*पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पूर्ण अधिसूचना नहीं होने के कारण पंजाब सिविल सचिवालय में जनसभा कर पंजाब सरकार को चेतावनी*
*सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है वह लिखित अस्वाशन,इस पत्र से पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गयी*
चंडीगढ़ 21 नवंबर () : जॉइंट एक्शन कमेटी, पंजाब सिविल सचिवालय के आमंत्रण पर आज सचिवालय के सभी कर्मचारियों ने पंजाब सरकार द्वारा दिनांक 18.11.2022 को जारी अधूरी और अस्पष्ट अधिसूचना जारी करने को लेकर जोरदार रैली की. कर्मचारी सरकार से इस बात से खफा हैं कि सरकार के मंत्रियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा की थी लेकिन सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है वह लिखित अस्वाशन है. वक्ताओं ने कहा कि इस पत्र से पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गयी है.
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों ने पंजाब सरकार को चेताया कि अगर सरकार पंजाब सिविल सर्विसेज रेगुलेशन के नियमों में संशोधन कर तुरंत विस्तृत नीति अधिसूचना जारी नहीं करती है तो अगले सप्ताह से सचिवालय में बड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने 2016 के बाद पदोन्नत कर्मचारियों को पदोन्नति की तिथि से वेतन आयोग में 15 प्रतिशत वृद्धि का विकल्प लागू किया था, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सरकार ने इस विकल्प को कर्मचारी वर्ग के लिए बंद कर दिया है. कर्मचारी नेताओं ने पंजाब सरकार को चेताया और कहा कि सरकार उनकी मांगों को तुरंत पूरा करे, एक-एक कर पुरानी पेंशन बहाल करे, 2016 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को प्रोन्नति की तारीख से कमीशन में 15 प्रतिशत वृद्धि का विकल्प, पंजाब के छठे वेतन आयोग के स्थान पर केंद्र का 7वां वेतन आयोग तुरंत लागू किया जाए और 15.1.15 के पत्र को वापस लिया जाए और महंगाई भत्ते के संबंध में जारी पत्र में संशोधन किया जाए जिसमें महंगाई भत्ते की किश्तों के भुगतान की तारीखें दर्शाई गई हों।
कर्मचारी नेता कुलवंत सिंह, जसप्रीत सिंह रंधावा ने महंगाई भत्ते की शेष किश्तें जारी करने , 200 रुपये विकास कर बंद करने कीं। उन्होंने सचिवालय के निजी कर्मचारियों को मिलने वाले विशेष भत्ते की तर्ज पर सचिवालय के अन्य कर्मचारियों के लिए विशेष भत्ता लागू करने की मांगों को तत्काल पूरा करने की भी अपील की.
संयुक्त मुलज्म मंच के संयोजक सुखचन खैरा ने कहा कि आम आदमी सरकार गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गलत पत्र जारी कर चुनाव में फायदा उठाने के लिए कर्मचारियों को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करते हुए कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए और बयानबाजी कर उनकी भावनाओं से खिलवाड़ न किया जाए तथा आउटसोर्स कर्मचारियों को अनुबंध पर लेकर और आगे तय किए जाने का रास्ता खोला जाए. / दास प्रथा को पूर्णतः बंद किया जाए, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2.59 के फार्मूले के अनुसार पेंशन में वृद्धि की जाए, वेतन आयोग की रिपोर्ट में 113 प्रतिशत महंगाई भत्ता के स्थान पर 119 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए। गणना करते समय जारी किया जाना चाहिए और सभी भत्तों को बंद कर दिया जाना चाहिए। इस रैली में गुरप्रीत सिंह, सुशील कुमार, मिथुन चावला, साहिल शर्मा, इंदरपाल सिंह भंगू, मनदीप सिंह चौधरी, सुखजीत कौर, संदीप कुमार, अलका चौपड़ा, नीलम रानी और पंजाब सिविल सचिवालय से मनदीप कौर और वित्तीय आयुक्त सचिवालय ने भाग लिया।