हिमाचल प्रदेश

मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष के लिए एक लाख रुपये की राशि भेंट

मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष के लिए एक लाख रुपये की राशि भेंट

 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को आज यहां होटल हॉट स्प्रिंग ततापानी के प्रबन्ध निदेशक प्रेम रैणा तथा नगर परिषद् सुन्नी के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष के लिए एक लाख रुपये का चेक भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने इस योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप वर्मा, पीसीसी सदस्य प्रदीप शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

हिमाचल को वर्ष 2025 तक देश का पहला हरित राज्य बनाने का लक्ष्यः मुख्यमंत्री

 

 

सौर ऊर्जा की 500 मैगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार सायं ऊर्जा क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने जलविद्युत, हाईड्रोजन और सौर ऊर्जा का दोहन करने तथा हिमाचल को वर्ष 2025 तक देश का पहला हरित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है, जिससे प्रदेश के औद्योगिक उत्पाद को हरित उत्पादों के रूप में बेहतर मूल्य एवं निर्यात में प्राथमिकता प्राप्त होगी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, हिमऊर्जा, हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को इस दिशा में कार्य करने और आवश्यकतानुसार नीति में बदलाव करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रणाली का नवीनीकरण और राज्य के विकास के दृष्टिगत हरित ऊर्जा का दोहन अति-आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को वर्तमान ऊर्जा नीति में आवश्यक बदलाव लाने और पांच मैगावाट क्षमता तक की सभी सौर ऊर्जा परियोजनाएं आवंटन के लिए खुली रखने के निर्देश दिए। राज्य सरकार सौर ऊर्जा संयंत्रों में निवेश करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-2024 की अवधि के दौरान प्रदेश भर में 500 मैगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी, जिसमें कम से कम 200 मैगावाट क्षमता की परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड (एचपीपीसीएल) द्वारा स्थापित की जाएंगी। इसके दृष्टिगत 70 मैगावाट क्षमता के लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है और अन्य स्थलों को भी शीघ्र ही अन्तिम रूप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 150 मैगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं निजी भागीदारी से हिमऊर्जा द्वारा स्थापित की जाएंगी और इन परियोजनाओं के आवंटन में हिमाचलियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन परियोजनओं की क्षमता की श्रेणी 250 किलोवाट से एक मैगावाट होगी।
उन्होंने हिमऊर्जा को एक ऐसा तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए, जिसमें 3 मैगावाट क्षमता से अधिक की सौर परियोजनाओं में राज्य को रॉयल्टी प्राप्त होने से वित्तीय लाभ मिल सकें। उन्होंने कहा कि यदि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सौर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए भूमि प्रदान की जाती है तो इसके लिए उनसे भूमि की हिस्सेदारी के रूप में कुछ प्रतिशत राशि भी ली जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने हिमऊर्जा को पांच मैगावाट सौर ऊर्जा परियोजना में राज्य के लिए पांच प्रतिशत प्रीमियम और पांच मैगावाट क्षमता से अधिक की सौर ऊर्जा परियोजनओं में 10 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड को काशंग द्वितीय और तृतीय, शॉंग-टांग व कड़छम आदि निर्माणाधीन ऊर्जा परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश के लोग इनसे शीघ्र लाभान्वित हो सकें। उन्होंने प्रत्येक परियोजना के लिए समयावधि निश्चित करने और इन सभी परियोजनाओं को वर्ष 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने एचपीपीसीएल को सौर परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने के लिए 10 दिन के भीतर सलाहकार नियुक्त करने तथा एक माह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए ताकि इन सौर परियोजनाओं का कार्य आरम्भ किया जा सके। ऊर्जा विभाग तथा एचपीपीसीएल अन्य राज्यों जैसे राजस्थान में भूमि चिन्हित करेंगे, जहां मैगा सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने 660 मैगावाट क्षमता की किशाऊ बांध परियोजना की प्रगति की समीक्षा भी की, जिसमें जल घटक भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा 90ः10 अनुपात में वित्तपोषित तथा ऊर्जा घटक हिमाचल और उत्तराखण्ड राज्य द्वारा 50-50 प्रतिशत के अनुपात में साझा किया जाएगा।
इस अवसर पर ऊर्जा विभाग और एचपीपीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सतलुज जल विद्युत निगम ने ऊर्जा क्षेत्र में स्थापित किया बेंचमार्क: मुख्यमंत्री

 

सतलुज जल विद्युत निगम ने ऊर्जा क्षेत्र में स्थापित किया बेंचमार्क: मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू कहा कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) ने विद्युत उत्पादन क्षेत्र में बेंचमार्क स्थापित किया है और एसजेवीएनएल की संयंत्र का उपलब्धता कारक देश में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) और अन्य संबंधित विभाग एसजेवीएनएल की विशेषज्ञता से निश्चित रूप से लाभ उठाएंगे ताकि हिमाचल प्रदेश को ऊर्जा राज्य बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार एसजेवीएनएल की आगामी ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।
उन्होंने एसजेवीएनएल की विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश की ऊर्जा हिस्सेदारी बढ़ाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 1055 करोड़ रुपये के इक्विटी योगदान की एवज में 2355 करोड़ रुपये की लाभांश आय प्राप्त की है और नाथपा झाकड़ी व रामपुर जल विद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत निःशुल्क विद्युत प्राप्त की है जिससे अभी तक लगभग 7000 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि नाथपा झाकड़ी जल विद्युत  स्टेशन (एनजेएचपीएस) से बस-बार दर पर लगभग 4200 करोड़ रुपये की 22 प्रतिशत अतिरिक्त विद्युत भी प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने विद्युत उत्पादन में नवीन तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए कि एनजेएचपीएस, झाकड़ी में हरित हाइड्रोजन उत्पादन पर पायलट संयंत्र प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि एसजेवीएनएल द्वारा परवाणू में सौर मॉडयूल निर्माण संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने एचपीएसईबीएल के अधिकारियों को विभिन्न बिजली परियोजनाओं में उपयोग की जाने वाली मशीनरी के रखरखाव के समय को कम करने के लिए निर्देश जारी किए और इसे पीक पावर उत्पादन के समय में टाला जाना चाहिए ताकि विद्युत परियोजनाओं की दक्षता बढ़े जिससे अधिक आय अर्जित हो सके।
एसजेवीएनएल की हिमाचल प्रदेश में पांच सौर ऊर्जा परियोजनाएं (एसपीपी) प्रस्तावित हैं। जिला ऊना में 112.5 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना (एसपीपी) थपलान स्थापित की जा रही है। इसके अलावा ऊना जिला में 20 मेगावाट क्षमता की एसपीपी भंजाल और कध, कांगड़ा जिला के फतेहपुर में 20 मेगावाट, सिरमौर जिला में 30 मेगावाट एसपीपी कोलार और कांगड़ा जिला के राजगीर में 12.5 मेगावाट क्षमता  एसपीपी की परियोजनाएं पूर्व-निर्माण चरण में हैं।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि सरकार निष्पादन एजैंसी को इन परियोजनाओं को निर्माण के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगी तथा कंपनी को सुविधा प्रदान करने के लिए फ्री होल्ड निजी भूमि की खरीद के लिए नीति में संशोधन के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने आगामी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कहा। इन विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा ताकि इन्हें निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके।
एसजेवीएनएल के मुख्य महाप्रबंधक नंद लाल  शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में निष्पादित की जा रही निगम की विभिन्न विद्युत परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी और उन्हें कंपनी की प्रगति से अवगत कराया।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चंद्र शेखर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, निदेशक ऊर्जा हरिकेश मीणा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, एचपीएसईबीएल के प्रबंध निदेशक पंकज डढवाल और एसजेवीएनएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

राजस्व अधिकारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट की

 

राजस्व अधिकारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट की 

हिमाचल प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष जय गोपाल शर्मा के नेतृत्व में आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अपनी विभिन्न मांगों से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी सभी उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल मनकोटिया, महासचिव एच.एल. गेजटा, अन्य पदाधिकारी व संघ के सदस्य भी उपस्थित थे।

बीबीएन उद्योग संघ के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से भेंट की

 

बीबीएन उद्योग संघ के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से भेंट की

 

बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ उद्योग संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजीव सत्य के नेतृत्व में आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की।
प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी और क्षेत्र के उद्योगों से जुड़े विभिन्न मुद्दों से अवगत कराया।
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