पूरे विश्व में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉ. मनसुख मांडविया ने की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी की समीक्षा
राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई कि वे सभी कोविड-19 संक्रमित मामलों के नमूने आईएनएसएसीओजी प्रयोगशाला में भेजें, जिससे नए वैरिएंट का पता लगाने में सुविधा हो सके
कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधितों को सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। मैं लोगों से कोविड के टीके लगवाने का भी अनुरोध करता हूं: डॉ. मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कुछ देशों में कोविड-19 मामलों की संख्या में हालिया उछाल को देखते हुए आज भारत में कोविड-19 की स्थिति और इसकी निगरानी, रोकथाम व प्रबंधन को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल, वरिष्ठ अधिकारी और लोक स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित थे।
इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को वैश्विक कोविड-19 स्थिति और घरेलू परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई। डॉ. मांडविया ने विश्व के चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमेरिका जैसे कुछ देशों में कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या से उत्पन्न चुनौती को रेखांकित किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विशेष रूप से त्यौहारों के आगामी सीजन को देखते हुए कोविड-19 के नए और उभरते रूप के खिलाफ तैयार और सतर्क रहने के महत्व पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसे देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को पूरी तरह से तैयार रहने और निगरानी को मजबूत करने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से कोविड उपयुक्त व्यवहार का अनुपालन करने और कोविड के टीके लगवाने का अनुरोध किया।
डॉ. मनसुख मांडविया ने देश में सक्रिय नए वेरिएंट, अगर कोई हो, का समय पर पता लगाने को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) नेटवर्क के माध्यम से वेरिएंट्स की निगरानी करने के लिए संक्रमित मामलों के नमूने के पूरे जीनोम सिक्वेंसिंग (अनुक्रमण) के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने का निर्देश दिया। इससे उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में सुविधा होगी। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे सभी कोविड-19 संक्रमित मामलों के नमूने को सिक्वेंसिंग के लिए दैनिक आधार पर आईएनएसएसीओजी जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशाला (आईजीएसएल) को भेजें, जिससे नए वेरिएंट, अगर कोई हो, का पता लगाया जा सके।
एक प्रस्तुति के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को यह जानकारी दी गई कि 19 दिसंबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत में संक्रमित मामलों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। दैनिक आधार पर यह संख्या घटकर 158 हो गई है। हालांकि, पिछले 6 हफ्तों से वैश्विक दैनिक औसत मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते 19 दिसंबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में 5.9 लाख दैनिक औसत मामले दर्ज किए गए हैं। चीन में कोविड संक्रमणों के व्यापक उछाल के पीछे ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक नया और अत्यधिक संक्रमणीय रुप बीएफ.7 पाया गया है।
इससे पहले जून, 2022 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने “कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशा-निर्देश” जारी कर दिया था। इसमें नए सार्स-सीओवी-2 वेरिएंट के प्रकोप का पता लगाने और उसे रोकने के लिए संदिग्ध और पुष्ट मामलों का शीघ्र पता लगाने, अलगाव, परीक्षण और समय पर प्रबंधन का आह्वाहन किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. आर एस गोखले, आयुष के सचिव राजेश कोटेचा, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल, डीजीएचएस के डॉ. अतुल गोयल, मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री लव अग्रवाल और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा उपस्थित थे।