पंजाब

भाजपा लोकसभा में 13 सीटें हारने का बदला पंजाब के किसानों-आढ़तियों से ले रही है – अमन अरोड़ा

अमन अरोड़ा ने भाजपा नेताओं को झूठी बयानबाजी न करने की दी चेतावनी

केंद्र 15 लाख मिट्रिक टन फसल 1 महीने में पंजाब से मूव हो सकती है तो जनवरी से लेकर अब तक 150 लाख मिट्रिक टन धान क्यों नहीं लिया- अमन अरोड़ा

चंडीगढ़, 25 अक्टूबर

पंजाब की मंडियों में धान की खरीदारी में हो रही दिक्कतों पर आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला है। ‘आप’ के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से पंजाब भाजपा के नेता किसानों और आढ़तियों को गुमराह करने के लिए गलत बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम दस सीटें हारने का बदला नहीं ले रहें हैं। भाजपा लोकसभा में 13 सीटें और विधानसभा की 117 में से 115 सीटें हारने का बदला पंजाब के किसानों और आढ़तियों से ले रही है।

अरोड़ा ने कहा कि हमारी तो पंजाब में सरकार है। हमें लोगों ने ऐतिहासिक बहुमत देकर चुना है। उन्होंने कहा कि पंजाब के बच्चे-बच्चे को पता है भाजपा की मानसिकता पंजाब के प्रति कितनी गंदी है। उन्होंने कहा कि दरअसल केंद्र सरकार और भाजपा नेता अपनी गलती पंजाब सरकार के उपर थोपने की कोशिश कर रहे हैं।

अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 43 हजार करोड़ की सीसीएल लिमिट तो जारी कर दी, लेकिन भाजपा नेताओं तो पता होना चाहिए कि अनाज का असली मालिक केंद्र सरकार है। अनाज भंडारण से संबंधित सारे फैसले केन्द्र सरकार के लागू होते हैं। जब मालिक केंद्र सरकार है तो उसकी अपनी संस्था एफसीआई अपने सिंगल कस्टडी में अनाज क्यों नहीं रख रही?

फिर भी अगर केंद्र सरकार चाहती है कि पंजाब सरकार अनाज को अपने सिंगल कस्टडी में रखे तो वह हमें एफिडेविट दे कि रखरखाव की प्रक्रिया में और वजन व क्वालिटी से संबंधित किसी भी तरह का नुक़सान पंजाब सरकार और शेलर मालिकों को नहीं उठाना पड़ेगा। नुकसान की भरपाई केन्द्र सरकार करेगा।

भाजपा नेता के मिलिंग पॉलिसी वाले बयान पर अरोड़ा ने सवाल करते हुए कहा कि जनवरी में वह पॉलिसी आई। केन्द्र सरकार का दावा है कि उन्होंने 15 लाख मिट्रिक टन अक्टूबर माह में उठाया है, अगर यह जनवरी से किया जाता तो अभी तक 150 मिट्रिक टन अनाज के लिए जगह खाली हो चुकी होती। फिर धीमी लिफ्टिंग क्यों की गई?

आप नेता ने भाजपा नेताओं को झूठी बयानबाजी न करने की सलाह दी और कहा कि आरोप-प्रत्यारोप के बजाय अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और केन्द्र सरकार से इस मसले का समाधान करने को कहें ताकि किसानों की दिक्कतें जल्द दूर हो। उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा नेता अपनी सरकार की नाकामी छुपाने के लिए इस तरह के गलत बयानबाजी कर रहे हैं।

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