदान करवाएं। उन्होंने पंचायत घर खवांगी स्थित मतगणना केन्द्र का भी निरीक्षण किया।
बैरवा ने बताया कि जिले में प्रथम चरण में 26 ग्राम पंचायतों में मतदान होगा जिसमें कुल 24,272 मतदाता अपने मतदान का प्रयोग करेंगें। इनमें 11,832 पुरूष व 12,440 महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में कल्पा विकास खण्ड के तहत ग्राम पंचायत कल्पा, पांगी, खवांगी, बारंग, सापनी, ब्रुआ, सांगला व छितकुल, निचार विकास खण्ड की ग्राम पंचायत रूपी, बरी, सुंघरा, मीरू, पुनंग, क्राबा, काफनू व बड़ा-कम्बा, पूह विकास खण्ड की ग्राम पंचायत सुमरा, हांगो, नाको, पूह, रोपा, कानम, लिप्पा, रारंग, रिब्बा व चारंग शामिल हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान प्रातः 8 बजे से सांय 4 बजे तक होगा। प्रधान, उप-प्रधान व वार्ड सदस्यों के मतों की गणना संबंधित पंचायत मुख्यालय में मतदान समाप्ति के उपारन्त 17 जनवरी, 2021 को ही कर दी जाएगी, जबकि पंचायत समिति तथा जिला परिषद के लिए हुए चुनाव की मतगणना 22 जनवरी, 2021 को संबंधित खण्ड विकास कार्यालय में की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिले में प्रथम चरण के चुनाव में 12 ग्राम पंचायतों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है जबकि 5 ग्राम पंचायतें संवेदनशील घोषित की गई है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण व निष्पक्ष मतदान करवाने के लिए मतदान केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस व होम-गार्ड की तैनाती की गई है।
रिकांग पिओ 16 जनवरी, 2021
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के शुभारम्भ करने के तुरन्त उपरान्त जनजातीय एवं सीमावर्ती जिला किन्नौर में उपायुक्त हेमराज बैरवा ने क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ से कोविड-19 टीकाकरण अभियान के प्रथम चरण का शुभारम्भ किया। प्रथम टीका क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ में कार्यरत व्यवाहर परिवर्तन समन्यवक रमेश नेगी ने लगवाया।
उपायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि आज क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ में आज 98 स्वास्थ्य कर्मियों व अग्रणी पंक्ति में कार्य कर रहे योद्धाओं का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम चरण में जिले में स्वास्थ्य देखभाल में लगे कर्मियों सहित अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रहें योद्धाओं का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में टीकाकरण के लिए चिन्हित 13 स्थानों के माध्यम से 1149 स्वास्थ्य कर्मियों, जिनमें स्वास्थ्य वर्कर, आशा-वर्कर, आयुर्वैद व आगंनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का दो बार टीकाकरण किया जाएगा। दूसरी बार टीकाकरण 28 दिनों के अंतराल पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान टीकाकरण किए व्यक्तियों को सभी प्रकार की कोविड से संबधित सावधानियां बरतनी पड़ेगी तभी यह टीका प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि दूसरे टीके के बाद भी 14 दिन तक सभी सावधानियां बरतनी होगी।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में टीकाकरण की प्रभावी निगरानी के लिए जिला तथा उप-मण्डल स्तर पर टाॅस्क फोर्स का गठन किया गया है।
इस अवसर पर सहायक आयुक्त मुनिष कुुमार शर्मा, मुख्य चिकितसा अधिकारी डाॅ. सोनम नेगी व निगरानी अधिकारी डाॅ. कविराज सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के शुभारम्भ करने के तुरन्त उपरान्त जनजातीय एवं सीमावर्ती जिला किन्नौर में उपायुक्त हेमराज बैरवा ने क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ से कोविड-19 टीकाकरण अभियान के प्रथम चरण का शुभारम्भ किया। प्रथम टीका क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ में कार्यरत व्यवाहर परिवर्तन समन्यवक रमेश नेगी ने लगवाया।
उपायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि आज क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ में आज 98 स्वास्थ्य कर्मियों व अग्रणी पंक्ति में कार्य कर रहे योद्धाओं का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम चरण में जिले में स्वास्थ्य देखभाल में लगे कर्मियों सहित अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रहें योद्धाओं का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में टीकाकरण के लिए चिन्हित 13 स्थानों के माध्यम से 1149 स्वास्थ्य कर्मियों, जिनमें स्वास्थ्य वर्कर, आशा-वर्कर, आयुर्वैद व आगंनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का दो बार टीकाकरण किया जाएगा। दूसरी बार टीकाकरण 28 दिनों के अंतराल पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान टीकाकरण किए व्यक्तियों को सभी प्रकार की कोविड से संबधित सावधानियां बरतनी पड़ेगी तभी यह टीका प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि दूसरे टीके के बाद भी 14 दिन तक सभी सावधानियां बरतनी होगी।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में टीकाकरण की प्रभावी निगरानी के लिए जिला तथा उप-मण्डल स्तर पर टाॅस्क फोर्स का गठन किया गया है।
इस अवसर पर सहायक आयुक्त मुनिष कुुमार शर्मा, मुख्य चिकितसा अधिकारी डाॅ. सोनम नेगी व निगरानी अधिकारी डाॅ. कविराज सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।