पंजाब

एससी/एसटी एक्ट को लेकर हाईकोर्ट का पंजाब के डी जी पी को बड़ा आदेश

तीसरे पक्ष की शिकायत पर एससी/एसटी एक्ट में तब तक एफ.आई.आर. न हो दर्ज जब तक डिस्ट्रिक्ट अटोर्नी सहमति न दे

Updatepunjab Desk : 

एससी/एसटी एक्ट के मामलों में हाईकोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को आदेश दिए हैं कि वह राज्य के सभी एसएसपी को निर्देश जारी करें कि एससी/एसटी एक्ट के तहत अगर कोई तीसरा पक्ष जोकि पीड़ित नहीं है, उसकी एफ.आई.आर. तब तक दर्ज न की जाए जब तक कि डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी इसके लिए अपनी सहमति नहीं दे देते हैं।
हाईकोर्ट में आए एक ऐसे ही मामले में अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि कई लोग और खुद को सामाजिक कार्यकर्ता कहने वाले इस एक्ट का दुरूपयोग कर रहे हैं, जबकि वह पीड़ित नहीं होते। इस लिए इस पर लगाम लगनी जरुरी है। हाईकोर्ट में एक मामला आया था, जिसमे एक पति-पत्नी ने जिसके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था ने जमानत मांगी थी। इन दोनों पर आरोप था कि इन्होने अपनी बहु जोकि अनुसूचित जाति की थी की जाति के बारे में आपत्तिजनक टिपण्णी थी। बेटे ने यह टिपण्णी सोशल मीडिया पर डाल दी।
सोशल मीडिया में इसे देखने के बाद खुद को सामाजिक कार्यकर्ता कहने वाले तीन लोगों ने पति-पत्नी के खिलाफ यह एफ.आई.आर. दर्ज करवा दी। पति-पत्नी ने कहा कि उनकी बहु जोकि कि उनकी टिपण्णी से पीड़ित है ने कोई शिकायत नहीं की, लेकिन जो इस मामले में पीड़ित ही नहीं है, उनकी शिकायत पर एफ.आई.आर. दर्ज कर दी। इस पर हाईकोर्ट ने दोनों को जमानत देते दोनों को मामले की जाँच में शामिल होने के आदेश दे दिए हैं और साथ कहा है कि इस एक्ट का दुरूपयोग किया जा रहा है। इसलिए अब डीजीपी को आदेश दिए गए हैं कि वह एसएसपी को निर्देश जारी करें कि इस एक्ट के तहत किसी तीसरे पक्ष की शिकयत पर डिस्ट्रिक अटॉर्नी की सहमति के बाद ही एफ.आई.आर. दर्ज की जाए।

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