चंडीगढ़, 27 मई: पंजाब सिविल सचिवालय में एक लेडी स्टैनोटाइपिस्ट ने अपना जाली प्रमाण पत्र देकर यह जॉब हासिल हुई थी और जैसे ही सचिवालय के पास शिकायत पहुंची तो इस मामले की जांच के बाद आईएएस अधिकारी अमनदीप कौर ने 5 अगस्त 2021 को पुलिस को शिकायत दी थी और चंडीगढ़ पुलिस ने लंबी जांच के बाद सैक्टर-3 थाने में तीन साल के करीब के बाद आईपीसी की धारा आईपीसी की धारा 420,467,468 व 471 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। महिला की पहचान मूल रूप से जिला रोपड़ के गांव सोतल बाबा निवासी हरदीप कौर के रूप में हुई है, जो चंडीगढ़ के सैक्टर-42 स्थित गांव अटावा के मकान नंबर-5 में रह रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही हरदीप कौर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार श्री मुक्तसर साहिब के मलोट की पुडा कालोनी निवासी विपुल कुमार से प्राप्त हुई शिकायत के साथ
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अपनी वैबवाइट पर हरदीप कौर के 10वीं के प्रमाण पत्र के सबंध में लोड की गई वैरीफिकेशन रिपोर्ट की कॉपी भेजते हुए सूचित किया कि हरदीप कौर की तरफ से नौकरी ज्वॉइन करते समय अपनी शैक्षनिक योग्ता पूरी नहीं की। योग्ता के संबंध में उसने जो 10वीं का प्रमाण पत्र जमा करवाया था, वह फर्जी है। इस मामले की सच्चई जानने के लिए सचिवालय प्रशासन द्वारा जांच की गई और हरदीप कौर द्वारा अपनी शैक्षनिक योग्ता के संबंध में प्रस्तुत किया गए 10वीं के प्रमाण पत्र की पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से दोबारा जांच करवाई गई, जो पाया गया कि पंजाब सिविल सचिवालय में तैनात स्टैनोटाइपिस्ट ने अपनी डय़ूटी ज्वॉइन करते हुए अपनी शैक्षनिक योग्ता के संबंध में फर्जी प्रमाण पत्र व फर्जी सत्यापन रिपोर्ट जमा कर सरकार को चूना लगाया, क्योंकि हरदीप कौर ने ज्वाइनिंग के समय अपनी शैक्षनिक योग्ता संबंधी फर्जी प्रमाण पत्र जमा कर सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया था। उसे अच्छी तरह से पता था कि उसका 10वीं का प्रमाण पत्र फर्जी है। उसने कुछ अन्य गलत काम करने वालों के साथ मिलकर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर यह नौकरी हासिल की। मामले की शिकायत पंजाब सिविल सचिवालय में तैनात आईएएस अमनदीप कौर ने 5 अगस्त 2021 को पुलिस को शिकायत दी थी, जिसके 2 साल 9 माह बाद आखिरकार सैक्टर-3 थाना पुलिस ने 26 मई-2024 को हरदीप कौर के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत के दर्ज किया गया।