पंजाब

24 लाख छात्रों का भविष्य दांव पर, नीट परीक्षा मामले में एनपीए की चुप्पी ठीक नहीं, उसे सफाई देनी चाहिए: आप

24 लाख छात्रों का भविष्य दांव पर, नीट परीक्षा मामले में एनपीए की चुप्पी ठीक नहीं, उसे सफाई देनी चाहिए: आप

भाजपा सरकार पेपर लीक सरकार है, नीट घोटाले की गहन जांच होनी चाहिए : आप प्रवक्ता बिक्रम जीत पासी

‘आप’ ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच के लिए एसआईटी की मांग की, कहा- जांच में केन्द्र सरकार की दखलंदाजी न हो

भाजपा सरकार बिना पेपर लीक या धांधली के एक भी प्रवेश परीक्षा नहीं करा पाती और बात विश्वगुरु होने की करते हैं : बिक्रम जीत पासी

चंडीगढ़, 20 जून

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने 5 मई को नीट परीक्षा में शामिल हुए 24 लाख छात्रों के भविष्य को खतरे में डालने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की। पार्टी ने इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से एसआईटी बनाने की अपील की और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

गुरुवार को पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए ‘आप’ प्रवक्ता बिक्रमजीत पासी ने प्रश्नपत्र लीक, रिजल्ट की तिथि, ग्रेस मार्क्स और इस मामले पर एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की चुप्पी पर सवाल उठाए। आप नेता ने कहा कि हम इस मामले पर किसी की चुप्पी बर्दाश्त नहीं कर सकते क्योंकि यह 24 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है। इस मामले को हल्के में नहीं लिया जा सकता। (प्रेस कांफ्रेंस में उनके साथ एडवोकेट इंद्रजीत सिंह और गगनदीप सिंह भी मौजूद थे।)

बिक्रमजीत पासी ने कहा कि नीट की परीक्षा 5 मई को हुई थी और इसका रिजल्ट 14 जून को आना था, लेकिन एनटीए ने आम चुनाव के नतीजों की अफरा-तफरी के बीच 4 जून को ही रिजल्ट घोषित कर दिया। उसने 67 छात्रों को 720/720 अंकों के साथ टॉपर घोषित किया। फिर ऐसे छात्र भी रहे, जिन्हें 719, 718, 717 आदि अंक मिले, जो असंभव है। इस परीक्षा में सही उत्तर के लिए उम्मीदवार को 4 अंक दिए जाते हैं, निगेटिव मार्किंग भी होती है, गलत उत्तर के लिए एक अंक काटा जाता है। इसलिए 715, 710, 705 और इसी तरह के अंक हो सकते हैं, लेकिन 719, 718, 717 आदि नहीं। उन्होंने गलत अंक देने को ग्रेस अंक बताकर सही ठहराने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कभी भी ग्रेस अंक देने के आधार और नियमों को सार्वजनिक रूप से नहीं बताया। उन्होंने कहा कि लाखों छात्र यह परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। 16 से 18 घंटे तक पढ़ाई करते हैं। इसलिए एनटीए पारदर्शी और पहले से उल्लेखित प्रक्रिया के बिना अपनी पसंद के कुछ चुनिंदा छात्रों को ग्रेस अंक नहीं दे सकता।

पासी ने कहा कि कुछ छात्रों ने प्रश्नपत्र लीक किए थे। छात्रों ने स्वीकार किया है कि परीक्षा से पहले उनके पास बिल्कुल वही प्रश्नावली थी, लेकिन एनटीए ने इसे ठीक से संबोधित करने के बजाय सिर्फ एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ। अगर यह सच नहीं था, तो इस मामले में बिहार और गुजरात में गिरफ्तारियां क्यों हुईं। पासी ने कहा कि ऐसा लगता है कि एनटीए ठीक से काम नहीं कर रहा है। वह भाजपा सरकार के दबाव में हैं।

पासी ने कहा कि भाजपा भारत में गुजरात मॉडल लागू करने की बात करती है, लेकिन गुजरात में पिछले 11 सालों में 11 बार पेपर लीक हुए। इसी तरह यूपी में भी पेपर लीक होना आम बात हो गई है। व्यापम घोटाले से भी तो सभी लोग वाकिफ हैं। ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार पेपर लीक करने वाली सरकार है। वे लगातार हमारे देश के लाखों छात्रों और युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा विश्वगुरु बनने की बात करती है, लेकिन वे बिना लीक या धांधली के एक प्रतियोगी परीक्षा भी नहीं करा सकते। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट से इस घोटाले की गहन जांच के लिए एसआईटी बनाने की मांग करती है ताकि 24 लाख छात्रों को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि यह प्रवेश परीक्षा काफी महत्वपूर्ण हैं और अगर इनमें भ्रष्टाचार व्याप्त हो गया तो हमारे युवाओं का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। पासी ने मीडिया से भी अपील की कि वे मोदी सरकार की ऐसी विफलताओं के खिलाफ अपनी भूमिका निभाएं और एनटीए से जवाब मांगें ताकि हमारे छात्रों और युवाओं को बार-बार ऐसे संकटों का सामना न करना पड़े।

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