कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए संत रामपाल के आश्रम ने हरियाणा सरकार को दिया प्रस्ताव
कहा, वर्षों से सील किए उनके आश्रम खोले जाएं, यहां हजारों कोरोना मरीजों के इलाज के लिए हैं काफी जगह
कोरोना के मौजूदा हालातों को देखते हुए संत रामपाल के सतलोक आश्रम ने अब हरियाणा सरकार को प्रस्ताव दिया है कि उनके बरवाला के दो आश्रम जो वर्षों से सील किए हैं, उनमे काफी जगह और कई सुविधाएं हैं, जिन्हे की कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए मौजूदा हालातों को देखते हुए इन दोनों आश्रमों को खोला जाए और यहां कोरोना के मरीजों का इलाज किए जाने की उन्हें इजाजत दी जाए।
सतलोक आश्रम की मैनेजमेंट कमेटी ने रामकुमार कुमा ढाका की अध्यक्षता में इस विषय पर बैठक कर यह निर्णय लिया गया कि इस समय उन्हें सरकार की मदद करनी चाहिए और सरकार के हाथ मजबूत करने चाहिए और बताया है कि बरवाला (हिसार) में उनके दो आश्रम हैं जो 2014 की घटना के बाद दर्ज हुई एफ.आई.आर. के तहत बंद पड़े हैं। इनमे से एक आश्रम 12 एकड़ और दूसरा ढाई एकड़ में है, जहां 300 टॉयलेट्स, 15 कमरे और 8 बड़े हॉल हैं एक बड़ा विशाल भोजन गृह है, जहां 20 हजार लोग एक साथ खाना खा सकते हैं। इसलिए इन दोनों आश्रमों को कोविड हस्पताल में बदले जाने का कमेटी ने सरकार से आग्रह किया है।
ढाका ने कहा कि बड़े हस्पताल में 1000 और छोटे आश्रम में 250 कोविड बेड लगाए जा सकते हैं। अगर उन्हें सरकार इसकी इजाजत देती हैं तो इन दोनों आश्रमों को कोविड हस्पताल बनाए जाने और यहां इलाज के लिए ऑक्सीजन, दवाओं और अन्य जरुरी मशीनों का जो भी खर्च होगा वह खर्च आश्रम उठाने को तैयार है और वह यह शपथपत्र भी देने को तैयार हैं कि जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाएगी तो वह दोनों आश्रम सरकार को वापिस सौंप देंगे।