हिमाचल प्रदेश

गरीब परिवारों के साथी बने कैप्टन संजय पराशर -पांच मरीजों को दी आर्थिक सहायता व करवाया उपचार

गरीब परिवारों के साथी बने कैप्टन संजय पराशर

-पांच मरीजों को दी आर्थिक सहायता व करवाया उपचार

डाडासीबा-

कैप्टन संजय सही मायनों में गरीब परिवारों के सच्चे साथी बने हैं। बीमारी के कारण मुसीबत में फंसे ऐसे परिवारों के सदस्यों की मदद कर चुके हैं और मरीजों के उपचार के लिए अपने संसाधनों का भी उपयोग कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने पांच परिवारों को अार्थिक सहायता के साथ गैस चूल्हा, सिलेंडर व बर्तन भी उपलब्ध करवाए। वहीं, सर्प दंश से गंभीर हालत में पहुंच चुके एक युवक भी उपचार करवाया।

दरअसल कैप्टन संजय सामाजिक सरोकारों को लेकर क्षेत्र में बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं। शिक्षा व रोजगार को लेकर उनके द्वारा किए जा रहे सकारात्मक प्रयास किसी से छिपे नहीं है तो इसके साथ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के साथ वह हर पल खड़े नजर आते हैं। जसवां-परागपुर क्षेत्र के स्वाणा गांव के धर्मपाल जिनका उपचार टांडा मेडीकल कॉलेज में चल रहा है, को वहां ले जाने के लिए टैक्सी करनी पड़ती थी। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी सुदृढ़ नहीं है कि वह हर बार इस सुविधा को वहन कर सकते। परिवार ने संजय से संपर्क साधा तो उसके बाद पराशर ने धर्मपाल के परिवहन की व्यवस्था कर दी। इतना नहीं संजय मरीज के साथ अपनी टीम का सदस्य भी भेजते हैं। वहीं, सर्पदंश से पीड़ित बतवाड़ गांव के रंजीत सिंह का इलाज भी संजय ने करवाया। युवक की हालत बिगड़ चुकी थी, लेकिन पराशर ने समय पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवा दी। युवक के स्वास्थ्य में लगातार सुधार होता दिख रहा है। सदवां गांव के थैलीसीमिया रोग से पीड़ित एक व्यक्ति की आर्थिक सहायता की। नुरपुर केू मेहता (घेटा) गांव में गंभीर बीमारी कैंसर से पीड़ित एक व्यक्ति को भी संजय ने दस हजार रूपए की राशि दी। वहीं, टिप्परी पंचायत के लसियार गांव में परिवार के मुखिया की मौत हो गई। पराशर ने जब परिवार की हालत देखी तो पाया कि इस परिवार के पास न तो गैस चूल्हा व सिलेंडर नहीं है और बर्तन व राशन भी नहीं हैं। ऐसे में संजय ने परिवार के नाम से गैस कनेक्शन परागपुर की गैस एंजेसी से खरीद कर दिया। इसके बाद उन्होंने परिवार की रसोई के लिए बर्तन और राशन भी उपलब्ध करवाया। पूर्व बीडीसी चैयरमैन गुरचरण सिंह और बीडीसी सदस्य अनुज शर्मा बताते हैं कि किसी भी जरूरतमंद के लिए पराशर 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं। कोरोनाकाल में उन्होंने दिन-रात संक्रमित मरीजों की सहायता की तो अब भी वह गरीब परिवारों के सबसे बड़े मददगार हैं। आर्थिक रूप से अक्षम गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी में भी योगदान दे रहे हैं तो अब तक कई मरीजों का उपचार अपनी नेक कमाई से करवा रहे हैं। वहीं, कैप्टन संजय ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है और वह इसी ध्येय को लेकर सामाजिक कार्य कर रहे हैं।

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