गर्मी से छुटकारा मिल चुका है। सर्दी ने दस्तक दे दी है। यह मौसम हमें याद दिलाता है कि जीवन में कुछ चीजें हमेशा गर्म और ताज़ा रहनी चाहिए, बस हमारी खाने की प्लेट की तरह नहीं। लेकिन आजकल, लोगों को सर्दी का मौसम नहीं, बल्कि अपने पेट का मौसम देखना ज्यादा पसंद है। खाने के नाम पर, कुछ लोग शायद अपने स्वास्थ्य को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।
सर्दी के मौसम में लोग खाने पीने के ज्यादा शौकीन बन जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह। यह मौसम हमें याद दिलाता है कि जीवन में संतुलन सबसे महत्वपूर्ण है, खाने की प्लेट में नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और जीवन में भी। लेकिन क्या करें, लोगों को सर्दी के मौसम में खाने पीने का मूड बेहतर हो जाता है क्यों कि पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है!
नवांशहर से वरिष्ठ समाज सेवी अश्वनी जोशी का व्यंगात्मिक लहजे में कहना है कि “सर्दी में खाना खूब खाओ, और बीमारी का आनंद लो! यही तो है मॉडर्न लोगों का मंत्र। लेकिन क्या यही है जीवन का उद्देश्य? खाने के लिए जीना या जीने के लिए खाना?
आइए, सर्दी के मौसम में हम स्वस्थ और संतुलित जीवन की दिशा में कदम बढ़ाएं। हमें अपने स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए, न कि सिर्फ खाने को। नहीं तो सर्दी के मौसम में भी हमारा स्वास्थ्य ठंडा हो जाएगा!”