हिमाचल प्रदेश

उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने मैड़ी मेला-2023 के लिए की जा रही तैयारियों का लिया जायजा

ऊना, 21 फरवरी – जिला के उपमंडल अंब के मैड़ी स्थित डेरा बाबा बडभाग सिंह में 27 फरवरी से शुरू होने वाले होली मेला-2023 के लिए उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने तैयारियों का जायजा लिया।  इस मौके पर उन्होंने संबंधित अधिकारियो ंऔर मेला प्रबंधकों व समितियों को दिशा-निर्देश दिए।  
डीसी ने कहा कि मेले के दौरान साफ-सफाई व्यवस्था को बनाए रखने के पर्याप्त अस्थाई शौचालयों का निर्मित किए जा रहे हैं तथा जगह-जगह कूड़े दान रखे जाएंगे और अस्थाई सफाई कर्मचारी भी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने स्वच्छ व पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए आईपीएच विभाग को पानी का क्लोरीनेशन तथा समय-समय पर पानी के सैंपल लेने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगजनी जैसी घटनाओं से निपटने के लिये अग्रिश्मन वाहन भी तैनात रहेंगे।
राघव शर्मा ने कहा कि मेले के दौरान बिना स्वीकृति के लंगर लगाने की अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त मेले के दौरान ढ़ोल नगाडे, करतब दिखाना प्रतिबंधित होगा तथा डेरा प्रबंधन को भी निर्धारित समयावधि में ही लाऊडस्पीकर चलाने की अनुमति रहेगी। उन्होंने पड़ोसी राज्यों के उपायुक्तों से भी आग्रह किया है कि मेलावधि में श्रद्धालु मालवाहक वाहनों के माध्यम से सफर करना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि जान को जोखिम में डालकर मालवाहक वाहनों में सफर करने से परहेज करें।
इस अवसर पर एसपी अर्जित सेन ठाकुर, एडीसी महेंद्र पाल गंुर्जर, एसडीएम अंब विवके महाजन, डीएसपी वसुधा सूद सहित अन्य अधिकारी व मेला समितियों के प्रबंधक उपस्थित रहे।
प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एक बेहतरीन पद्धति – उपायुक्त
निरोग्य रहने के लिए योग को अपनी दिनचर्या में करें शामिल
ऊना, 21 फरवरी – प्राकृतिक चिकित्सा पखवाड़े के उपलक्ष्य में जिला मुख्यालय के टक्का रोड स्थित आरोग्य निकेतन संस्थान में उपायुक्त राघव शर्मा ने सात दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का शुभारंभ किया।
उपायुक्त ने बताया कि यह प्राकृतिक चिकित्सा शिविर 7 दिनों तक चलेगा जिसमें प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से विभिन्न रोगों का उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है प्राचीन काल से ही प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के आधार पर यहां के लोगों का सटीक उपचार होता आया है। उन्होंने शिविर के आयोजकों से आहवान किया कि वे चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। डीसी ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जिसका कभी कोई साइड इफेक्ट नहीं होता अपितु इसी पद्धति के आधार पर नियमित योग और व्यायाम को अपनाकर भी खुद को निरोगी रखा जा सकता है।
इस अवसर पर निकेतन संस्थान के निदेशक डॉ निधि बाला, डॉ. शिव कुमार, प्राकृतिक चिकित्सा थैरेपिस्ट मोहन लाल, सपना शर्मा, चंचला देवी, राज कुमार पठानिया, रमा शर्मा, सुचेता सूद, आरके सोनी, जागीर सिंह, कांता देवी, सपना रानी, राज कुमारी, गुरप्रीत सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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