पंजाब

पंजाब के संघर्षशील किसानों को बेवकूफ बनाना बंद करो, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुखबीर को चुनावी वादा करने पर आड़े हाथों लिया

कहा, ’हम यह ऐलान पहले ही कर चुके हैं जबकि आप भाजपा के साथ मिलकर हमारे किसानों को बर्बाद करने की साजिश रच रहे थे’
चंडीगढ़, 9 जुलाईः
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को सुखबीर सिंह बादल द्वारा किसानों को बेवकूफ बनाने की शर्मनाक कोशिश करने के लिए आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह कुछ बोलने से पहले तथ्यों की जांच कर लिया करें क्योंकि उन्होंने जो चुनावी वादा किया है, वह ऐलान तो मौजूदा राज्य सरकार पहले ही कर चुकी है।
अकाली दल के प्रधान द्वारा केंद्र के काले खेती कानूनों के खि़लाफ़ संघर्ष दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों के लिए किये ऐलान को मुख्यमंत्री ने सुखबीर द्वारा किसानों को भरमाने की आखिरी कोशिश करार दिया क्योंकि खेती कानूनों के कारण किसान अकाली दल से पहले ही दूर हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ’’क्या आपको लगता है कि पंजाब के किसान इतने नादान हैं जो आपके ऐसे बयानों को मान लेंगे?’’ उन्होंने सुखबीर बादल को ऐसे फ़रेबी बयान देकर राज्य के लोगों के साथ धोखा करना बंद करने के लिए कहा। उन्होंने आगे कहा, ’’आप कुछ ऐसा करने का प्रस्ताव कैसे रख सकते हैं, जो पहले ही लागू की हुई है।’’ उन्होंने कहा, ’’हमने ये ऐलान पहले तब किए थे जब आप हमारे किसानों को बर्बाद करने के लिए अपने राजसी आकाओं भाजपा के साथ मिलकर साजिशें रच रहे थे।’’
मुख्यमंत्री आज सुखबीर की तरफ से दिए उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर शिरोमणि अकाली दल सत्ता में आया तो वह केंद्रीय कानूनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान जानें गवाने वाले किसानों के परिवारों को नौकरी एवं सेहत बीमा देंगे, जब कि यह काले खेती कानून अकालियों और बादलों की सहमति के साथ ही अतिस्तत्व में आए थे क्योंकि वह उस समय पर केंद्र सरकार का हिस्सा थे।
सुखबीर की तरफ से अकाली दल के पंजाब में सत्ता में आने के खियाली पुलाओ पकाने का मजाक उड़ाते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 साल के शासन के दौरान अकाली दल ने राज्य के लोगों को बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि अपने घटिया वायदों से अकाली दल के प्रधान ने साबित कर दिया कि वह जमीनी तौर पर लोगों के साथ पूरी तरह टूटा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से पहले ही किसानी संघर्ष के दौरान जानें गवाने वाले किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपए प्रति किसान मुआवजा दिया जा रहा है। अब तक संघर्ष के दौरान पंजाब के 237 किसानों की जान गई है जिनमें से 191 किसानों को पहले ही मुआवजा दिया गया है जिसकी कुल रकम 9,46,50,000 रुपए बनती है। उन्होंने कहा कि बाकी रहते परिवारों को मुआवजा देना प्रक्रिया अधीन है और जब तक अकाली दल मतदान के लिए अपनी मुहिम को अंतिम रूप दिया जायेगा, उससे काफी पहले यह बाकी रहता मुआवजा अदा कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वह खुद कई महीने पहले संघर्ष के दौरान जानें गवाने वाले किसानों के वारिसों को नौकरी देने का ऐलान कर चुके हैं और राजस्व विभाग की तरफ से उम्मीदवारों के नाम फाईनल करने का काम काफी हो चुका है।
जहाँ तक सेहत बीमे के वायदे का सवाल है, मुख्यमंत्री ने सुखबीर को पूछा, ‘‘क्या आप अखबार भी नहीं पढ़ते?’’ उन्होंने कहा कि पंजाब में मौजूदा कांग्रेस सरकार की तरफ से सरबत सेहत बीमा योजना के अंतर्गत राज्य के सभी किसानों के लिए प्रांतीय सेहत बीमा कवर लाया गया है। उन्होंने कहा कि अकाली दल जानबुझ कर झूठे वायदों से किसानों को गुमराह कर रहा है क्योंकि वह यह स्कीम लागू नहीं कर सकेंगे क्योंकि वह तो पहले ही चल रही है।

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