पंजाब

कांग्रेसी नेताओं को  अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल के पास जाने के बजाय मुख्यमंत्री  निवास पर जाना चाहिए: बिक्रम सिंह मजीठिया

मणिपुर की घटना को ‘देश के चेहरे पर कलंक’’ बताया

किसानों को संपूर्ण मुआवजा और अतिरिक्त राहत देने की मांग की

सभी किसानों के तथा  अन्य उत्पादक कर्जों पर रोक लगाने की मांग की

डेरा प्रमुख की रिहाई और विशेष सुविधा देने पर विरोध जताया



चंडीगढ़/20जुलाई: शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री  बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज कांग्रेस से कहा है कि वह बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं का समाधान करने के लिए राज्यपाल के पास फर्जी और नाटकीय दौरे  करके पंजाब के लोगों के साथ धोखाधड़ी करना बंद करे। उन्होने कहा, ‘‘ उन्हे अब अपने मुख्यमंत्री के पास जाना चाहिए और उनसे  सिर्फ घोषणा न करके बल्कि राज्य में बाढ़ से तबाह हुए लोगों को राहत प्रदान करने के लिए कहना चाहिए। पंजाब में पूर्ववर्ती कांग्रेस अब आधिकारिक तौर पर आम आदमी पार्टी की एक शाखा है, इसीलिए वे सरकार का ही हिस्सा हैं’’।
मजीठिया ने कहा,‘‘ फर्जी  तौर पर अलग दिखावे के धोखे को छोड़कर कांग्रेस ने वस्तुतः अपनी जगह आप के लिए छोड़ दी है, इसीलिए लोगों और राज्यपाल का समय बर्बाद करने के बजाय, राजा वड़िंग और उनके लोगों को अब ‘‘ अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए अपने मुख्यमंत्री मान के निवास पर जाना चाहिए’’।

यहां  पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस में एक तरह से विभाजन हो गया है, क्योंकि राज्य में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता अपनी ही पार्टी द्वारा किए गए अपमान के कारण कांग्रेसी नेता राहुल गांधी और आप नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा खेले जा रहे कुटिल धोखे के खेल का शिकार हो रहे हैं’’।

पूर्व मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी, अमृतसर की कांग्रेस नेता सोनी और आशु जैसे कई कांग्रेसी नेता आप के साथ इस लेन-देन के लाभार्थी हो सकते हैं, जिसके तहत ये नेता अब अपने राजनीतिक सरेंडर की कीमत पर भ्रष्टाचार के मामलों से बच जाएंगें’’। उन्होने कहा, ‘‘ कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी पार्टी से बुरी तरह ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

मजीठिया ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं, प्रताप सिंह बाजवा और सुखपाल सिंह खेहरा की सराहना करते हुए कहा, ‘‘ भले ही वे हमारे विरोधी हैं, पर मैं उनके प्रति निष्पक्ष हूं, क्योंकि कम से कम उन्होने विपक्ष की भूमिका निभाने की पूरी ईमानदारी से कोशिश की, लेकिन जिस तरह से उनकी अपनी ही पार्टी ने उनकी पीठ में छूरा घोंपा है, मुझे उनके लिए बेहद सहानुभूति है’’।

अकाली नेता ने मांग की, ‘‘ बाढ़ प्रभावित सभी पंजाबियों को पूरा मुआवजा और किसानों को विशेष अतिरिक्त राहत दी जाए, क्योंकि वे अब इस मौसम की फसल नही बो पाएंगें’’ उन्होने कहा कि बुआई का मौसम पहले ही खत्म हो चुका है। अगर इस मौसम में और बारिश नही हुई  तो भी राज्य की अर्थव्यवस्था, खासकर गरीब और संकटग्रस्त किसानों को इस झटके से उबरने में कई साल लग जाएंगें’’। उन्होने कहा कि  सरकार को बाढ़ से प्रभावित किसानों और व्यापार एवं व्यापार इकाइयों के सभी कर्जों की वसूली पर तुरंत रोक लगाने की घोषणा करनी चाहिए।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि पंजाब में बाढ़ से हुई त्रासदी पूरी तरह से‘‘ मानव निर्मित है’’। उन्होने कहा कि केवल तीन यां चार दिन तक बारिश हुई थी। लेकिन यह भी सरकार की पूरी तरह से तैयार न होने को उजागर करने और जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त करने के लिए पर्याप्त था। मैं यह सोचकर कांप उठता हूं कि अगर बारिश आठ-दस दिन तक जारी रहती तो क्या होता। सरकार ने बारिश और बाढ़ के रेड अलर्ट पर ध्यान नही दिया और अब लोगों को इस सरकार की उदासीनता और अक्षमता की कीमत चुकानी पड़ रही है’’।

अकाली नेता ने सिरसा डेरा प्रमुख की रिहाई और विशेष सुविधा दिए जाने का भी कड़ा विरोध किया । उन्होने कहा, ‘‘ वह सलाखों के पीछे रहने का हकदार है’’।

पूर्व राजस्व मंत्री ने मणिपुर में दो लड़कियों के अपमान की शर्मनाक घटना को अपमानजक करार दिया और इसे हमारे देश के चेहरे पर कलंक बताया’। उन्होने राज्य में प्रचलित जंगल के कानून और वहां के जातीय समूहों और अल्पसंख्यकों , विशेषकर ईसाइयों के खिलाफ की जा रही ज्यादतियों को समाप्त करने की मांग की है।

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