अम्ब के रामलीला ग्राउंड,में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 5 दिवसीय श्री देवी कथामृत का आयोजन
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा पांच दिवसीय श्री देवी कथामृत का आयोजन रामलीला ग्राउंड, अम्ब में किया गया। कथा के प्रथम दिवस में श्री गुरु आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या साध्वी सुश्री त्रिपदा भारती जी ने कहा कि जब इंसान के अच्छे कर्म इकठ्ठा होते हैं तो वह धार्मिक समागम में पहुंचता है श्री देवी कथा के आगे बड़े-बड़े तीर्थ और व्रत नगण्य हैं। इसके सुनने से पाप सूखे वन की भांति जलकर नष्ट हो जाते हैं, जिससे मनुष्य को शोक, क्लेश, दु:ख आदि नहीं भोगने पड़ते। जिस प्रकार सूर्य के प्रकाश के सामने अंधकार छंट जाता है, उसी प्रकार भगवान की महिमा श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट,व्याधियां और संकोच समाप्त हो जाते हैं।
आगे साध्वी जी ने बताया कि आज मानव समाज सत्य,न्याय, धर्म की परिभाषा को भूलकर अधर्म, पाप की पगडंडी पर अपने पग बढ़ाता है। आज हमारी स्वार्थ परायनता के कारण ही सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत आज काठ की चिड़िया भी नही रह गया चारों ओर गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी की लंबी लाईन है आज देश अपने नागरिको को पेट भर रोटी भी नहीं दे पा रहा। वही देश जिस को आजाद करवाने के लिए न जाने कितने देश भक्त हंसते हंसते अपने जीवन की बली दे गए। परन्तु आज हम बाहर से तो आजाद है पर भीतर विकारों से जकड़े हुए है गुलाम है। जिसका परिणाम है समाज में चारों और फैली अनैतकता, अशांति, अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार का मूल यही कारण है कि हमारी सोच संकीर्ण है जबकि धर्म तो व्यति को विशाल दृष्टिकोण प्रदान करता है। अगर हम सभी समाज में शांति एवं एकता की स्थापना करके अजाद फिजा में सांस लेना चाहते हैं तो हमें धर्म की वास्तविक प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। हमारे समस्त धार्मिक शास्त्रों के अनुसार धर्म एक है जो आदि काल से चलता आ रहा है। वह कहीं बाहर नहीं अपितु हम सब के भीतर है। ईश्वर को अपने अंतःकरण में देख लेना ही वास्तविक धर्म है और संक्षिप्त में कहा जाए तो धर्म का अर्थ अपने मूल परमात्मा से जुड़ना ही है। सब से विचारणीय तथ्य यह है कि हमें अपने मूल ईश्वर से जुड़ने और धर्म के स्वरूप को जानने के लिए एक श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ गुरू के सानिध्य को प्राप्त करना पडेगा । जब जीवन में गुरू का पर्दापण होगा तो वो उस ब्रह्मज्ञान को प्रदान करेगा जिससे ईश्वर का दर्शन हम वास्तविक धर्म से अवगत हो पाएंगे।
प्रभु पिपासुओं ने श्री देवी कथामृत के इस महान यज्ञ में पहुँचकर अपने जीवन को कृतार्थ किया।
इसी अवसर पर विशेष रूप में स्वामी सज्जनानंद जी,साध्वी रुक्मणि भारती जी,साध्वी राजवंत भारती जी,साध्वी कत्यानी भारती जी,सतीश शर्मा(पूर्व चेयरमैन बी डी सी), कृष्णपाल शर्मा (वाइस चेयरमैन जिला परिषद),सुशील कालिया(जिला परिषद दौलतपुर),रजनी मनकोटिया(जिला परिषद),निशा भुल्लर(जिला परिषद),सीमा पटियाल (समाज सेवक),कुलदीप,नीरज नाथ (एडवोकेट),रिचा अरोड़ा,पूनम अरोड़ा,उर्मिला(जिला परिषद),अशमिल मोहम्मद(ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर),संजीव कुमार,विनोद मनकोटिया,एडवोकेट मंगल सिंह राणा और भारी मात्रा में श्रद्धालुगण शामिल हुए।