हिमाचल प्रदेश

प्लास्टिक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से किया जाए निपटान: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मीडिया में प्रकाशित समाचारों व पर्यावरण, विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से बोर्ड के संज्ञान में आया है कि राज्य मंे 70 डंपिंग स्थलों पर प्लास्टिक कचरा बेतरतीब ढंग से फेंका गया है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 4 फरवरी, 2023 को शहरी विकास विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को बेतरतीब ढंग से डंप किए गए प्लास्टिक कचरे के वैज्ञानिक निपटान के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के नियम 15 में उत्पादित ठोस अपशिष्ट के वैज्ञानिक निपटान और पुराने अपशिष्ट स्थलों के उपचार के संबंध में स्थानीय अधिकारियों और ग्राम पंचायतों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है।
  राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने निर्देश में कहा है कि वर्तमान में धर्मशाला, मंडी, बद्दी, सोलन, कुल्लू, मनाली, बिलासपुर, ऊना, संतोखगढ़, बैजनाथ, चुवाड़ी, डलहौजी, रिवालसर, सरकाघाट और हमीरपुर शहरी स्थानीय निकायों में 1,90,796 टन अपशिष्ट पदार्थ पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इन शहरी निकायों में अपशिष्ट उपचार कार्य की प्रगति बहुत धीमी है। यह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 में निर्धारित समय सीमा के अनुसार नहीं है।
उन्होंने कहा कि शहरी विकास और ग्रामीण विकास विभागों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है। बोर्ड ने राज्य में शहरी स्थानीय निकायों द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में जीरो सहिष्णुता की नीति अपनाई है। हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष इस संबंध में अधिकारियों द्वारा की गई प्रगति की निरंतर निगरानी कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!