हिमाचल प्रदेश

एक फोन कॉल पर आक्सीजन कंस्ट्रेटर उपलब्ध करवा रहे कैप्टन संजय

एक फोन कॉल पर आक्सीजन कंस्ट्रेटर उपलब्ध करवा रहे कैप्टन संजय

-पराशर की टीम ने परागपुर के गढ़ में पहुंचाया आॅक्सीजन कंस्ट्रेटर

डाडासीबा-

एक पुरानी कहावत है कि संकट के समय में जो काम आए, वही सच्चा साथी होता है। आज के संदर्भ में इसमें एक बात और जुड़ जाती है कि संकट के समय जो काम आए वह साथी तो है ही, सिपाही भी है। चूंकि काेरोना का संकट काल गहरे जख्म दे गया, बावजूद इस दौर में कुछ ऐसे चेहरे भी दिखे, जिन्होंने मानवता की सेवा करने में तन-मन-धन अर्पित कर दिया और बड़ी बात यह भी है कि अब भी ऐसे योद्धा कोरोना महामारी की इस विकट घड़ी में लोगों को प्राणवायु देने में जुटे हुए हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम है कैप्टन संजय पराशर का, जोकि आज भी एक फोन कॉल पर मरीजों के घर तक ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर पहुंचा देते हैं और किसी की सांसों की डोर को बांधे रखने में सहारा बनते हैं। ताजा कड़ी में उन्होंने पौने घंटे के भीतर जसवां-परागपुर क्षेत्र की परागपुर पंचायत के गढ़ गांव में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर पहुंचाया, जहां एक बुजुर्ग महिला को सांस लेने में दिक्कत पेश आ रही थी। कंस्ट्रेटर से ऑक्सीजन मिलने के बाद महिला की हालत में सुधार होता दिखाई दे रहा है।

गांव की रंजना देवी ने कैप्टन संजय को उनकी मां की बिगड़ती हालत को लेकर फोन किया था और आग्रह किया था कि जल्द से जल्द उनके घर में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। पराशर ने बिना देरी किए अपनी टीम प्रशिक्षित टीम गांव के लिए रवाना कर दी। कंस्ट्रेटर लगाने से पहले ऑक्सीजन लेबल 73 था, जोकि बाद में बढ़कर 88 हो गया। बेटी रंजना का कहना था कि उनकी मां हृदय रोग से पीड़ित हैं आैर दो दिन पहले ही उनका चेक अप करवाया था, लेकिन सुबह जब माता की तबीयत खराब होने लगी तो उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था। तब किसी रिश्तेदार ने पराशर का मोबाइल नम्बर दिया और उनसे संपर्क साधने को कहा। देवी ने बताया कि रिकार्ड समय में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर का बंदोबस्त करना और मरीज के लिए ऐसी निशुल्क व्यवस्था करना सही मायनों में कैप्टन संजय के मानवता की सेवा के गुण को दर्शाता है। संजय पराशर निस्वार्थ भाव से आम जनमानस की सेवा कर रहे हैं और उन्होंने जो उनकी मां के लिए उपकार किया है, उसके लिए उनका पूरा परिवार पराशर का आभारी रहेगा। परागपुर ब्लॉक के पूर्व बीडीसी चैयरमैन गुरचरण सिंह ने कहा कि पराशर की नेक व दूरदर्शी सोच है। जब कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन लेबल अचानक गिर जाने से डेथ रेट बढ़ता जा रहा था तो संजय ने अपने संसाधनों से 37 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर आयात करवाए। उसका असर यह हुआ कि उस वक्त कई मरीजों की जान बचाने में ये ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर सहायक बने तो अब भी उनका सही उपयोग पराशर के प्रयासों द्वारा किया जा रहा है। कैप्टन संजय ने बताया कि ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की व्यवस्था पूर्णतया निशुल्क है और उनकी टीम मरीज के घर तक दो घंटे तक यही मशीन उपलब्ध करवा देती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!